दिल्ली के पार्कों में सीवेज उपचार के लिए छोटे संयंत्र लगेंगे
नई दिल्ली, ( राजधानी के पार्कों में अब विकेंद्रीकृत सीवेज उपचार संयंत्र (डी-एसटीपी) बनाने की तैयारी है। पायलट परियोजना के तौर पर जलबोर्ड अभी पांच जगहों पर इसका निर्माण करा रहा है।
नई दिल्ली, । राजधानी के पार्कों में अब विकेंद्रीकृत सीवेज उपचार संयंत्र (डी-एसटीपी) बनाने की
तैयारी है।
पायलट परियोजना के तौर पर जलबोर्ड अभी पांच जगहों पर इसका निर्माण करा रहा है। जल मंत्री
सत्येंद्र जैन ने सोमवार को इनमें से एक पीतमपुरा के संदेश विहार पार्क में बन रहे संयंत्र का दौरा किया। इस
दौरान उन्होंने अधिकारियों को पार्क का सौंदर्यीकरण कर बेहतर बनाने के निर्देश दिए। जल मंत्री ने कहा कि
डीएसटीपी सौंदर्य की दृष्टि से भी अच्छा दिखना चाहिए,
साथ ही पार्क में सार्वजनिक सुविधा से समझौता नहीं होना
चाहिए।
डीएसटीपी में एक छोटा सीवेज उपचार संयंत्र है, जिसकी मदद से गंदा पानी जहां से उत्पन्न हो रहा है, उसे उसी
जगह साफ किया जा सके। इस साफ पानी का उपयोग बागवानी के लिए किया जाएगा। वर्तमान में सीवेज उपचार
संयंत्र शहर के एक हिस्से में होता है और वहां तक गंदा पानी लाया जाता है। यह काफी खर्चीला होता है। डीएसटीपी
से शोधित पानी से पार्कों की सिंचाई होने पर भूजल की बचत होगी।
इससे खाद की खरीद पर खर्च होने वाली राशि की बचत होगी। क्योंकि शोधित पानी में सभी आवश्यक पोषक तत्त्व
होंगे। इस प्रकार किसी अतिरिक्त उर्वरक या खाद की आवश्यकता नहीं होगी। कॉलोनियों में बढ़ते जल प्रदूषण,
दुर्गंध और भूमिगत जलस्तर रोकने में मदद मिलेगी। परंपरागत रूप से कॉलोनियों के अंदर सीवर पाइप लाइन का
साइज छोटा होता है, जिससे सीवेज ओवरफ्लो होकर पीने के पानी में मिल जाता है और पानी को दूषित कर देता
है। नई तकनीक में सीवरलाइन का काफी पानी डीएसटीपी में डायवर्ट किया जाएगा। डी-एसटीपी से निकला
उपचारित पानी पार्कों में इस्तेमाल होगा।
पांच जगह जहां लग रहे संयंत्र : शेख सराय, रोज गार्डन, प्रह्लादपुर, संदेश विहार, मॉडल टाउन