'दिल्ली चलो मार्च’ फिर हुआ शुरू तो हिरासत में लिए गए दर्जनों प्रदर्शनकारी

किसान एमएसपी के लिए कानून बनाने और स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें लागू करने की मांग कर रहे हैं. आंदोलन संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा की अगुवाई में हो रहा है।

'दिल्ली चलो मार्च’ फिर हुआ शुरू तो हिरासत में लिए गए दर्जनों प्रदर्शनकारी

किसान एमएसपी के लिए कानून बनाने और स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें लागू करने की मांग कर रहे हैं. आंदोलन संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा की अगुवाई में हो रहा है।

किसान नेताओं ने गुरूवार (7 मार्च) को कहा कि नई दिल्ली जा रहे दर्जनों प्रदर्शनकारी किसानों को हिरासत में लिया गया, जिससे फसल के ऊंचे दामों की मांग के लिए राजधानी में इकट्ठा होनी की उनकी योजना में देरी हो गई. न्यूज एजेंसी रायटर्स बुधवार को यह खबर प्रकाशित की। रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि पुलिस ने कहा है कि उसने किसी भी प्रदर्शनकारी को नहीं पकड़ा है. इसमें कहा गया है

कि किसान नेताओं ने बुधवार को विरोध प्रदर्शन फिर से शुरू करने की योजना बनाई थी, जिसमें देशभर के किसानों से बस और ट्रेन से दिल्ली पहुंचने का आग्रह किया गया था क्योकि उनके ट्रैक्टर रोक दिए गए हैं और भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस और पानी की बैछार का इस्तेमाल किया गया है। रिपोर्ट में संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) के बयान के हवाले से बताया गया है कि किसानों ने दिल्ली की ओर बढ़ना शुरू कर दिया लेकिन कुछ राज्यों में पुलिस ने उन्हें रोक दिया। रॉयटर्स की रिपोर्ट में कहा गया है कि किसान नेताओं ने संवाददाताओं को बताया कि राजस्थान के एक जिले के पचास किसानों को मंगलवार (5 मार्च) की रात हिरासत में लिया गया,

जबकि उसी राज्य से ट्रेन से दिल्ली जा रहे अन्य लोगों को बुधवार को एक पुलिस स्टेशन में हिरासत में लिया गया. वहीं, राजस्थान पुलिस ने कहा है कि किसी भी किसान को हिरासत में नहीं लिया गया है।

न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने भी बुधवार को दावा किया राजस्थान में करीब 100 किसानों को तब हिरासत में लिया गया जब वे दिल्ली जा रहे थे। इसी के साथ उन्होंने दावा किया, ’’दिल्ली में सुरक्षाबलों की भारी तैनाती कर सरकार ने स्वीकार कर लिया है कि विरोध प्रदर्शन राष्ट्रव्यापी है और यह पंजाब और हरियाणा तक सीमित नहीं है.’’ वह अंबाला के नजदीक पंजाब-हरियाणा की शंभू सीमा पर मीडिया से बातचीत कर रहे थे. किसानों की विभिन्न मांगों को लेकर 10 मार्च को चार घंटे के ‘रेल रोको’ प्रदर्शन की अपील भी की गई है। फसलों के एमएसपी की कानूनी गांरटी सहित विभिन्न मांगों को लेकर सरकार पर दबाव बनाने के लिए संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा (केएमएमए) ‘दिल्ली चलो’ मार्च का नेतृत्व कर रहे हैं.

13 फरवरी ‘दिल्ली चलो’ मार्च शुरू किया था लेकिन हरियाणा की सीमा पर पुलिस ने उन्हें रोक दिया था। किसानों और हरियाणा पुलिस के बीच 21 फरवरी को हुई झड़प के दौरान शुभकरण सिंह नामक एक युवक की जान भी चली गई. झड़प में 12 पुलिसकर्मी भी घायल हुए थे।