नवजात के जीवन से खिलवाड़ कर रहे हैं नर्सिंग होम संचालक

नगीना : झोलाछाप डॉक्टर की लापरवाही के चलते दो नवजात की मृत्यु का मामला सामने आया। हालाकि नगीना नगर में झोलाछाप डॉक्टरों की लापरवाही के मामले आये दिन सामने आते रहते है। मगर स्वस्थ विभाग इस ओर ध्यान देने को तैयार ही नही है।

नवजात के जीवन से खिलवाड़ कर रहे हैं नर्सिंग होम संचालक

नगीना : झोलाछाप डॉक्टर की लापरवाही के चलते दो नवजात की मृत्यु का मामला सामने आया। हालाकि नगीना नगर में झोलाछाप डॉक्टरों की लापरवाही के मामले आये दिन सामने आते रहते है।

मगर स्वस्थ विभाग इस ओर ध्यान देने को तैयार ही नही है। हाल ये है कि अन्य किसी नर्सिंग होम में कुछ माह काम करने के बाद

अपना ख़ुद का क्लिनिक (जच्चा बच्चा केंद्र) खोल कर बैठ जाते हैं और ज़्यादा पैसा कमाने की चाहत में अपने कम अनुभव के कारण नवजात शिशु की मृत्यु का कारण बन जाते है।

इनता सब हो जाने के बाद भी स्वस्थ विभाग इन सभी नर्सिंग होम, क्लिनिक (जच्चा बच्चा केंद्र) पर कोई ठोस कार्यवाई नही करता जिसको देख नर्सिंग होम संचालकों के हौसले बुलंद होते जा रहे है।

मौहल्ला लाल सराय स्थित अनाया क्लिनिक (जच्चा बच्चा केंद्र) उदयराज, नीतू व बेबी द्वारा संचालित है। अनाया क्लिनिक पर नार्मल डिलीवरी (प्रसव) के साथ छोटा बड़ा ऑपरेशन भी किया जाता है।

वहीं लाल सराय निवासी गुलिस्ता खातून पत्नी मौहम्मद अफसार व नजीबाबाद निवासी शालू पत्नी सूरज दोनों जच्चाओ को प्रसव पीड़ा होने पर अनाया क्लिनिक (जच्चा बच्चा केंद्र) पर ले गए। जिसके बाद उदयराज, नीतू रानी व बेबी ने दोनों को भर्ती कर

उपचार शुरू कर दिया। डिलीवरी के दौरान चिकित्सिका बेबी ने गुलिस्ता की हालत बिगड़ती देख उसे अपने ही परिचित लीलावती जच्चा बच्चा केंद्र पर नर्सिंग होम पर रेफर कर दिया जहाँ लीलावती जच्चा बच्चा केंद्र संचालक अर्जुन कुमार ने गुलिस्ता के उपचार

के लिए 20 हज़ार रुपए जमा करा कर ऑपरेशन शुरू कर दिया। ऑपरेशन के दौरान नवजात की मृत्यु हो गई और जच्चा गुलिस्ता की ऑपरेशन के दौरान बच्चे दानी फट गई। तथा दूसरी जच्चा शालू को भी प्रसव पीड़ा से परेशान होता देख अनाया क्लिनिक में

भर्ती करवाया। झोलाछाप चिकित्सकों द्वारा शालू का ऑपरेशन किया गया। ऑपरेशन के दौरान जच्चा शालू के साथ मार पीट कर जगा कर रखा गया। तभी शालू बेहोश हो गई। शालू की हालत बिगड़ती देख उदयराज, नीतू व बेबी ने शालू के परिजनों से मरीज

को किसी अन्य अस्पताल में ले जाने सलाह दी। वहीं शालू के परिजनों ने भी अनाया क्लिनिक चिकित्सकों पर आरोप लगाया है कि गलत उपचार के कारण ही जच्चा शालू की बच्चे दानी फट गई और अपने नवजात शिशु पेट मे ही दम तोड़ दिया। दोनों पीड़ित पक्ष

ने इस मामले की लिखित शिकायत थाना नगीना में दे दी है। अपने नवजात शिशु की मृत्यु से दुःखी दोनों परिजनों ने अनाया क्लिनिक पर हंगामा कर दिया। वहीं मौके पर पहुँचे उपनिरीक्षक धर्मेन्द्र कुमार गौतम, हेड कॉन्स्टेबल सोमेश कसाना, आशीष

कुमार व महिला कॉन्स्टेबल शशि बाला ने स्थिति को संभाला और गुस्साये परिजनों को समझा कर शांत किया साथ ही उपनिरीक्षक धर्मेन्द्र कुमार गौतम ने क्लिनिक संचालिका बेबी से एन्ट्री रजिस्टर व उपचार से सम्बन्धित दस्तावेज़ माँगे जिस पर बेवी ने एन्ट्री

रजिस्टर व दस्तावेज़ ना होने की बात कही। वहीं सूचना मिलने पर क्लिनिक पर कुछ सफेद पोश भी आ गए और क्लिनिक

संचालकों व पीड़ित परिवारों में समझौते की बात करने लगे। देखा जाए तो ऐसी घटना होने के बाद इन सफेद पोशो का कूदना आम बात है। इन सफेद पोशो के कारण ही ऐसे मामले दबा दिए जाते है

जिस करण इन झोलाछाप डॉक्टरों के हौसले बुलंद हो रहे। सफेद पोशो का संरक्षण पा कर ही ऐसे जच्चा बच्चा केंद्र धड़ल्ले से चल रहे है और आये दिन किसी ना किसी नवजात शिशु की मृत्यु का कारण बन रहे हैं।