प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र की हालत बदतर। -नहीं मिल रहीं हैं स्वास्थ्य सुविधाएं प्रसूताओं से लिया जाता है सुविधा शुल्क।
सीतापुर। जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र कसमण्डा के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र कमलापुर व बम्हेरा में अवस्थाओं अंबार है इन स्वास्थ्य केन्द्रों में समय पर चिकित्सक नहीं बैठते हैं।जिस वजह से लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है सेवाएं यहां बदहाल हैं ।
सीतापुर। जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र कसमण्डा के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र कमलापुर व बम्हेरा में अवस्थाओं अंबार है इन स्वास्थ्य केन्द्रों में समय पर चिकित्सक नहीं बैठते हैं।जिस वजह से लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है सेवाएं यहां बदहाल हैं ।
शासन स्तर से गांवों में प्राथमिक केन्द्रों की स्थापना इस मकसद से कराई गई थी कि लोगों को प्राथमिक उपचार वहां मिल सके लेकिन देहात क्षेत्र में कई ऐसे उप केन्द्र हैं जो लापरवाही की भेट चढ़े हुए हैं मरीज लौट रहे हैं उन्हें राहत नहीं मिल रही है।
ग्रामीणों का आरोप है कि चिकित्सक समय से नहीं आते हैं पानी की समुचित व्यवस्था न है और ना ही कोई चिकित्सा सुविधा स्वास्थ्य केन्द्र परिसर में नजर आती है। स्वास्थ्य केन्द्र की हालत देखकर लगता ही नहीं कि यहां चिकित्सा सुविधा का लाभ मिल सकता है।
प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र कमलापुर में डॉक्टर, फार्मासिस्ट और वार्ड ब्वाय, सफाई कर्मी सबकी तैनाती है। क्षेत्र के रामनरेश विनोद रामकृष्ण आदि ने बताया कि यह अस्पताल सरकारी कार्यालयों की तरह सुबह दस बजे खुलता है और शाम चार बजे बंद हो जाता है। रात में न तो डॉक्टर और न ही फार्मासिस्ट मिलते हैं। आपातकाल में सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र कसमण्डा या जिला अस्पताल जाने के लिए लोग विवश होते हैं।
अस्पताल पर मौजूद स्वास्थ कर्मी का कहना था कि यहां पर स्वास्थ्य कर्मी चौबिस घंटे मौजूद रहते हैं। इमरजेंसी गर्भवती महिलाओ का इलाज होता है बताया गया कि वहां पर तैनात चिकित्सा कर्मी के द्वारा सुविधा शुल्क के नाम पर पांच सौ रुपए से लेकर एक हजार रुपए तक सुविधा शुल्क लिया जाता है।
इस सम्बन्ध में जब सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र कसमण्डा के अधीक्षक डॉ० अरविंद बाजपेई से जानकारी ली गई तो उन्होंने वही रटे रटाये शब्दों में कहा कि हमें जानकारी नहीं है अब जानकारी हुई है तो हम कार्रवाई करेंगे यह कह कर अपना पल्लू झाड लिया