धीरज बाबा ने रामनवमी के पर्व पर भक्तों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी

बाबा बालक नाथ सिद्ध पीठ सेक्टर 62 नोएडा के पीठाधीश्वर श्री धीरज महाराज ने रामनवमी के पर्व पर भक्तों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी हैं। बाबा बालक नाथ सिद्ध पीठ सेक्टर 62 नोएडा के पीठाधीश्वर श्री धीरज महाराज ने कहा कि रामनवमी भगवान श्रीराम का जन्मोत्सव है।

धीरज बाबा  ने रामनवमी के पर्व पर भक्तों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी

धीरज बाबा  ने रामनवमी पर भक्तों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दीं

बाबा बालक नाथ सिद्ध पीठ सेक्टर 62 नोएडा के पीठाधीश्वर श्री धीरज महाराज  ने रामनवमी के पर्व पर भक्तों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी हैं। बाबा बालक नाथ सिद्ध पीठ सेक्टर 62 नोएडा के पीठाधीश्वर श्री धीरज महाराज ने कहा कि रामनवमी भगवान श्रीराम का जन्मोत्सव है। रामनवमी के पर्व के साथ ही चैत्र नवरात्रि का पूजन भी सम्पन्न होता है। 
  बाबा बालक नाथ सिद्ध पीठ सेक्टर 62 नोएडा के पीठाधीश्वर श्री धीरज महाराज ने कहा कि भगवान श्रीराम ने हमें धर्म का अनुसरण करते हुए जीवन जीने की प्रेरणा दी। उनका सम्पूर्ण जीवन हमें भारतीय संस्कृति के उदात्त गुणों-श्रद्धा, भक्ति, शक्ति, शान्ति, शील तथा सदाचार की प्रेरणा प्रदान करता है।

बाबा बालक नाथ सिद्ध पीठ सेक्टर 62 नोएडा के पीठाधीश्वर श्री धीरज महाराज ने कहा कि भगवान श्रीराम का चरित्र जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में अनुकरणीय आदर्श प्रस्तुत करता है। उनका जीवन चरित्र आदर्श जीवन के साथ ही आचरण की शुद्धता के लिए प्रेरित करता है। मर्यादा पुरुषोत्तम के रूप में भगवान श्रीराम का जीवन हम सभी को त्याग, मर्यादाओं के पालन और कर्तव्य परायणता की सीख देता है। उनके महान चरित्र की उच्च वृत्तियां जन मानस को शान्ति और आनन्द प्रदान करती हैं। उनके चरित्र में पग-पग पर मर्यादा, त्याग, प्रेम और लोक व्यवहार के दर्शन होते हैं।

बाबा बालक नाथ सिद्ध पीठ सेक्टर 62 नोएडा के पीठाधीश्वर श्री धीरज महाराज ने कहा कि रामनवमी का पर्व मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के संदेशों को अपने व्यक्तित्व में उतारने के लिए संकल्पित होने का अवसर है।  पूरे देश के भक्तों के लिये यह अत्यन्त गौरवपूर्ण है कि भगवान श्रीराम की जन्मस्थली अयोध्या है। प्रत्येक वर्ष रामनवमी के अवसर पर देश के कोने-कोने से श्रद्धालु यहां आते हैं।

रामनवमी के पावन अवसर पर भगवान श्रीराम के जन्म को श्रद्धा और भक्तिभाव से मनाने के साथ ही, हमें इस तथ्य का भी बोध होना चाहिए कि प्रभु श्रीराम के आदर्शों को अपने आचरण में उतारने की आवश्यकता है।