बिहार के शिक्षा मंत्री के चित्र पर कालिख पोत अधिवक्ताओं ने जूतों से रौंदा
वाराणसी, 16 जनवरी ( गोस्वामी तुलसीदास द्वारा १६वीं सदी में रचित श्री रामचरितमानस पर विवादित टिप्पणी करने वाले बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर लोगों के निशाने पर है।
वाराणसी, 16 जनवरी ( गोस्वामी तुलसीदास द्वारा १६वीं सदी में रचित श्री रामचरितमानस
पर विवादित टिप्पणी करने वाले बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर लोगों के निशाने पर है। चंद्रशेखर के
रामचरित मानस पर दिए गए बयान से नाराज अधिवक्ताओं के एक गुट ने सोमवार को जिला
मुख्यालय पर उनके चित्र पर कालिख पोत कर उसे जूतों से रौंदा। अधिवक्ताओं ने कहा कि चंद्रशेखर
ने करोड़ों लोगों की श्रद्धा पर जो चोट पहुंचाई है, उसे सनातन धर्मावलंबी कभी बर्दाश्त नहीं करेंगे।
उन्हें देशवासियों से माफी मांगना चाहिए। इसके पहले अखिल भारतीय संत समिति के महामंत्री
स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने भी विवादित बयान पर नाराजगी जताई थी। जितेंद्रानंद सरस्वती ने
कहा कि गोस्वामी तुलसीदास रचित रामचरित मानस और मनुस्मृति पर शिक्षा मंत्री का बयान
निंदनीय ही नहीं, घोर आपत्तिजनक है। जब 1991 के दौर में भारत में उदारीकरण के कारण देश में
आईटी सेक्टर का हब था। तब बिहार मंडल कमीशन की सिफारिशों की आग में जल रहा था। आज
बिहार में शिक्षा की गति लचर स्थिति में है। वहां की सरकार शिक्षा की चिंता छोड़कर लोगों को
जातिवाद की आग में झोंक रही है। बिहार के राजनीतिक दलों का एक यही काम रह गया है।