गठिया की दवा के नाम पर बेच रहे थे जहर

मोदीनगर। बिना लाइसेंस गठिया की दवा बेचने के गोरखधंधे का ड्रग विभाग ने मोदीनगर में भंडाफोड़ किया गया है।

गठिया की दवा के नाम पर बेच रहे थे जहर

गठिया की दवा के नाम पर बेच रहे थे जहर

मोदीनगर। बिना लाइसेंस गठिया की दवा बेचने के गोरखधंधे का ड्रग विभाग ने मोदीनगर में भंडाफोड़ किया गया है। दो जगहों पर छापेमारी कर ड्रग विभाग व पुलिस टीम ने आठ लाख गोलियां बरामद की हैं। जिनकी कीमत करीब 12 लाख रुपये हैं।

आरोपित गठिया की दवा की पुड़िया के नाम पर जहर बेच रहे थे। इन दवाओं का लीवर व किडनी पर बुरा असर पड़ता है। आरोपित दवाओं की खेप उत्तराखंड व हापुड़ से लाते थे। यहां मोदीनगर में इनकी पुड़िया बनाकर गठिया सही करने के नाम पर बेचा जाता था।बरामद हुई दवाओं में स्ट्राइड भी शामिल हैं। ड्रग विभाग के अधिकारियों को पिछले दिनों सूचना मिली थी कि मोदीनगर में गठिया की दवा की पुड़िया बेची जा रही है। इसको लेकर विक्रेताओं के पास कोई लाइसेंस नहीं है। ये दवाएं हानिकारक भी हैं।

सूचना पर टीम सोमवार को गोविंदपुरी स्थित मानवतपुरी में मुकेश भाटिया के दो गोदामों पर पहुंची। देखा तो वहां दवाओं का भारी स्टाक था। लाइसेंस मांगा तो आरोपित घबरा गया। मौके से पैकिंग की छोटी-छोटी पॉलीथीन मिली। इन पॉलीथिन में दवा रखी थी। पॉलीथिन पर एक चिट लगी थी, जिसपर लिखा था गठिया से छुटकारा पाए।टीम ने पॉलीथिन से गोली निकालकर चेक की तो इनमें स्ट्राइड मिले। मौके पर पुलिस को भी बुलाया गया। ड्रग निरीक्षक आशुतोष कुमार ने बताया कि आरोपित भारी मात्रा में अलग-अलग दवाओं को खरीदकर उनकी पुड़िया तैयार करते थे। चार या पांच गोली पॉलीथिन में डालकर गठिया की खुराक तैयार की जाती थी। इसके बाद इन दवाओं को दिल्ली-एनसीआर समेत देश के अलग-अलग हिस्सों में सप्लाई करते थे।

सीएचसी मोदीनगर के डॉ. अधीक्षक कैलाश चंद के मुताबिक, लंबे समय तक इन दवाओं का सेवन सेहत के लिए हानिकारक है। इनसे हाइपरटेंशन, शुगर समेत अन्य बीमारियां होने का खतरा बढ़ जाता है। साथ ही शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी कम होने लगती है।एक पुड़िया की कीमत 50 रुपये थी। पीड़ित अपना मर्ज दूर करने के लिए इनका सेवन करता था। चूंकि इनमें स्ट्राइड हैं तो उन्हेें आराम मिलता था। लेकिन लोग इससे अनभिज्ञ थे कि यह पुड़िया उनके जीवन को खतरे में डाल रही हैं। इसका शरीर पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। लीवर व किड़नी खराब होने की खतरा बनता है।

ये हैं दवाएं
फिनायलबुटाजोन
पिरोसिकेम
डेक्समेटासोन

मोदीनगर एसीपी ज्ञान प्रकाश राय ने बताया कि ड्रग निरीक्षण की तहरीर पर मुकेश भाटिया के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। छानबीन की जा रही है। साक्ष्यों के आधार पर आगे की कार्रवाई सुनिश्चित होगी।