गाजियाबाद में राहत पर दिल्ली में खराब हो रहे हालात
गाजियाबाद। गाजियाबाद के कुछ हिस्सों में वायु प्रदूषण का स्तर पहले की स्थिति को देखते हुए कम होते देखा गया है।
गाजियाबाद में राहत पर दिल्ली में खराब हो रहे हालात
गाजियाबाद। गाजियाबाद के कुछ हिस्सों में वायु प्रदूषण का स्तर पहले की स्थिति को देखते हुए कम होते देखा गया है। लेकिन दिल्ली में अभी वायु प्रदूषण कम होने का कोई बहुत ज्यादा अंतर देखा नहीं गया है। हालांकि, दिल्ली के कुछ इलाकों में पहले की तुलना में प्रदूषण की कमी देखी गई है, लेकिन ज्यादातर क्षेत्रों में अभी भी प्रदूषण का स्तर काफी बढ़ा हुआ है, जिसको देखते हुए स्वास्थ्य का खास ध्यान रखना सबसे ज्यादा जरूरी है। लंबे समय से प्रदूषण वाले क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को कई तरह की बीमारियां होने का खतरा बढ़ जाता है और ज्यादा खतरा बच्चों व बुजुर्गों में बढ़ता है। हालांकि, प्रदूषण को कंट्रोल करके और सेहत का खास ध्यान रख कर ऐसी स्थितियों को कुछ हद तक कंट्रोल किया जा सकता है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक वर्तमान में राजधानी में प्रदूषण का स्तर 300 ।फप् से भी ज्यादा दर्ज किया गया है। हालांकि, यह भी सच है कि कुछ दिन से दिल्ली में मौसम साफ होता हुआ दिख रहा था, लेकिन फिर से कुछ हिस्सों में ।फप् फिर से बढ़ने लगा है। नोएडा और गाजियाबाद के क्षेत्रों की तुलना में दिल्ली में प्रदूषण स्तर ज्यादा है। वहीं फरीदाबाद में प्रदूषण स्तर 900 से भी ज्यादा दर्ज किया गया है।
वैसे तो बढ़ रहा प्रदूषण हर उम्र के व्यक्ति को नुकसान पहुंचाता है और कई तरह की बीमारियां पैदा कर देता है। लेकिन हेल्थ एक्सपर्ट्स का मानना है कि बच्चे व बुजुर्ग इससे जल्दी प्रभावित होते हैं और उन्हें गंभीर बीमारियां होने का खतरा ज्यादा रहता है। इसलिए अगर आप किसी ऐसी क्षेत्र में रहते हैं, जहां प्रदूषण ज्यादा है, तो बच्चों व बुजुर्गों को जितना हो सके घर के अंदर ही रखें।
वायु प्रदूषण के लंबे समय से संपर्क में आना एक नहीं बल्कि कई बीमारियां पैदा कर सकता है जैसे श्वसन प्रणाली, फेफड़े, आंखें, गला और कुछ मामलों में त्वचा भी। लंबे समय से वायु प्रदूषण के संपर्क में रहने वाले लोगों को सांस की बीमारियों से लेकर कैंसर तक जैसी गंभीर बीमारियां हो सकती हैं। इसलिए जितना हो सके इसके संपर्क में न आने की सलाह दी जाती है।
जिन क्षेत्रों में वायु प्रदूषण बढ़ा हुआ है उसे कम करने के लिए सबसे पहले उन चीजों पर रोक लगानी होगी जो ज्यादा धुआं छोड़ती हैं। सरकार ऑफिस आदि जाने के लिए अपनी पर्सनल कार या बाइक लेकर जाने की बजाय मेट्रो या बस आदि का इस्तेमाल करने की सलाह देती है।
कंस्ट्रक्शन आदि के काम के दौरान धूल आदि कम करने के लिए उचित उपाय करने की सलाह दी जाती है।