महाराष्ट्र के 25 जिलों में लम्पी रोग से 126 मवेशियों की मौत

मुंबई, 18 सितंबर ( महाराष्ट्र के 25 जिलों में लम्पी रोग से 126 मवेशियों की मौत हो चुकी है। पशुपालन मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटिल ने बताया कि लम्पी ग्रस्त मवेशियों का टीकाकरण

महाराष्ट्र के 25 जिलों में लम्पी रोग से 126 मवेशियों की मौत

मुंबई, 18 सितंबर ( महाराष्ट्र के 25 जिलों में लम्पी रोग से 126 मवेशियों की मौत हो
चुकी है। पशुपालन मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटिल ने बताया कि लम्पी ग्रस्त मवेशियों का टीकाकरण


किया जा रहा है। साथ ही इस रोग से ग्रस्त जानवरों को अलग रखने की व्यवस्था की जा रही है,
जिससे लम्पी रोग का प्रसार रोका जा सके।


पशुपालन अधिकारी सचिंद्र प्रताप सिंह के अनुसार जलगांव जिले में 47, अहमदनगर जिले में 21,
धुले में 2, अकोला में 18, पुणे में 14, लातूर में दो, सतारा में छह, बुलढाणा में पांच, अमरावती में


सात, सांगली में एक मवेशी की मौत हुई है। लम्पी रोग को गांठदार त्वचा रोग (एलएसडी) भी कहा
जाता है, जो पूरे महाराष्ट्र राज्य में तेजी से फैल रहा है। यह गोवंश का एक त्वचीय वायरल रोग है।


यह रोग न तो जानवरों से जानवरों में और न ही मवेशी के दूध से मनुष्यों में संक्रमण फैलता है।


उन्होंने बताया कि हालांकि यह बीमारी फैल रही है, लेकिन इसका प्रसार गायों और बैलों तक सीमित
है और यह आनुवंशिक बीमारी नहीं है। इस बीमारी के इलाज में आवश्यक दवाओं की खरीद के लिए


डीपीसी के माध्यम से प्रत्येक जिले को एक करोड़ रुपये की राशि उपलब्ध कराई गई है। महाराष्ट्र
एनिमल एंड फिशरीज साइंसेज यूनिवर्सिटी (एमएएफएसयू) के टीके लगाने वालों और प्रशिक्षुओं को


प्रति टीकाकरण 3 रुपये का मानदेय भी दिए जाने का निर्णय लिया गया है।


उन्होंने सभी किसानों से अपील की कि वे अपने प्रभावित मवेशियों को मुफ्त इलाज के लिए नजदीकी
सरकारी पशु चिकित्सा औषधालयों तक ले जाएं और इसकी जानकारी पशुधन विकास अधिकारियों को


दें। ग्राम पंचायतों को कीटनाशकों का छिड़काव करने की सलाह दी गई है क्योंकि यह बीमारी
मक्खियों, मच्छरों आदि से भी फैल रही है।