श्राद्ध पक्ष में प्रथम रविवार पितरों को समर्पित, आम और खास भक्तों से सजेगा दरबार :श्री धीरज महाराज
संत परमानंद जी के ज्ञान के प्रकाश से हमको प्रभु के दर्शन मिलने का रास्ता दिखाई देता है हमें उनके विचारों और उनके ज्ञान से बहुत कुछ सीखने की आवश्यकता है : श्री धीरज महाराज
बाबा बालक नाथ सिद्ध पीठ नोएडा सेक्टर 62 में श्राद्ध पक्ष शुरू होने के बाद पहले रविवार पितरों को समर्पित रहते हुए बाबा के भजनों और गुणगान के साथ मनाया जाएगा जिसमें बाबा बालक नाथ के दर्शन करने के लिए सनातन धर्म के कई प्रमुख चेहरे मंदिर प्रांगण में अपनी गरिमा में उपस्थिति देकर भजन संध्या को और अधिक सुंदर और सुंदर बनाने का कार्य करेंगे
उक्त बात बाबा बालक नाथ सिद्ध पीठ के पीठाधीश्वर श्री धीरज महाराज ने कही उन्होंने कहा कि अपने पूर्वजों के प्रति श्रद्धा का त्योहार श्राद्ध शुरू है हम सबको अपने पितरों के लिए जो कुछ भी पूजा पाठ दान पुण्य विधिवत की जा सकती है करनी चाहिए ।
साथ ही परम पूज्य गुरुदेव श्री धीरज महाराज ने महान श्री प्रेमानन्द जी महाराज के विषय में प्रकाश डालते हुए कहा कि हम सभी को युग के इस संत के दर्शन अवश्य कर लेने चाहिए उन्होंने कहा कि ऐसे संत युगो युवंतर में एक बार धरती पर अपनी उपस्थिति दर्ज करवाते हैं
श्री धीरज महाराज ने बताया कि श्री प्रेमानन्द जी महाराज से वह बहुत प्रभावित है और उनके जितने गुणगान कर सके वह काम है एक ऐसा सेंट जो धरती पर चाहे जो कर सकता है मगर भक्तों के लिए वह निशुल्क परमात्मा का ज्ञान बांट रहा है
जिसे हम सबको ग्रहण कर लेना चाहिए जिससे प्रभु के दर्शन हमेशा साथ हो सके श्री धीरज महाराज ने कहा कि श्री प्रेमानन्द जी महाराजअलौकिक प्रतिभा के धनी और स्वयं भगवान स्वरूप हैं उनके ऊपर साक्षात भगवान श्री कृष्ण का आशीर्वाद है जो बिना किडनी के आज भी हमारे बीच भगवान का गुणगान करते नहीं थकते श्री धीरज महाराज के अनुसार संत परमानंद
श्री प्रेमानन्द जी महाराज
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श्री धीरज महाराज ने कहा कि आप सब पोस्ट करके मज़े ले रहे हैं तो थोड़ा समझदारी दिखाइए न, किसी की बीमारी का मजाक बनाना भी इंसानियत नहीं है, आया समझ। आप धार्मिक न सही पर इंसानियत तो दिखाइये न।
उन्हें न पैसे से मतलब है न लोभ है किसी पद का... न जीवन की लालसा है न मृत्यु का भय है, न पत्नी न बच्चे, न कोई सम्पत्ति की आरज़ू है..
श्री धीरज महाराज ने आगे बताते हुए कहा कि संत परमानंद जी महाराज एक भी पैसा न किसी से लेते हैं न ख़र्च करते हैं।आश्रम पहले से ही था, एक गुरु जी थे इनसे पहले और जब वो गुज़र गए तो इन्हें सब भार दे दिया गया।
इससे पहले ये माँगकर जीवन यापन करते थे और अचानक से श्रीजी की कृपा से इन्हें ये आश्रम में जगह मिल गयी। इनकी दोनों किडनियाँ फेल हैं, लोग इन्हें अपनी किडनी देने को तैयार हैं पर ये किसी को दुःख देकर जीवन का लोभ नहीं कर सकते हैं। हर दूसरे तीसरे दिन डायलिसिस होती है पर चेहरे पर दर्द नहीं दिखाई पड़ता है।
“ इन्होंने कभी भी विज्ञान और चिकित्सा का विरोध नहीं किया है, बल्कि ये हर किसी को अंधविश्वास से दूर रहने और डॉक्टर्स से ईलाज़ करवाने की सलाह देते हैं। ये झाड़ फूँक जादू टोना वाले बाबा नहीं हैं। न ये भविष्य बताते हैं न ही किसी से कहते हैं कि आप इन्हें दान दीजिये। न ये कहीं प्रवचन देने जाते हैं न किसी से घृणा करते हैं। इन्हें राजनीति, धार्मिक उन्माद आदि से कोई मतलब नहीं है, ये सैनिकों का सबसे ज़्यादा सम्मान करते हैं।
बाबा बालक नाथ सिद्ध पीठ के पिता ईश्वर श्री धीरज महाराज ने आगे बताते हुए कहा कि संत परमानंद जी को दो वक़्त की रोटी से मतलब है। और हाँ उनके जितने भी सेवक हैं अनुयायी हैं आश्रम में लगभग सब कहीं न कहीं ठीक ठाक जॉब करते थे। कोई इंजीनियर था तो कोई बैंकर तो कोई आर्मी में अधिकारी... तो वहाँ सब सक्षम हैं। लेकिन बाक़ी बाबाओं पर बात करें तो सब के सब पैसा लेते हैं राजनीति में लगे रहते हैं, समाज को बाँटते हैं पर ये नहीं बाँटते हैं।
ये कबीर से लेकर सन्त रैदास और मीरा तक सब को मानते हैं ।
उम्मीद है जवाब मिल गया है आपको।
धीरज बाबा ने भक्तों को चेताते हुए कहा कि प्रेमानन्द जी महाराज के नाम पर इधर उधर की बात नहीं ठीक है। जब आदमी ग़लत नहीं है तो उनके बारे में सुन नहीं सकता हूँ कुछ भी... आज तक महाराज जी ने विज्ञान पर सवाल नहीं उठाया है, उन्होंने ख़ुद ही दवाओं और तमाम इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स का समर्थन किया है। वो ख़ुद भी दवा के सहारे अपना ईलाज़ करवा रहे हैं।
बाबा बालक नाथ सिद्ध पीठ के पिता ईश्वर जी श्री धीरज महाराज ने कहा कि संत परमानंद चमत्कार नहीं करते हैं बल्कि भक्ति मार्ग में श्रीश्यामाश्याम की प्राप्ति का मार्ग प्रशस्त करते हैं। उन्हें अन्य बाबाओं से तुलना में न रखिये... कुछ ही तो सन्त हैं जिन्हें सन्त कहा भी जा सकता है बाक़ी लोगों ने वैसे ही सब बर्बाद कर डाला है... इसलिए जो हैं उन्हें बदनाम न करिये प्लीज़।
धीरज बाबा ने कहा कि विज्ञान और भक्ति दोनों ही ज़रूरी है। हम अभी तक ब्रह्माण्ड का 0.00000000000001% हिस्सा भी नहीं एक्सप्लोर कर पाए हैं तो हम किसी भी चीज़ को नकार देने की क्षमता नहीं रखते हैं।
प्रेम, भक्ति, विज्ञान और प्रकृति बस ये ही साधन हैं समाज के।
धीरज बाबा ने कहा कि हर चीज़ को आप लोहे के तराजू में नहीं तौल सकते हैं। सोना चाँदी को तौलने के लिए लोहे के बाट का प्रयोग नहीं करते हैं पता है न! इसलिए श्री प्रेमानन्द जी महाराज जी की तुलना बाक़ी सब से न कीजिये।
श्री धीरज बाबा ने कहा कि जिस जिस ने भी इन पोस्ट किया है उन्हें यहाँ मेंशन करके पढ़वा दीजिये और मैं उम्मीद करता हूँ कि हर किसी को सच जानकर थोड़ी समझ आएगी और वो नई पोस्ट करके अपनी ग़लतियों को सुधारने का प्रयास करेंगें।
बाबा बालक नाथ के पीठाधीश्वर श्री धीरज महाराज ने उक्त चर्चा श्री परमानंद जी महाराज के लिए की साथ ही धीरज महाराज ने बताया कि
हर रविवार की तरह आज भी शाम 3:00 बजे से 6:00 बजे तक भजन कीर्तन सत्संग उसके बाद भंडारा होगा
जिसका सीधा प्रसारण बाबा बालक नाथ सिद्ध पीठ सेक्टर 62 नोएडा यूट्यूब चैनल और बाबा बालक नाथ को समर्पित आज का मुद्दा हिंदी दैनिक के ऑफिशल युटुब चैनल के माध्यम से होगा ।। आप सभी परिवार और ईष्ट मित्रों सहित आकर कार्यक्रम का आनंद लें और बाबा जी के आशीर्वाद से अनुग्रहित हों । पितृपक्ष के लिए श्री धीरज महाराज ने कहा कि पितृपक्ष में पितरों को अपनी श्रद्धा अनुसार दान अवश्य करें। जय बाबे दी ।।
बाबा बालक नाथ सिद्ध पीठ के पिता जी ईश्वर श्री धीरज महाराज अपनी हाजिर जवाबी के लिए मशहूर हैं श्री धीरज महाराज में वह साहस है जो गलत को गलत और सही को सही बोलने की हिम्मत रखते हैं धीरज महाराज के बारे में एक बात प्रचलित है कि वह जिसको जो कहना है उसके मुख पर ही कहते हैं हालांकि संतों के बारे में एक बात युगो युगांतर से सटीक बैठती है कि वह जन्म और मृत्यु से परे होते हैं वह नाम की चीज उनके आसपास भी नहीं भटकती बाबा धीरज महाराज की हाजिर जवाबी और लीडर होकर अपनी बात कहने का साहस इसी बात को सिद्ध करती है कि श्री धीरज महाराज डर लोग और सांसारिक गतिविधियों से परे हैं
पीछे का कोई काम नहीं रहता हालांकि आज के संतों में यह बात नहीं बची है मगर श्री प्रेमानन्द जी महाराज की भांति ही धीरज महाराज भी जो बोलना है चाहे सामने जो भी हो उसको उसके मुख पर ही सच का सच और झूठ का झूठा बोलने की ताकत रखते हैं
शायद यह बाबा बालक नाथ के द्वारा प्रदान की गई एक विशेष शक्ति है जो धीरज महाराज को विशेष बनती है श्री धीरज महाराज के दरबार में सप्ताह के प्रत्येक दिन भक्तों का डाटा लगा रहता है और सीधी धीरज महाराज भी बाबा बालक नाथ की तरह ही भक्तों से घुल मिलकर बातें करते हैं
भक्तों की पीड़ा हरने के लिए बाबा से अरदास करते हैं और बाबा बालक नाथ इतने दयालु हैं कि पल भर की देरी भी नहीं करते भक्तों को उनकी मनोकामना के अनुसार उसका फल मिलता है बाबा बालक नाथ भगवान शिव के बाल रूप माने जाते हैं बाबा को विशेष वरदान है कि वह भक्तों के दुख हरने हेतु सक्षम है श्री धीरज महाराज कहते हैं कि बाबा से जो जिसे मांगा उसको देने में बाबा बालक नाथ जरा सी भी देरी नहीं करते