शिवलिंग को फव्वारा कहने वाले लोगों को भारत में रहने का अधिकार नहीं : महिला आयोग उपाध्यक्ष
मेरठ (उत्तर प्रदेश)। उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग के उपाध्यक्ष सुषमा सिंह ने बुधवार को एक विवादित बयान में कहा कि ज्ञानवापी मस्जिद में पाए गए कथित शिवलिंग को फव्वारा बताने वाले लोगों को भारत में रहने का अधिकार ही नहीं है।
मेरठ (उत्तर प्रदेश), उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग के उपाध्यक्ष सुषमा सिंह ने बुधवार को
एक विवादित बयान में कहा कि ज्ञानवापी मस्जिद में पाए गए कथित शिवलिंग को फव्वारा बताने वाले लोगों को
भारत में रहने का अधिकार ही नहीं है।
मेरठ में जागरूकता चौपाल के तहत महिला जन सुनवाई कार्यक्रम में हिस्सा लेने आई सुषमा ने संवाददाताओं से
बातचीत में एक सवाल पर कहा, ‘शिवलिंग को फव्वारा करार दे रहे लोग अपने आप को भारतीय नहीं मानते, जो
कहते हैं
कि हम अपने देश के लिए भारत माता की जय नहीं बोलेंगे। मुझे तो लगता है कि उन्हें इस देश में रहने
का ही अधिकार नहीं है।’
इस सवाल पर कि ज्ञानवापी मस्जिद के वजू खाने के अंदर जो भी चीज मिली है वह शिवलिंग है या फव्वारा,
उन्होंने कहा ‘मैं वहां गई नहीं हूं।
जो सोशल मीडिया और टीवी दिखा रहा है और जो दूसरी बात, इतना पुराना
हमारा इतिहास कहता है
कि जहां-जहां मस्जिद है उसके आसपास या उसके नीचे जब भी खुदाई की गई है तो वहां
शिवलिंग और सांप देवता ही निकले हैं।’
गौरतलब है कि पिछली 16 मई को अदालत के आदेश पर संपन्न हुए ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे के दौरान हिंदू पक्ष
ने मस्जिद के वजू खाने में बने हौज में शिवलिंग मिलने का दावा किया था। उसके बाद अदालत के निर्देश पर उस
स्थान को सील कर दिया गया। मुस्लिम पक्ष शुरू से ही शिवलिंग बताए जा रहे पत्थर को फव्वारा करार दे रहा है।
हिंदू पक्ष के वकील विष्णु जैन ने कहा है
कि अगर शिवलिंग वाकई फव्वारा है तो मुस्लिम पक्ष उसे चला कर
दिखाए।
इस पर ज्ञानवापी मस्जिद प्रबंधन समिति के संयुक्त सचिव सैयद मोहम्मद यासीन का कहना है कि अगर
मौका दिया जाए तो वह फव्वारे को चला कर दिखाने को तैयार हैं।