आखिरी दो गेंद पर जडेजा के जादू से चेन्नई सुपर किंग्स पांचवीं बार बना चैम्पियन

अहमदाबाद,)। चेन्नई सुपर किंग्स ने दो दिन के लंबे इंतजार के बाद अहमदाबाद के मौसम की मनमानी और गत चैंपियन गुजरात टाइटन्स को मात देकर मंगलवार आधी रात के बाद इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) का खिताब रिकॉर्ड पांचवीं बार जीत लिया।

आखिरी दो गेंद पर जडेजा के जादू से चेन्नई सुपर किंग्स पांचवीं बार बना चैम्पियन

अहमदाबाद,। चेन्नई सुपर किंग्स ने दो दिन के लंबे इंतजार के बाद अहमदाबाद
के मौसम की मनमानी और गत चैंपियन गुजरात टाइटन्स को मात देकर मंगलवार आधी रात के


बाद इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) का खिताब रिकॉर्ड पांचवीं बार जीत लिया।
गुजरात ने सोमवार को शुरू हुए वर्षाबाधित खिताबी मुकाबले में बायें हाथ के युवा बल्लेबाज साई


सुदर्शन (47 गेंद, 96 रन) के आतिशी अर्द्धशतक की मदद से चेन्नई के सामने 215 रन का विशाल
लक्ष्य रखा, जिसे बारिश के कारण घटाकर 15 ओवर में 171 रन कर दिया गया। चेन्नई ने


बल्लेबाजों के संयुक्त साहसी प्रयास से यह लक्ष्य आखिरी गेंद पर हासिल करते हुए पांच विकेट से
जीत दर्ज की।


सुदर्शन आईपीएल फाइनल में शतक जड़ने वाले बल्लेबाजों की सूची में भले ही अपना नाम दर्ज नहीं
करा सके,

लेकिन उन्होंने 47 गेंद पर आठ चौकों और छह छक्कों की मदद से 96 रन बनाकर
गुजरात को फाइनल के सबसे बड़े स्कोर तक पहुंचा दिया।


संभवतः अपना आखिरी आईपीएल खेल रहे धोनी की चेन्नई सुपर किंग्स के लिए यह लक्ष्य मुश्किल
था, लेकिन असंभव नहीं।

रोमांच और उत्साह से भरी रात में लंबी खींचातानी के बाद आखिरी दो गेंदों
पर 10 रन की जरूरत थी।

रवींद्र जडेजा ने पहली गेंद पर छक्का और दूसरी गेंद पर चौका जड़कर
चेन्नई को जीत दिला दी।


यह चेन्नई का पांचवां आईपीएल खिताब है और उसने सर्वाधिक आईपीएल जीतने के मामले में मुंबई
इंडियन्स की बराबरी कर ली है।

इन दोनों टीमों के बाद सिर्फ कोलकाता नाइट राइडर्स (दो) ने एक से
अधिक बार यह टूर्नामेंट जीता है।


चेन्नई ने बारिश के बाद घटे हुए लक्ष्य का पीछा तेजी से करना शुरू किया। रुतुराज गायकवाड़ ने
पहले ही ओवर में मोहम्मद शमी को दो चौके जड़ते हुए 10 रन जोड़े, जबकि कॉनवे ने अगले ओवर


में हार्दिक पांड्या को एक छक्का और एक चौका लगाया। गायकवाड़-कॉनवे ने 39 गेंद पर 74 रन की
साझेदारी कर डाली।

मैच गुजरात के हाथ से फिसलता जा रहा था लेकिन नूर अहमद ने सातवें ओवर
में गायकवाड़ और कॉनवे दोनों को पवेलियन भेज दिया।


नूर ने अपने निर्धारित तीन ओवरों में मात्र 17 रन दिये, लेकिन चेन्नई ने उनके हमवतन राशिद
खान के तीन ओवरों में 44 रन बटोरकर इसकी भरपाई कर ली। रनों की बरसात के बीच मोहित


शर्मा ने तीन महत्वपूर्ण विकेट निकालकर गुजरात को मैच में बरकरार रखा। उन्होंने सबसे पहले
रहाणे (13 गेंद, दो चौक, दो छक्के, 27 रन) का विकेट निकालते हुए 11वें ओवर में सिर्फ छह रन


दिये, जबकि 13वें ओवर में अंबाती रायडू (आठ गेंद, 19 रन) और महेंद्र सिंह धोनी को लगातार गेंदों
पर आउट कर दिया।


चेन्नई को दो ओवर में 21 रन चाहिये थे लेकिन शमी ने 14वें ओवर में सिर्फ आठ रन दिये। मोहित
ने आखिरी ओवर की शुरुआती चार गेंदों पर सिर्फ तीन रन दिये, जिसके बाद चेन्नई को दो गेंदों में


10 रन की जरूरत थी। जडेजा ने 20वें ओवर की पांचवीं गेंद पर छक्का जड़कर सबकी सांसें रोक दीं।

आखिरी गेंद पर चेन्नई जीत से चार रन दूर थी। गेंद जडेजा के बल्ले का किनारा छूकर विकेटकीपर
और लेग-स्लिप के बीच से बाउंड्री की ओर चली गयी और चेन्नई ने खिताब जीत लिया।


इससे पूर्व, चेन्नई ने टॉस जीतकर गेंदबाजी चुनी और शुरुआती दो ओवरों में गुजरात के सलामी
बल्लेबाजों को परेशान भी किया। दूसरे ओवर में हालांकि दीपक चाहर ने तुषार देशपांडे की गेंद पर


शुभमन गिल का कैच छोड़ दिया। तीन रन के मामूली स्कोर पर जीवनदान मिलने के बाद गिल ने


देशपांडे के खिलाफ हाथ खोलते हुए लगातार तीन चौके जड़े और साहा के साथ सात ओवर में 67 रन
की साझेदारी कर डाली।


कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने अंततः रवींद्र जडेजा की गेंद पर शानदार स्टंपिंग करते हुए गिल को
पवेलियन लौटाया, लेकिन इससे पहले वह 20 गेंद पर सात चौकों की मदद से 39 रन बना चुके थे।


पहला विकेट गिरने के बाद भी गुजरात की पारी नहीं रुकी और साहा ने तेजी से रन बटोरने की
जिम्मेदारी अपने कंधों पर ले ली।

साहा ने 36 गेंदों पर अर्द्धशतक पूरा करते हुए सुदर्शन के साथ
64 रन की अर्द्धशतकीय साझेदारी की। साहा ने 39 गेंदों की पारी में पांच चौके और एक छक्का


लगाकर 54 रन बनाये जबकि चाहर ने उन्हें धोनी के हाथों कैच आउट करवाया।
अनुभवी बल्लेबाज साहा के 14वें ओवर में पवेलियन लौटने के बाद चेन्नई को उम्मीद होगी कि वह


गुजरात को 200 रन के नीचे रोक सकेगी, लेकिन सुदर्शन ने ऐसा नहीं होने दिया। शुरुआती 12 गेंदों
पर सिर्फ 10 रन बनाने वाले सुदर्शन ने साहा के जाते ही ताबड़तोड़ बल्लेबाजी शुरू कर दी और 33


गेंद में अपना अर्द्धशतक पूरा किया। वह इसके बाद भी नहीं रुके और 17वें ओवर में देशपांडे के
खिलाफ 19 रन जोड़कर शतक की ओर बढ़ने लगे।


सुदर्शन अपने पहले आईपीएल शतक से चार रन दूर मथीशा पथिराना का शिकार हुए, हालांकि इससे
पहले उन्होंने हार्दिक पांड्या के साथ मात्र 32 गेंद पर 81 रन की विस्फोटक साझेदारी करके गुजरात


को 200 रन के पार पहुंचा दिया। पथिराना ने आखिरी ओवर की पहली दो गेंदों पर दो छक्के खाने
के बाद सुदर्शन और राशिद खान का विकेट लिया और अंतिम चार गेंदों पर सिर्फ दो रन दिये।


पथिराना ने चार ओवर में 44 रन देकर दो विकेट चटकाये, जबकि जडेजा और चाहर ने अपने-अपने


चार ओवरों में 38 रन देकर एक-एक सफलता हासिल की। देशपांडे चार ओवर में 56 रन देकर
चेन्नई के सबसे महंगे गेंदबाज साबित हुए।