किताबों की महक चाहिए या ई-बुक्स की सहूलियत?

पेपर व्हाइट किंडल महंगा आता है, लेकिन ई-रीडिंग के लिए यह शानदार अनुभव देता है, जैसे अंधेरे में प्ढ़ने या धूप में पढ़ने की सहूलियत। इसकी बैटरी को एक बार चार्ज कर लो तो हफ्ते भर चल जाती है। कोई शब्द न आता हो तो उस पर उंगली रखते ही शब्दकोष खुल जाता है

किताबों की महक चाहिए या ई-बुक्स की सहूलियत?

टॉकिंग पॉइंट्स 

किताबों की महक चाहिए या ई-बुक्स की सहूलियत?

नरविजय यादव

मुझे तो हाथ में किताब थाम कर पढ़ना अच्छा लगता है, ई-रीडिंग के बारे में सुना बहुत है, लेकिन इच्छा किताब या अखबार को सामने रखकर पढ़ने की ही होती है। पिछले दो वर्षों में लोगों की तमाम आदतों में बदलाव आया तो किताबें कैसे अछूती रहतीं? बहुत से लोगों ने ई-बुक्स और ई-रीडिंग को अपनी आदतों में शुमार कर लिया। इस बारे में कुछ लेखकों और पढ़ने के शौकीनों का मन टटोला तो कई उपयोगी जानकारियां सामने आयीं। सबसे बड़ी बात तो यह कि यात्रा पर निकलते समय भारी भरकम किताबें साथ लेकर चलने से अच्छा है कि अपने मोबाइल, टैब या किंडल रीडर पर मनपसंद किताबें जमा कर ली जायें और मजे से पढ़ने का आनंद लिया जाये। कहते हैं कि अमेजन किंडल सबसे अच्छे ई-रीडिंग ऐप्स में से एक है। आप गूगल स्टोर से यह ऐप डाउनलोड कर सकते हैं और स्मार्ट फोन, टैब या लैपटॉप पर इस्तेमाल कर सकते हैं। वैसे तो और भी बहुत सारे ऐप हैं, लेकिन किंडल सबसे लोकप्रिय है।

पढ़ने से आंखें दर्द करने लगें या काम करते करते किताब का मजा लेना हो तो ऑडियो बुक्स बढ़िया रहती हैं। ई-बुक्स की तुलना में ऑडियोबुक्स थोड़ी महंगी होती हैं। एक माह की मुफ्त सदस्यता मिलती है, उसके बाद हर महीने एक किताब के लिए 99 रुपये का शुल्क देना होता है। कुछ ऑडियो बुक्स निःशुल्क भी मिलती हैं। एक लेखिका ने कहा कि पढ़ने की आदत उनकी सुपर पॉवर है। बात तो सही है, जितना पढ़ा जाये उतना कम है। कहानियां या उपन्यास पढ़ने से कल्पनाशक्ति बढ़ती है और नॉन-फिक्शन पढ़ने से ज्ञान बढ़ता है। कुछ भी पढ़ा जाये, उससे शब्दावली में सुधार होता ही होता है। ई-रीडिंग की आदत डालने के लिए स्मार्टफोन पर किंडल ऐप डाउनलोड करें और मुफ्त वाली किताबें पढ़ने की कोशिश करें। फिर देखें कि आपको क्या पसंद है। ऑडियो बुक्स को भी आज़मा कर देखें। एक बार जब यह कोशिश पूरी हो जाये, तब तय करें कि आप कैसे पढ़ना चाहते हैं। वैसे सच तो यह है कि पढ़ना महत्वपूर्ण है, पढ़ने का तरीका दूसरे नंबर पर आता है।

टैब पर ई-बुक पढ़ने का अपना मजा है, उसमें बहुत सारी सुविधाएं मिलती हैं। जहां तक ध्यान भटकने की बात है, तो नोटिफिकेशन से बचने के लिए ज़ेन मोड को ऑन कर लें। पेपर व्हाइट किंडल महंगा आता है, लेकिन ई-रीडिंग के लिए यह शानदार अनुभव देता है, जैसे अंधेरे में प्ढ़ने या धूप में पढ़ने की सहूलियत। इसकी बैटरी को एक बार चार्ज कर लो तो हफ्ते भर चल जाती है। कोई शब्द न आता हो तो उस पर उंगली रखते ही शब्दकोष खुल जाता है। किंडल ऐप, ईपब ऐप, किंडल रीडर, गूगल प्लेबुक आदि कई ऐप हैं जिन्हें स्मार्टफोन पर इंस्टाल करके मजे से हजारों किताबें पढ़ी जा सकती हैं। एक लेखिका ने कहा कि उन्हें अपने टैबलेट पर किंडल ऐप के जरिए किताबें पढ़ना पसंद हैं। उस पर न केवल फ़ॉन्ट साइज बढ़ाया जा सकता है, बल्कि महत्वपूर्ण हिस्से हाइलाइट करने और नोट्स बनाने की सुविधा भी रहती है। एसोसिएशन ऑफ अमेरिकन पब्लिशर्स के अनुसार, 2014 में ई-बुक्स की मांग कम थी, लेकिन 2020-21 में, ई-बुक्स की मांग 22 प्रतिशत अधिक रही। सर्वे से पता चला है कि किताबें पढ़ने के मामले में 90 प्रतिशत रीडर कॉलेज के छात्र होते हैं।

नरविजय यादव वरिष्ठ पत्रकार व कॉलमिस्ट हैं। 

ईमेल: narvijayindia@gmail.com