भाकियू के कार्यकर्ताओं ने बग़ैर रजिस्ट्रेशन के चल रहे होटलों पर,ज्ञापन सौंप कर बग़ैर रजिस्ट्रेशन के चल रहे होटलों पर कार्रवाई की मांग की

बुलंदशहर/गुलावठी : शनिवार को भारतीय किसान यूनियन (संपूर्ण भारत) ने गुलावठी क्षेत्र में बग़ैर रजिस्ट्रेशन के चल रहे होटलों पर नाराजगी जतायी है।

भाकियू के कार्यकर्ताओं ने बग़ैर रजिस्ट्रेशन के चल रहे  होटलों पर,ज्ञापन सौंप कर बग़ैर रजिस्ट्रेशन के चल रहे  होटलों पर कार्रवाई की मांग की

बुलंदशहर/गुलावठी : शनिवार को भारतीय किसान यूनियन (संपूर्ण भारत) ने गुलावठी क्षेत्र में बग़ैर रजिस्ट्रेशन के चल रहे  होटलों पर नाराजगी जतायी है। भाकियू के कार्यकर्ताओं ने जिलाधिकारी के नाम गुलावठी कोतवाली प्रभारी को ज्ञापन सौंप कर बग़ैर रजिस्ट्रेशन के चल रहे  होटलों पर कार्रवाई की मांग की है। कोतवाली गुलावठी क्षेत्र में चल रहे  होटल का नाम लिखकर देह व्यापार कराने का आरोप लगाते हुए भकियू सम्पूर्ण भारत के कार्यकर्ताओं ने ज्ञापन सौंपते हुए

 ऐसे होटल बंद कराने की मांग की है। भाकियू कार्यकर्ताओं का आरोप है कि नाबालिक बच्चे भी खुलेआम गलत संगत में पड़ रहे हैं। गुलावठी क्षेत्र में लोगों ने दुकानों पर दो कमरों के मकान बनाकर होटलों का नाम से बोर्ड लगा रहे रखे हैं। भाकियू कार्यकर्ताओं का आरोप है कि गुलावठी क्षेत्र कोई औद्योगिक क्षेत्र नही है और ना ही कोइ पर्यटन स्थल है। जहां बाहर से आये लोगों को होटल के अंदर कमरे किराए पर लेने की आवश्यकता पड़ती है।

लेकिन दर्जनों होटल गुलावठी क्षेत्र में बने पड़े हैं। गुलावठी क्षेत्र में बने कुछ  होटल का रजिस्ट्रेशन भी नहीं है। देखने में आ रहा कि गली कूचे में बग़ैर रजिस्ट्रेशन के चल रहे  होटलो के निशाने पर स्कूल के नाबालिक बच्चे भी हैं जो घर से स्कूल तो आते हैं। लेकिन स्कूल की छुट्टी मार कर गलत चाल चलन में पडते जा रहे हैं। जिससे क्षेत्र के युवाओ में गलत संदेश जा रहा है और आने वाली पीढ़ी व हमारे गांव की संस्कृति पर गहरा असर पड़ रहा है। कुछ होटल तो  होटल के मानको को दर किनार करते हुए स्कूल व मंदिरों के बिल्कुल पास में ही बने हुए हैं।

सिकंदराबाद रोड का आलम तो ऐसा है कि गुलावठी से लेकर नाथूगढ़ी, देवली तक एक किलोमीटर के एरिया है जहां सुनसान जगह पर भी  होटल बने हुए हैं। जिनमें केवल जोड़ों से लोग आते जाते हैं। इस तरह की गतिविधि समाज के लिए घातक है। बग़ैर रजिस्ट्रेशन के चल रहे  होटलो को तत्काल प्रभाव से बंद करने की आवश्यकता हैं। भारतीय किसान यूनियन संपूर्ण भारत ने कहा कि अगर तत्काल प्रभाव से इनको बंद नहीं कराया गया तो भाकियू संपूर्ण भारत आंदोलन के लिए विवश होगी। जिसकी जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी।

इस मौके पर मुख्य रूप से मोहम्मद आसिफ, जैकी, रवि, जीशान, भोली, हैप्पी, अवनी टंडन, अमित, दिनेश, मोहित, नाजिम, इकरामुद्दीन, पंकज चौधरी सहित भारी संख्या में भाकियू कार्यकर्ताओं ने भारी रोष के साथ अपनी नाराजगी व्यक्त की है।