संघदीप बुद्ध विहार सुनहरा पर हुआ भीम महोत्सव
सदर क्षेत्र के ग्राम सुनहरा में भीम महोत्सव का आयोजन किया गया उक्त दिवस के मनुस्मृति दहन दिवस को बहुजन मुक्ति दिवस के रूप में मनाया गया।
संघदीप बुद्ध विहार सुनहरा पर हुआ भीम महोत्सव
आज का मुददा बुलंदशहर (त्रिलोक चन्द)
सदर क्षेत्र के ग्राम सुनहरा में भीम महोत्सव का आयोजन किया गया उक्त दिवस के मनुस्मृति दहन दिवस को बहुजन मुक्ति दिवस के रूप में मनाया गया। कार्यक्रम संयोजक प्रदीप कुमार अशोक एडवोकेट ने बताया कि कार्यक्रम सुबह 11:00 बजे से शुरू हुआ और देर रात तक चला। कार्यक्रम की शुरुआत में भंते प्रज्ञा राशि माथेरा ने बुद्ध विहार मे तथागत बुद्ध की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलित किया और पंचशील एवं बुद्ध वंदना कराने के बाद फीता काटकर कार्यक्रम का भी आरंभ किया। भिक्खू प्रज्ञा रश्मि महाथेरा के साथ भिक्खू धम्मकृति अमरोहा, राहुल बौद्धि, भिक्खू मोती राम साथ रहे।अध्यक्षता भिक्खू प्रज्ञा रश्मि महाथेरा ने की एवं संचालन प्रदीप कुमार अशोक एडवोकेट ने किया।
कार्यक्रम में वक्ता प्रोफेसर डॉक्टर सतीश प्रकाश ने कहा कि देश में पिछले कुछ समय से दलितों के हालात बदले हैं और देश मे शिक्षा एवं नौकरियों में निजीकरण जोर पर है एवं दलितों को शिक्षा एव सरकारी नौकरियो से दूर किया जा रहा है, एवं बाबा साहब पर सरकार कुठाराघात कर रही है। शकुन बौद्ध गाज़ियाबाद ने कहा कि बाबा साहब ने महिलाओं के हक व अधिकारों के लिए जीवनपर्यंत संघर्ष किया और पुरुषों के बराबर अधिकार दिलाए लेकिन सभी वर्गो की महिलाओं ने बाबा साहब के संघर्ष को कभी नहीं समझा, बाबा साहब महिलाओं और दलितों के भगवान थे जिन्होंने जीवन में कभी अपने लिए सुख नहीं लिया और अपने चार बच्चे बहुजन समाज के लिए न्योछावर कर दिए।
बुद्ध अलंकार बौद्ध ने कहा कि डॉ भीमराव अंबेडकर ने सदैव पाखंडवाद एवं जातिवाद का विरोध किया और उन्होंने समानता लाने के लिए दो किताबे दी एक किताब भगवान बुद्ध और उनका धर्म एवं दूसरी किताब भारत का संविधान लिखकर दिया। लेकिन देश मे कुछ संकीर्ण मानसिकता के लोग आज भी भारत के संविधान एव बाबासाहेब पर कुठाराघात कर रहे हैं। संसद में संविधान की प्रतिया जलाते हैं। जब तक अम्बेडकरवादी देश में बाबा साहेब द्वारा पुनर्जीवित किया गया बुद्ध का धर्म नहीं अपनाएंगे तब तक देश में समानता नहीं आ सकती।
आज भी देश मे दलितों पर देश मे अत्याचार हो रहे है, मुछ रखने पर हत्याये हो रही है, घोड़ी पर बैठकर बारात निकलने पर हत्याये हो रही है, यह सब बुद्ध का धम्म अपनाने से ही खत्म हो सकती है। इसलिये अंबेडकरवादी लोगों को बुद्ध का मार्ग अपनाना होगा तभी देश में समानता आ सकती है। भिक्खूनी धम्म विनिया ने कहा कि बाबा साहब ने सदैव महिलाओं के सम्मान के लिये कार्य किया लेकिन महिलाएं आज भी चेहरे पर घूंघट रखती है जबकि पुरुषो को एक बेटी व बहू को समाज समानति का अधिकार देना चाहिये। महिलाएं आज भी पाखंडवाद में लिप्त है
उन्हे अंधविश्वास और पाखण्डवाद से निकलकर भारत के सविधान को मानकर शिक्षा से ही उनके जीवन के द्वार खुल सकते हैं शिक्षा के अधिकार से ही डॉक्टर, वकील, इंजीनियर, पायलट और जज बन सकता है। और देश में पर्दा प्रथा दहेज प्रथा को बंद करना जरूरी है ऐसा आम जन को सोचना होगा तभी भारत का सविधान मूर्त रूप से लागू होगा। कार्यक्रम मे सांस्कृतिक कार्यक्रम मे गीतकार दिल्ली हे शशीभूषण, सघमित्रा गौतम, कान्ता भारती, नोयडा से नरेन्द्र कर्दम रहे। कार्यक्रम की संयोजक टीम मे त्रिलोकराज सिह, आरके सिह डिक्की चैयरमैन, विनोदराव पूर्व ब्लॉक प्रमुख, मनवीर सिह पूर्व ब्लॉक प्रमुख, हर्षउदय चन्द्रा
एडवोकेट, पवन निम एडवोकेट, कपिल गौतम प्रेम एडवोकेट, संजीव गौतम, सत्यपाल सिह, शिवकुमार, डा पुष्पराज सिह, डा वीरेन्द्र सिह, डा राजकुमार, बुद्ध प्रिय अशोक, शिक्षक नेता कौशल किशोर, जितेन्द्र गौतम, राजेन्द्र सिह, डा अजय, हरीश कुमार, डा राहुल सागर, मनोज प्रधान, नीरज एडवोकेट, हेमेन्द्र एडवोकेट, महेन्द्र मालवा, किशनपाल, लाखन सिह, सिद्धार्थ गौतम, महेन्द्र सिह साथ रहे। कार्यक्रम के अन्त मे पूर्व विधायक मुशीलाल गौतम ने अपने सम्बोधन से कार्यक्रम का समापन किया और कहा कि बाबासाहेब एक समाजसेवी, पत्रकार, राजनैतिक, कुशल वक्ता, और अर्थशास्त्री जिन्होने पूरे देश के लिया काम करके सम्मान दिलाया और सभी वर्गो को सम्मान दिलाया उनके सम्मान के लिये हम जीवनपर्यंत सघर्ष करते रहेगे।