जीवन को सभ्यक व समग्र रूप से देखना ही योग है -आचार्य सत्यवीर शर्मा

गाजियाबाद,शुक्रवार 31 दिसम्बर 2021,केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के तत्वावधान में "योग और आयुर्वेद" विषय पर ऑनलाइन गोष्ठी का आयोजन किया गया।

जीवन को सभ्यक व समग्र रूप से देखना ही योग है -आचार्य सत्यवीर शर्मा

योग और आयुर्वेद" पर गोष्ठी सम्पन्न

जीवन को सभ्यक व समग्र रूप से देखना ही योग है -आचार्य सत्यवीर शर्मा

गाजियाबाद,शुक्रवार 31 दिसम्बर 2021,केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के तत्वावधान में "योग और आयुर्वेद" विषय पर ऑनलाइन गोष्ठी का आयोजन किया गया।

योगनिष्ठ आचार्य सत्यवीर शर्मा ने कहा कि योग एक दर्शन है जो जीवन को सभ्यक व समग्र रूप से देखने की शक्ति प्रदान करता है।योग से स्वयं को जानने, समझने व पहचानने की शक्ति मिलती है।जिसने स्वयं को जान लिया फिर वह धोखा नहीं खा सकता।आत्म ज्ञान से अहंकार से बचा जा सकता है।अपने देह में रहना यानी स्वयं में रहना।रोग, शोक,चिन्ता में तो रहते है पर स्वयं में नही रहते इसी मूल की भूल को समझना है और उसके कारण का निदान कर स्वस्थ रहना है यही आयुर्वेद का संदेश है। 
केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य ने कहा कि योग जीवन का आधार है,जीवन शक्ति और आयुर्वेद सर्वोत्तम स्वस्थ रहने की विधा है।

राष्ट्रीय मंत्री प्रवीण आर्य ने भी दैनिक जीवन योगमय बनाने पर बल दिया।

मुख्य अतिथि भटिंडा के वैद्य प्रदीप कटारिया व अध्यक्ष आर्य समाज सेक्टर 33 नोएडा के प्रधान शैलन जगिया रहे उन्होंने भी आयुर्वेद को सर्वाधिक श्रेष्ठ बताया।

गायक रविन्द्र गुप्ता,दीप्ति सपरा, प्रवीना ठक्कर,सरोज शर्मा,विजय खुल्लर,बिन्दु मदान,जनक अरोड़ा, प्रतिभा कटारिया,रजनी गर्ग,रजनी चुघ,सुदेश आर्या के मधुर भजन हुए।

हापुड़ से आनन्द प्रकाश आर्य, ओम सपरा,डॉ.विपिन खेड़ा, उर्मिला आर्य,देवेन्द्र गुप्ता, राजेश मेहंदीरत्ता,महेंद्र भाई,आस्था आर्या,देवेन्द्र भगत आदि उपस्थित थे ।