कारों में 6 एयरबैग लगाने के खिलाफ क्यों है मारुति सुजुकी?

नया नियम 1 अक्टूबर, 2022 से लागू होना है। हालांकि कार कंपनियां दुविधा में पड़ गयी हैं। महामारी ने पहले ही वाहन उद्योग की कमर तोड़ रखी है। कच्चे माल और चिप की कमी से कार इंडस्ट्री पहले ही जूझ रही थी, अब इस नए नियम से उसे वाहनों में कई तरह के बदलाव करने पड़ेंगे और कारों की कीमतों में अच्छी खासी वृद्धि भी करनी पड़ेगी।

कारों में 6 एयरबैग लगाने के खिलाफ क्यों है मारुति सुजुकी?

टॉकिंग पॉइंट्स 

कारों में 6 एयरबैग लगाने के खिलाफ क्यों है मारुति सुजुकी?

नरविजय यादव

केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय कारों में एयरबैग बढ़ाने का निर्णय ले चुका है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के अनुसार, आठ सवारियों वाली कार में छह एयरबैग होने अनिवार्य हैं। नया नियम 1 अक्टूबर, 2022 से लागू होना है। हालांकि कार कंपनियां दुविधा में पड़ गयी हैं। महामारी ने पहले ही वाहन उद्योग की कमर तोड़ रखी है। कच्चे माल और चिप की कमी से कार इंडस्ट्री पहले ही जूझ रही थी, अब इस नए नियम से उसे वाहनों में कई तरह के बदलाव करने पड़ेंगे और कारों की कीमतों में अच्छी खासी वृद्धि भी करनी पड़ेगी। एक एयरबैग की कीमत पांच हजार से दस हजार के बीच आती है, ऐसे में छह एयरबैग लगाने पर एक कार की कीमत में कम से कम 50 हजार रुपए या इससे ज्यादा की वृद्धि हो जाएगी। यह भार ग्राहकों को झेलना पड़ेगा। कार कंपनियों को अपने मौजूदा मॉडलों में कुछ मूलभूत बदलाव करने पड़ेंगे, उसका खर्च अलग होगा।

 

भारत में सड़क दुर्घटनाओं से मरने वालों की संख्या कम होने का नाम नहीं ले रही है। वर्ष 2005 से 2019 के बीच सड़क दुर्घटनाओं में हुई मौतों का आंकड़ा 20 लाख से ऊपर है। खुद नितिन गडकरी के हिसाब से, साल 2020 में ही राजमार्गों और एक्सप्रेसवे पर करीब 48 हजार लोग मारे गए थे। एक और तथ्य यह है कि सड़क दुर्घटनाओं में, चौपहिया वाहनों से ज्यादा (37 प्रतिशत) मौतें दोपहिया वाहन सवारों की हुई हैं। यह आंकड़ा साल 2020 में सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा जारी एक रिपोर्ट पर आधारित है।  भारत में दोपहिया वाहन चालकों के लिए सड़क दुर्घटना का जोखिम चौपहिया वाहन चालकों की तुलना में 20 गुना अधिक है। इंश्योरेंस इंस्टीट्यूट फॉर हाईवे सेफ्टी द्वारा किए गए शोध के अनुसार, साइड एयरबैग जो सिर की रक्षा करते हैं, ड्राइवर साइड-क्रैश में कार चालक की मृत्यु के जोखिम को 37 प्रतिशत और एसयूवी चालक के जोखिम को 52 प्रतिशत तक कम कर देता है। फिलहाल एयरबैग को लेकर जो नियम प्रभाव में है उसके अनुसार, अनिवार्य रूप से दो एयरबैग लगाने का नियम अप्रैल 2021 के बाद निर्मित सभी कारों पर लागू है।

 

अनेक वाहन निर्माताओं ने मंत्रालय के नए प्रस्ताव को ठीक बताया है, परंतु मारुति सुजुकी के चेयरमैन आरसी भार्गव ने इसकी आलोचना करते हुए कहा है कि नीति निर्माताओं को उपभोक्ता के संदर्भ में सोचने की जरूरत है, क्योंकि अधिक एयरबैग लगाने से वाहन की जो कीमत बढ़ेगी, वह जनता को भुगतनी पड़ेगी, जो उन पर बोझ बन सकती है। साइड टोरसो और कर्टेन एयरबैग को शामिल करने से बेशक बजट सेगमेंट वाली कारों की सुरक्षा रेटिंग में सुधार होगा, लेकिन यह निस्संदेह कार की खरीद लागत में वृद्धि करेगा। एंट्री-लेवल की कार निर्माता जैसे मारुति सुजुकी, निसान, रेनॉल्ट के पास वैकल्पिक छह एयरबैग वाला एक भी मॉडल नहीं है, जबकि ह्युंडई की सेंट्रो और आई10 ग्रैंड जैसे एंट्री-लेवल मॉडल में भी केवल डुअल एयरबैग हैं। एयरबैग और सीट बैल्ट का ठीक से इस्तेमाल हो तो दुर्घटना के दौरान शरीर को होने वाले नुकसान को कम किया जा सकता है। इसी तरह से सही हेलमेट का उपयोग मृत्यु दर को 42 प्रतिशत तक कम कर सकता है। इस समय छह एयरबैग का विकल्प देने वाली कारों की कीमत 15 लाख रुपये से अधिक है।

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नरविजय यादव वरिष्ठ पत्रकार व कॉलमिस्ट हैं। 

ईमेल: narvijayindia@gmail.com