दिल्ली में G20 समिट हुआ G21, भारत के प्रधानमंत्री की सभी देशों के राष्ट्रपतियों ने की सराहना

दिल्ली में G20 समिट delhi g21

दिल्ली में G20 समिट शुरू

नई दिल्ली में आज यानी 9 सितंबर को G20 समिट का आगाज हो चुका है। इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारत मंडपम पहुंच चुके हैं।

सदस्य देशों के राष्ट्राध्यक्ष के भी यहां पहुंचने की शुरुआत हो चुकी है। इन सभी को पीएम मोदी रिसीव कर रहे हैं।

शिखर सम्मेलन की शुरुआत फोटो सेशन के साथ होगी। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी वेलकम स्पीच देंगे।

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने g20 सम्मेलन की रूपरेखा ही बदल कर रख दी जब उन्होंने अफ्रीकी यूनियन के अध्यक्ष देश को g20 क्लब में शामिल कर कर इसे g20 से जी-21 बना दिया इन विलक्षण क्षणों में अफ्रीकी राष्ट्रपति ने शामिल होकर खुद को गौरव  महसूस किया

जिसका स्वागत भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गले लगा कर बधाई देकर किया उससे पहले भारत के विदेश मंत्री जयशंकर प्रसाद अफ्रीकी यूनियन के अध्यक्ष राष्ट्रपति को लेकर उनकी सीट तक पहुंचाने का कार्य कर रहे थे

एक नए देश को g20 में शामिल होने के लिए सभी देशों ने अपनी सहमति दी जिसके बाद भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अफ्रीकी यूनियन के अध्यक्ष को g20 सम्मेलन में g21 नाम देकर उनका स्वागत किया

जिसका सभी देशों के राष्ट्रपतियों और प्रधानमंत्री ने सम्मानपूर्वक क्लब में शामिल होने के बाद बधाइयां देने का ताता लगा रहा जी-20 सम्मेलन में भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रोपति मुर्मू ने भी भागीदारी दी और सभी देशों को शुभकामनाएं दी और कहा कि यह सम्मेलन जी-21 होने से और खास हो गया है क्योंकि क्लब में एक और नए देश की एंट्री हुई है

जो शांति की तरफ एक नया कदम है उन्होंने भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि नरेंद्र मोदी शांतिदूत के तौर पर देखे जा सकते हैं क्योंकि उनके नेतृत्व में लगातार आपसी समझौते बढ़ रहे हैं

अफ्रीकी यूनियन के अध्यक्ष के बढ़ जाने से जी-20 g20 न होकर g21 हो गया

अफ्रीकी यूनियन के अध्यक्ष के बढ़ जाने से जी-20 g20 न होकर g21 हो गया द्रोपति मुर्मू ने कहा कि मुझे विश्वास है कि यह देश आपसी सहयोग और सभी देशों के प्रति अपने विचार सकारात्मक रखते हुए आम सहमति से कार्य करने के लिए जाना जाएगा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अफ्रीकी यूनियन के अध्यक्ष को स्थाई सदस्यता दिलाने के लिए लगभग 200 से अधिक बैठकें सभी देशों के साथ की और प्रस्ताव रखा जिसका अफ्रीकी यूनियन के अध्यक्ष ने तहसील से धन्यवाद दिया कहा कि नरेंद्र मोदी अविश्वसनीय है उनके अंदर प्रतिभा कूट-कूट कर भरी हुई है

आने वाले समय में नरेंद्र मोदी जी पूरी दुनिया के लिए एक विकास पुरुष के रूप में जाने जाएंगे उनके नेतृत्व में भारत आज नित्य नई ऊंचाइयों को छू रहा है

नरेंद्र मोदी ने सभी देशों के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री का आभार प्रकट करते हुए कहा कि अफ्रीका की फ्रंट यूनियन के अध्यक्ष को स्थाई सदस्यता देने के लिए सभी का दिल से धन्यवाद कर्तव्य हो कि मान्य प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में जी-20 का स्वरूप बदलने की प्रक्रिया शुरू हुई थी

और वह अब स्वरूप बदलकर जी 21 हो गई है यह एक विशेष और अनोखा चढ़ता जब नरेंद्र मोदी ने अफ्रीकी फ्रंट के अध्यक्ष को गले लगा कर क्लब में शामिल किया

इसके बाद सदन में सभी देशों के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने तालियां बजाकर नरेंद्र मोदी जी और अफ्रीकी फ्रंट के अध्यक्ष का जोरदार स्वागत किया यह वही विलक्षण था

जिससे पूरी दुनिया भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ आंख लगाकर बैठी थी इससे भारत के संबंध अफ्रीकी देशों से और मजबूत होंगे और आने वाले सम्मेलन में मान्य नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में शायद यह है जी 21 न रहकर यह क्लब और बड़ा हो जाए इसके लिए नरेंद्र मोदी जी ने प्रयास करने भी आरंभ कर दिए हैं

जी-20 बना जी-21
 *ऐतिहासिक अवसर की गुलाम पत्रकारिता


गुलाम की स्थिति से गुलामी की मानसिकता अधिक बुरी होती है।जी-20  का दिल्ली में आज शानदार आगाज हो गया। भारत की अध्यक्षता में हो रही इस वर्ष की जी-20 बैठक में कुल 75 देशों के प्रतिनिधि शामिल हो रहे हैं।

अब यह जी -21 हो गया है और इसीलिए 20 देशों के समूह के नाम से पहचाने जाने वाले इस अंतर्राष्ट्रीय संगठन में अफ्रीकी यूनियन को शामिल करने से इस संगठन का आकार पचहत्तर देशों तक हो गया है। अफ्रीकी यूनियन में 55 देश हैं।जी-20 की पहले दिन की बैठक में 83 प्रस्तावों वाले नई दिल्ली घोषणापत्र को बिना किसी कांट छांट के सभी सदस्य देशों द्वारा स्वीकार कर लिया गया।

अगले दो दिनों में और भी कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए जाएंगे। प्रगति मैदान में बना भारत मंडपम इस ऐतिहासिक अवसर का गंतव्य और गवाह है। यह भारत के लिए एक अत्यंत गर्वपूर्ण क्षण भी है।

निस्संदेह इसका श्रेय न केवल वर्तमान केंद्र सरकार बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी है।जी-20 की इस बैठक का एजेंडा क्या है? इसमें शामिल 20 देश कौन हैं?मेरे सहित देश भर के अधिकांश नागरिक इन प्रश्नों के उत्तरों से अनभिज्ञ हैं।

वे जानकारी के लिए समाचार माध्यमों विशेषकर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर निर्भर हैं। यह प्रिंट और इलेक्ट्रोनिक मीडिया का दायित्व भी है कि वे देश के नागरिकों को ऐसी महत्वपूर्ण बैठक के एजेंडे और उससे होने वाले हानि लाभ के संबंध में अवगत कराएं।

परंतु मीडिया की गुलाम मानसिकता से जी-20 की बैठक भी अछूती नहीं रही। इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के चैनल विदेशी मेहमानों को परोसे जाने वाले रात्रि भोज के व्यंजनों और परोसने में उपयोग होने वाले बर्तनों की कमेंट्री सुना रहे थे।

इसके साथ ही प्रधानमंत्री को सुपरमैन बताया जा रहा था। मुझे नहीं लगता कि परिपक्व देशों का मीडिया ऐसे समय पर ऐसी सड़कछाप पत्रकारिता करता होगा।