नोएडा में झुग्गियों तोड़ने के लिए होगी कार्रवाई

महानगर में आये दिन भारत के विभिन्न प्रान्तो से लोग अपनी जीवकोपार्जन हेतु आते है। इनमें अधिकतर लोग अपनी नौकरी-पेशा के साथ दिल्ली-एनसीआर में अपने सर पे एक छत का सपना देखता है।

नोएडा में झुग्गियों तोड़ने के लिए होगी कार्रवाई

महानगर में आये दिन भारत के विभिन्न प्रान्तो से लोग अपनी जीवकोपार्जन हेतु आते है। इनमें
अधिकतर लोग अपनी नौकरी-पेशा के साथ दिल्ली-एनसीआर में अपने सर पे एक छत का सपना


देखता है। खुशनसीब होते है वे लोग जो यहाँ पर आप घर होने का सपना पूरा कर पाता है, लेकिन
कुछ ऐसे लोग भी है

खासकर मजदुर वर्ग के वे लोग जो अपनी जरूरतो को पुरा करने के लिए देहाड़ी,
रेहड़ी-पटरी, घरेलू सेवा में अपनी सेवा देते है। जिन्हें रोटी के लिए तो पारिश्रमिक रूप मे एक रकम


मिल जाती है। जिसे वेअपनी दैनिक जरूरतों की पुर्ति कर लेता है। लेकिन उनका अपना घर बनना
का सपना पुरा नही हो पाता है। कुछ तो अपने लिए किराये पर कमरा ले कर रहता है कुछ तो अपने


सर पर छत नही होने के कारण इस महानगर में रात गुजराने व सर छुपाने के लिए कुछ खाली


जगह पर एक अस्थायी आशियाना बना लेता है। जिसे कई बार स्थानीय निवासियो, पुलिस व
प्रसासन का कोपभाजन बनना पड़ता है। ऐसे ही अस्थाई आशियाना व अवैध र्निमाण को दिल्लीवासी


की भाषा में झुग्गी का नाम से जानाजाता है। इसी श्रंख्ला में दिल्ली के सटे एन सी आर के नोएडा
में नोएडा प्राधिकरण के अरबों रुपए की जमीन परअवैध रूप से बने झुग्गियों को तोड़ने के लिए


मास्टर प्लान तैयार किया गया है। सुत्रो के मुताबिक विगत दिनों इस संदर्भ में नोएडा अथॉरिटी की
सीईओ रितु माहेश्वरी ने प्राधिकरण के अधिकारियों के साथ एक बैठक की है। इस बैठक में सर्किल-


1और 6 .के अधिकारी के अलावा एसीईओ स्तर केअधिकारी शामिल हुए। सीईओ ने निर्देश दिया कि
जिन झुग्गी वालों को मकान का आवंटन हो चुका है और जिनकी झुग्गी सील हो चुकी है, उन्हे 10


अप्रैल तक ध्वस्त कर उस जमीन पर कब्जा लिया जाए। सर्वविदित रहे कि इसके पूर्व सन 2016 से
पहले भी यहां अतिक्रमण हटाने की जिम्मेदारी एनफोर्समेंट विंग की थी लेकिन अभी तक अजाम तक


नही पहुँच गया है। क्योकि इन झुग्गी झोपड़ी में रहने वाले पर कई लोगो का हाथ है। चाहे वह


स्थानीय राजनीति दल के नेता हो या कोई नामी गिरामी आदमी हो। यहाँ पर आप को सभी
राजनीतिक दल के समथर्क व झंडे दोनो मिल जाएगा। नोएडा का र्निमाण एक औद्योगिक क्षेत्र


विकसित किया था। देखते देखते यहाँ पर बडी संख्या में मजदुर व मजबुर के एक वर्ग ने अपना


बसेरा बनाया। परिणाम स्वरूप इनमेंऔद्योगिक सेक्टर-4, 5, 8, 9 और 10 में अथॉरिटी अपनी ही
जमीन नहीं बचा पा रहा है।

जब तक अथॉरिटी के अफसरों को कुछ समझते पाते तब तक यहाँ पर
20 हजार से ज्यादा झुग्गी-झोपड़ी बनकर तैयार हो चुकी थी। प्रसासन अपनी नींद से एक बार फिर

जगी तथा इन झुग्गी वासियों को दूसरे स्थान पर बसाकर अपनी जमीन को खाली कराए के लिए
उत्सुक है। इसी को ध्यान मे रखते हुए नोएडा अथॉरिटी ने एक पुर्नस्थापन योजना निकाली, जिसके


तहत इन झुग्गी वासियों को मकान आवंटित किए. लैकिन झुग्गीवासी यहां से जाने को तैयार नहीं हैं।
इन चारों सेक्टरों में महज कुछ झुग्गी वाले ही यहां से अपने मकान में शिफ्ट हुए। कुछ ने तो फ्लैट


भी ले लिया और झुग्गी भी नहीं खाली कर रहेIऐसे लोगो को यहाँ से खाली कराकर उनकी झुग्गी को
तोड़ने की बात कही गई है।

इसकी पटकथा की नोएडा अथॉरिटी की तेज तरार सीईओ रितु माहेश्वरी
ने लिखी तथा इसके लिए एक बैठक सर्किल-1 और 6 के अधिकारी के अलावा एसीईओ स्तर के


अधिकारी शामिल हुए. सीईओ ने निर्देश दिया कि जिन झुग्गी वालों को मकान का आवंटन हो चुका
है और जिनकी झुग्गी सील हो चुकी है,

10 अप्रैल तक उनको ध्वस्त कर जमीन पर कब्जा लिया
जाए। जो झुग्गी वाले आवंटन के बाद भी मकान पर कब्जा नहीं ले रहे और झुग्गी खाली नहीं कर


रहे, ऐसे आवंटियों का आवंटन एक सप्ताह में निरस्त किया जाए। यही नहीं जिन्होंने कब्जा लेने के
बाद किस्तों का भुगतान नहीं जमा किया है, उनको भीनोटिस जारी किया जाए। वहीं सेक्टर-122 में


बने इन मकानों में टूट फूट की मरम्मत के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया। आप की
जानकारी के लिए बता दे कि इसके पूर्व सन2016 से पहले यहां अतिक्रमण हटाने की जिम्मेदारी


एनफोर्समेंट विंग की थी। जिसके असफल रहने पर 2016 में इस विंग को भंग करी दिया गया था.
साथ ही इसकी जिम्मेदारी नोएडा प्राधिकरण ने सर्किल को दे दी थी, लेकिन अब भी कुछ ही झुग्गियों


को हटाया जा सका है। जिसका ब्योरा निम्न प्रकार है। सेक्टर-4 में 140 झुग्गी वालों को फ्लैट दिए
गए करीब 301.05 वर्गमीटर जमीन खाली कराई गई, 27 झुग्गी तोड़ी गई। सेक्टर-5 में 19 झुग्गी


झोपड़ी वालों में फ्लैट दिए गए 55.75 वर्गमीटर जमीन खाली कराई, 5 झुग्गी ध्वस्त की गई।
सेक्टर-8 में 760 झुग्गी झोपड़ी वालों को फ्लैट दिए गए। आपको बता दे कि प्रसासन द्वारा 32


इग्गी को ध्वस्त कर356.80 वर्गमीटर जमीन खाली कराई गई है। सेक्टर-9 में 471 झुग्गी झोपड़ी
वालों को फ्लैट दिए गए, 256.45 वर्गमीटर जमीन खाली कराई गई, 23 झुग्गी ध्वस्त की गई।


सेक्टर-10 में 179 झुग्गी झोपड़ी वालों को फ्लैट दिए गए, 390.25 वर्गमीटी जमीन खाली कराई गई,
35 झुग्गी तोड़ी गई, लेकिनअभी सेक्टर-5 में 534 सेक्टर-8 में5586सेक्टर-9में 3941सेक्टर-10 में


1015 झुग्गी है। जहाँ पर अवैध रूप से झुगियाँ है। इस संदर्भ में स्थानीय निवासियों व उद्यमीयो का
मानना है कि ये झुग्गी वाले यहा से कई जाने वाले नही है। यहाँ पर इन्हें मुफ्त की विजली पानी व


अन्य सुविधाए उपलब्ध कराई जाती है। इसके उपर नोएडा के कई हस्तियों का हाथ है। ये झुग्गी वाले
राजनीतिक दलों का वोटबैक है।

अकेले नोएडा प्राधिकरण इनका कुछ नही बिगाड़ सकता है। वह भी


तक जब सिरआने 2024 का आम लोक सभा का चुनाव है। ऐसे में यहाँ का कोई प्रसासन या
प्रशासक इन झुग्गी वालों का क्या कर पायेगा।