न्यू इंडिया इंश्योरेंस कंपनी की मनमानी पर मोटर न्यायाधिकरण का चला डंडा

मोटर वाहन दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण ने न्यू इंडिया इंश्योरेंस कंपनी के विरुद्ध याचीगण की याचिका स्वीकार करते हुए आदेश पारित किया कि वह याची गण की मृत्यु पर बीमा क्लेमके रूप में एक करोड़ 35 लाख 26 हजार 237 रुपए की धनराशि साढ़े सात फ़ीसदी ब्याज के साथ अदा करें।

न्यू इंडिया इंश्योरेंस कंपनी की मनमानी पर मोटर न्यायाधिकरण का चला डंडा

 बांदा ।  मोटर वाहन दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण ने न्यू  इंडिया इंश्योरेंस कंपनी के विरुद्ध याचीगण की याचिका स्वीकार करते हुए आदेश पारित किया कि वह याची गण की मृत्यु पर बीमा क्लेमके रूप में एक करोड़ 35 लाख 26 हजार 237 रुपए की धनराशि

साढ़े सात फ़ीसदी ब्याज के साथ अदा करें।  मामला इस प्रकार था कि वाहन चलाते समय ओवरलोड वाहनों की चेकिंग करते समय दुर्घटना में एआरटीओ और प्रवर्तन सिपाही की मौत हो गई थी

  मोटर वाहन दावा न्यायाधिकरण में याची गीता देवी पत्नी उदयराम आकाश सागर पुत्र उदयराम अविनाश पुत्र उदयराम सत्यार्थ पुत्र उदयराम निवासी अरविंद पुरम सिकंदरा जिला आगरा कलावती पत्नी लल्लू राम मृतक सौरभ पुत्र लल्लू राम वैभव पुत्र लल्लू

राम नेहा सिंह पुत्र लल्लू राम निवासी बडेया थाना पोस्ट सराव जिला प्रयागराज द्वारा न्यू इंडिया इंश्योरेंस कंपनी इलाहाबाद, प्रमोद कुमार द्विवेदी सतना, सद्दाम हुसैन निवासी ग्राम मझगवा जिला चित्रकूट तथा श्री राम पुत्र मोहन निवासी कछिया पुरवा बिसंडा को

पक्षकार बनाते हुए याचिकाएं दाखिल की गई है कि  बांदा में तैनाती के दौरान उप संभागीय परिवहन अधिकारी अपनी अनुबंधित शासकीय वाहन वाहन संख्या यूपी 90 टी 6567 से ओवरलोड वाहनों को चेक करके बांदा नरैनी मार्ग में दिनांक 24 सितंबर 2019

को रात्रि में करीब 12 बजे वापस आ रहे थे कि रास्ते में गिरवा थाने के पास तेज गति से आ रहे ट्रक ने पीछे से जोरदार टक्कर मार दी जिससे मौके पर ही प्रवर्तन सिपाही लल्लू राम की मौत हो गई

और एआरटीओ उदयराम गंभीर रूप से घायल हो गए । उदयराम  ए आर टी ओ को जिला अस्पताल बांदा के द्वारा कानपुर रीजेंसी में इलाज के लिए रेफर कर दिया

उसके बाद रीजेंसी से मेदांता गुड़गांव में इलाज के दौरान दिनांक 26 सितंबर 2019 को एआरटीओ उदय राम की मृत्यु हो गई ।

 ओवरलोड वाहनों की चेकिंग के दौरान एआरटीओ के साथ लल्लूराम सिपाही के अलावा रामानंद शुक्ला भी थे जिन्हें गंभीर चोटें आई। घटना की प्रथम सूचना रिपोर्ट 26 सितम्बर 2019 को   मुकदमा अपराध संख्या 180/ 2019 शिव प्रकाश कुशवाहा के द्वारा

 गिरवा थाने में धारा 279,337,338,304ए तथा 427 के अंतर्गत प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराई गई ।  दोनों याची गण के मुकदमों में न्यायालय मोटर वाहन दुर्घटना अधिकरण ने सभी विपक्षियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया

। जिसमें विपक्षी न्यू इंडिया इंश्योरेंस कंपनी के द्वारा अपने जवाब में कहा गया कि वाहन याची गणों के द्वारा बहुत तेज चलाया जा रहा था।

              न्यायाधीश धर्मेंद्र कुमार पांडे ने याची गण के विद्वान अधिवक्ता मनोज त्रिपाठी व विपक्षी गण के विद्वान अधिवक्ताओं की बहस सुनी और पत्रावली में लगे सभी अभिलेखोंका परिशीलन किया। बीमा कंपनी द्वारा दी गई दलीलों को खारिज कर दिया।

न्यायाधीश ने अपने निर्णय में उल्लेख किया है कि याची उदयराम एआरटीओ के पद पर बांदा में तैनाती के दौरान शासकीय कार्य करते हुए ओवरलोड वाहनों को चेक कर रहे थे

जिनकी उस समय मासिक वेतन 85 हजार प्रति माह था । इसी प्रकार एआरटीओ के साथ प्रवर्तन सिपाही लल्लूराम जो शासकीय ड्यूटी कर रहे थे और उनका वेतन प्रतिमाह 60 हजार था।

ऐसी स्थिति में दोनों याची बीमा कंपनी से बीमा क्लेम की धनराशि पाने के अधिकारी हैं ।शुक्रवार को देर शाम मोटर वाहन दावा न्यायाधिकरण के न्यायाधीश पीठासीन अधिकारी धर्मेंद्र कुमार पांडे की अदालत ने विपक्षी न्यू इंडिया इंश्योरेंस कंपनी के विरुद्ध

दोनों याची गणों के वाद को स्वीकार करते हुए आदेश पारित किया कि उदयराम एआरटीओ के परिवारी जनों को रूपया 9257014 रुपए की धनराशि 1 माह के अंदर याचिका दायर होने की तिथि 5 नवंबर 2019 से 7.5℅ फीसदी ब्याज के साथ अदा

की जाए । इसी प्रकार प्रवर्तन सिपाही लल्लूराम की मौके पर ही हुई मृत्यु के लिए उनके परिवारीजन को रुपया 4269223 अदा किया जाए ।

विद्वान न्यायाधीश श्री पांडे ने अपने आदेश में माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा 27 जनवरी 2022 में पारित निर्णय का उदाहरण प्रस्तुत करते हुए बजाज एलियांज बनाम भारत संघ  का उल्लेख किया।

न्यायाधीश द्वारा पारित निर्णय में कहा गया कि 70  फीसदी धनराशि मृतक उदय राम एआरटीओ की पत्नी गीता देवी को तथा 10-10℅ उनके वारिसान बच्चों को प्राप्त कराई जाए ।

इसी प्रकार मृतक सिपाही लल्लूराम के मामले में उनकी पत्नी कलावती को 70% धनराशि तथा उनके बच्चों को 10-10% धनराशि प्राप्त कराई जाए। अधिवक्ता मनोज त्रिपाठी ने की केस की पैरवी