पुलिस ने माला पहनाकर साधु को गिरफ्तार किया : फर्जी ट्रस्ट बनाकर मन्दिर की राशि हड़पने वाले साधु सहीत चार गिरफ्तार

भोपाल : पुण्य नगरी मथुरा से एक साधु की गिरफ्तारी में पुलिस का सलीके से कार्रवाई का तरीका चर्चा में है. साधु को गिरफ्तार करने आई पुलिस को भक्त का वेश धरना पड़ा. साधु के पास जाकर माला पहनाई. उनके पैर छुए,

पुलिस ने माला पहनाकर साधु को गिरफ्तार किया : फर्जी ट्रस्ट बनाकर मन्दिर की राशि हड़पने वाले साधु सहीत चार गिरफ्तार

भोपाल : पुण्य नगरी मथुरा से एक साधु की गिरफ्तारी में पुलिस का सलीके से कार्रवाई का तरीका  चर्चा में है. साधु को गिरफ्तार करने आई पुलिस को भक्त का वेश धरना पड़ा. साधु के पास जाकर माला पहनाई. उनके पैर छुए, इसके बाद साधु के कानों के पास जाकर कहा कि हम पुलिसकर्मी हैं और आपको गिरफ्तार करने आए हैं, हमारे साथ चलिए. पुलिसकर्मी ने साधु को आश्रम के बाहर पुलिस की बड़ी संख्या में तैनाती और विरोध करने पर अप्रिय हंगामे के बारे में भी चेताया, साधु ने इसके बाद पुलिस के साथ जाना ही उचित समझा.


साधु की गिरफ्तारी में पुलिस द्वारा सलीके से कार्रवाई का यह मामला मुरैना के एक मंदिर की जमीन को लेकर फर्जी ट्रस्ट के माध्यम से हुई धोखाधड़ी से संबंधित है.
हाई कोर्ट में याचिका पर सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने मुरैना पुलिस को रामशरण बाबा की गिरफ्तारी का सख्त आदेश दिया था. इसके बाद मुरैना पुलिस की दो टीम बनाई गई. दोनों टीमों में आठ लोगों को शामिल किया गया. दो पुलिस कर्मी सिविल ड्रेस में भक्त के रुप में शामिल किए गए थें, जिन्होंने अपना काम बखुबी किया.


थाना इंस्पेक्टर वीरेश कुशवाहा ने मामले कि जानकारी देते हुए बताया कि साधु-संत से जुड़ा मामला होने के कारण संवेदनशीलता का पुरा ध्यान रखा गया.


विस्तृत जानकारी के अनुसार मुरैना में सिविल लाइन थाना इलाके में तपसी गुफा मंदिर स्थित है. इस मंदिर से 6 बीघा से अधिक की जमीन भी लगी हुई है. मंदिर से लगी हुई इस जमीन पर दुकान भी बनी हुई है. इन्हीं दुकानों के किराए को हड़पने के लिए इसी मंदिर पर रहने वाले साधु रामशरण ने अपने एक अन्य सहयोगी दान बिहारी के साथ मिलकर फर्जी ट्रस्ट बनाने की योजना तैयार की.


इस योजना में साधु रामशरण ने जौरा खुर्द गांव के पूर्व सरपंच सुरेंद्र यादव और अशोक यादव को भी शामिल कर लिया. इन लोगों ने मिलकर एक फर्जी ट्रस्ट बना लिया और उसकी रसीद भी छपवाली. इन्हीं रसीदों के माध्यम से मंदिर की जमीन पर बनी हुए दुकानों का किराया वसूलने लगे.


इस फर्जीवाड़े की जानकारी जब मंदिर के मुख्य महंत मदन मोहन को हुई तो उन्होंने इसकी शिकायत सिविल लाइन थाने में दर्ज कराई. 3 नवंबर 2021 को सिविल लाइन थाना पुलिस ने साधु रामशरण समेत दानबिहारी, सुरेंद्र यादव और अशोक यादव के खिलाफ धोखाधड़ी की एफआईआर दर्ज कर ली और तीन आरोपियों को भी गिरफ्तार कर लिया. लेकिन रामशरण की गिरफ्तारी नहीं हो सकी. 


बाबा रामशरण मुरैना के मंदिर को छोड़कर मथुरा के राम जानकी मंदिर आश्रम में जाकर रहने लगे. धोखाधड़ी के आरोपी बन चुके बाबा रामशरण को इस बात की जानकारी थी कि पुलिस आज नहीं तो कल उन्हें गिरफ्तार कर लेगी, इसलिए उन्होंने अपने वकील के माध्यम से अग्रिम जमानत के प्रयास शुरू कर दिए.   


मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच में अग्रिम जमानत के लिए बाबा रामशरण के वकील ने आवेदन लगाया. 26 जुलाई को हाईकोर्ट ने जब इस मामले में सुनवाई की तो बाबा रामशरण के वकील ने कोर्ट में दलील दी कि बाबा रामशरण को जमानत दी जाए, क्योंकि पुलिस बाबा रामशरण को गिरफ्तार नहीं कर रही है, बल्कि उनसे मिलकर वापस लौट आती है. यह दलील सुनकर हाईकोर्ट ने पुलिस को कहा कि पुलिस जल्द से जल्द आरोपी बाबा रामशरण को गिरफ्तार करके कोर्ट में पेश करे.