ब्रह्मलीन साध्वी गोपीवाला मां का त्रिदिवसीय तिरोभाव महोत्सव अत्यंत श्रद्धा व धूमधाम के साथ संपन्न
वृन्दावन।छटीकरा रोड़ स्थित श्रीकपिल कुटीर सांख्य योग आश्रम में ब्रह्मलीन साध्वी गोपीवाला मां का त्रिदिवसीय तिरोभाव महोत्सव अत्यंत श्रद्धा व धूमधाम के साथ संपन्न हुआ।
भक्ति, ज्ञान, वैराग्य व त्याग की प्रतिमूर्ति थीं ब्रह्मलीन साध्वी गोपीवाला मां
वृन्दावन।छटीकरा रोड़ स्थित श्रीकपिल कुटीर सांख्य योग आश्रम में ब्रह्मलीन साध्वी गोपीवाला मां का त्रिदिवसीय तिरोभाव महोत्सव अत्यंत श्रद्धा व धूमधाम के साथ संपन्न हुआ।इसके साथ ही विश्वकल्याणार्थ चल रहे विष्णु महायज्ञ, श्रीहरिनाम संकीर्तन एवं भजन संध्या आदि के कार्यक्रम भी संपन्न हुए।महोत्सव के अंतर्गत संतों व भक्तों के द्वारा ब्रह्मलीन साध्वी गोपीवाला माँ के चित्रपट का पूजन-अर्चन किया गया।साथ ही पुष्पांजलि अर्पित की गई।
इस अवसर पर आयोजित संत-विद्वत संगोष्ठी में अपने विचार व्यक्त करते हुए श्रीकपिल कुटीर सांख्य योग आश्रम की अध्यक्ष महामंडलेश्वर साध्वी राधिका साधिका पुरी जटा वाली माँ ने कहा कि हमारी सद्गुरुदेव साध्वी गोपीवाला माँ भक्ति, ज्ञान, वैराग्य और त्याग की प्रतिमूर्ति थीं। उन्होंने समूचे देश में कृष्ण भक्ति की लहर को प्रवाहित कर असंख्य व्यक्तियो का कल्याण किया।
प्रमुख समाजसेवी देवी सिंह कुंतल एवं भागवताचार्य आशानन्द शास्त्री ने कहा कि साध्वी गोपीवाला मां जैसी पुण्यात्माएं पृथ्वी पर यदा-कदा अवतरित होती हैं। वह अनेकानेक सद्गुणों की खान थीं। यदि हम लोग उनके किसी एक गुण को भी अपने जीवन में धारण करलें तो हमारा कल्याण हो सकता है।
पूर्व जिला उद्योग अधिकारी बी. के. सूतैल (आगरा) एवं प्रमुख भाजपा नेता राम देव सिंह भगौर ने कहा कि साध्वी गोपी वाला माँ जैसी भगवत्प्राप्त सन्तों से ही पृथ्वी पर धर्म व अध्यात्म का अस्तित्व है। उन जैसी दिव्य विभूतियों से ही पृथ्वी पर असंख्य व्यक्ति प्रेरणा व ऊर्जा ग्रहण करते हैं।
ब्रज सेवा संस्थान के अध्यक्ष डॉ. गोपाल चतुर्वेदी एवं अखिल भारत वर्षीय ब्राह्मण महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बिहारी लाल वशिष्ठ ने कहा कि यूँ तो इस संसार में प्रतिदिन असंख्य व्यक्ति जन्म लेते हैं और असंख्य व्यक्ति यहां से विदा होते हैं परन्तु याद केवल साध्वी गोपी वाला माँ जैसी विभूतियों को ही किया जाता है जिन्होंने कि लोककल्याण के अनेकानेक कार्य किये हुए होते हैं।
इस अवसर पर महामंडलेश्वर स्वामी डॉ. आदित्यानंद महाराज, महंत रामदेव चतुर्वेदी, महंत जयराम दास महाराज, महंत रमणरेती दास महाराज, युवा साहित्यकार राधाकांत शर्मा, साध्वी पूर्णिमा साधिका, रामप्रकाश सक्सेना, पुरुषोत्तम गौतम, पप्पू सरदार, डॉ. विनय लक्ष्मी सक्सेना, श्रीमती पूनम उपाध्याय, राजू शर्मा, पवन गौतम, साध्वी सीता साधिका, साध्वी नमिता साधिका, आचार्य ईश्वर चंद्र रावत आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किये।आयोजन में सन्तों, निर्धनों, निराश्रितों को वस्त्रादि व खाद्यान्न सामग्री वितरित की गई। इसके साथ ही वृहद भंडारा भी आयोजित हुआ। संचालन डॉ. गोपाल चतुर्वेदी ने किया