मोदी-योगी के साथ नंदकिशोर फैक्टर ने काम किया

-तमकुहीराज में 29 साल बाद खिला कमल -लगातार दो बार से जीत रहे थे लल्‍लू -कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष के तीसरे नंबर पर जाने से चौंके लोग

मोदी-योगी के साथ नंदकिशोर फैक्टर ने काम किया

कुशीनगर, 10 मार्च  उत्‍तर प्रदेश कांग्रेस के अध्‍यक्ष अजय कुमार लल्‍लू यूपी विधानसभा चुनाव
में प्रियंका गांधी के सबसे विश्‍वासपात्र और बड़े सिपहसलारों में से एक थे लेकिन वह खुद अपना ही चुनाव हार
गए। तमकुहीराज सीट पर चुनावी जंग में वे दूसरे नंबर पर भी अपनी जगह नहीं बना पाए।

निषाद गठबंधन के
डॉ.असीम कुमार ने 114957 वोट हासिल कर सपा के उदय नारायण गुप्‍ता को 47,826 मतों से हरा दिया। उदय
नारायण को 66531 वोट मिले जबकि अजय कुमार लल्‍लू को 33370 वोट मिले। उन्‍हें तीसरे स्‍थान पर संतोष
करना पड़ा।


तमकुहीराज में 29 वर्ष बाद भाजपा को जनादेश मिला है। वर्ष 1993 में भाजपा विधायक नंदकिशोर मिश्र की जीत
हुई थी, उसके बाद से यह सीट भाजपा लगातार हार रही थी। वर्ष 1993 के बाद पांच विधानसभा चुनाव में एक बार
निर्दल व दो बार सपा व कांग्रेस का इस सीट पर कब्जा रहा है। काफी अरसे बाद भाजपा गठबंधन के खाते में यह
सीट जाने भाजपा के कैडर वोटो में काफी उत्‍साह है।


वर्ष 1991 में तमकुहीराज विधानसभा (तब सेवरही) से भाजपा के प्रत्याशी नंदकिशोर मिश्र ने भाजपा के बागी होकर
निर्दल चुनाव लड़ रहे रामअधार कुशवाहा को हराकर पहली बार भाजपा का खाता तमकुहीराज में खोला था।

उसके
पहले तीन बार सोशलिस्ट पार्टी व एक बार कांग्रेस से बाबू गेंदा सिंह, जनता पार्टी से लगातार दो बार कृपाशंकर
आर्य, वर्ष 1980 में कांग्रेस से डीपी राय व वर्ष 1985 में रामसकल तिवारी व 1989 में निर्दल प्रत्याशी कासिम
अली चुनाव जीत कर विधायक बने थे।

वर्ष 1991 में भाजपा से चुनाव जीतने के बाद नंदकिशोर मिश्र वर्ष 1993
में भी दोबारा भाजपा से विधायक चुने गए। लेकिन उसके बाद लगातार भाजपा तमकुहीराज विधानसभा से हारती
रही।


वर्ष 1996 में निर्दल प्रत्याशी आनन्द प्रकाश शर्मा, वर्ष 2002 व 2007 में सपा से डॉ पीके राय व वर्ष 2012 में
नए परिसीमन के अनुसार विधानसभा सेवरही को तमकुहीराज बनाने के बाद कांग्रेस से अजय कुमार लल्लू चुनाव
जीते।

वर्ष 2017 में पुनः उन्होंने कांग्रेस व सपा में गठबंधन होंने के कारण भाजपा प्रत्याशी जगदीश मिश्र उर्फ
बाल्टी बाबा को हराकर जीत दर्ज किया। जिससे पार्टी में उनका कद बढ़ गया।

यूपी कांग्रेस अध्यक्ष की कुर्सी
संभालते हुए इस विधानसभा चुनाव को उन्होंने लड़ा था। लेकिन इस बार जनता ने 29 वर्ष बाद भाजपा गठबंधन
को जनादेश देकर डॉ. असीम कुमार को जनादेश दिया है।


तमकुही राज ने पिछले दो चुनावों में कांग्रेस से अजय कुमार लल्लू को चुनाव जिता कर विस भेजा। पिछले चुनाव
में यहां नंद किशोर मिश्र भाजपा से बागी होकर निर्दल चुनाव लड़े थे। करीब 20 हजार वोट पाए थे। भाजपा लगभग
इतने ही वोटों से चुनाव हार गयी थी। वह सपा में चले गए थे। मगर चुनाव से पहले सपा ने नंदकिशोर का टिकट

काट दिया। चुनाव से पहले नंद किशोर ने भाजपा का दामन थाम लिया। लोगों का कहना है कि इस चुनाव में योगी
मोदी के साथ नंद किशोर मिश्र फैक्टर ने भी काम किया है।


तमकुही राज के लोगों को कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय लल्लू की हार से अधिक उनके तीसरे नंबर पर जाने की
घटना ने चौंकाया है। वह लगातार दूसरी बार विधायक चुने गए थे। हैट्रिक लगाने की फिराक में थे। चुनावी
विश्लेषक मान कर चल रहे थे कि लड़ाई कांटे की होगी मगर नतीजों ने इन उम्मीदों को हवा में उड़ा दिया

। कांग्रेस
प्रदेश अध्यक्ष पहले ही चरण से कभी लड़ाई में ही नहीं दिखे। तीसरे नंबर पर चले गए।