लंपी वायरस से पीढ़ित निराश्रित गायों से लोग भयभीत
नगीना : गायों में जानलेवा लंपी वायरस का प्रकोप बढ़ता ही जा रहा है। लेकिन लंपी वायरस से पीढ़ित गायों को लेकर कोई भी संजिदा नज़र नहीं आ रहा है। लंपी वायरस से पीढ़ित निराश्रित गाय गांवों के साथ साथ कस्बों व शहरों में भी तड़फती हुई घूम रही हैं।
आज का मुद्दा
नगीना : गायों में जानलेवा लंपी वायरस का प्रकोप बढ़ता ही जा रहा है। लेकिन लंपी वायरस से पीढ़ित गायों को लेकर कोई भी संजिदा नज़र नहीं आ रहा है। लंपी वायरस से पीढ़ित निराश्रित गाय गांवों के साथ साथ कस्बों व शहरों में भी तड़फती हुई घूम रही हैं।
घरों के दरवाजों पर खड़ी रहने वाली ऐसी गायों के लंपी वायरस के संक्रमण की चपेट में बच्चों के आ जाने की आशंका से लोग डरे हुए हैं। लोगों ने प्रशासन से लंपी वायरस से पीढ़ित निराश्रित गायों के स्वामियों व पशुपालकों का पता लगा कर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है।
मंगलवार की अपराह्न मोहल्ला शाहजहीर में मेन रोड पर स्थित एक वैंकट हाल के पास लंपी वायरस से बुरी तरह पीड़ित एक गाय नाली के पास तड़फती हुई पड़ी हुई दिखाई दी। पत्रकार नंद किशोर सैनी ने तड़फती हुई गाय को देखकर पुलिस को सूचना दी।
पुलिस तत्काल मौके पर पहुंची और पशु चिकित्सालय के डॉक्टर को बुलाकर गाय का उपचार कराया और फिर गाय को गौशाला में पहुंचाया। नगीना शहर में करीब दो माह से लंपी वायरस से बुरी तरह पीड़ित सौ से अधिक निराश्रित गाय मुख्य सड़कों के अलावा गली मोहल्लों में भी घूम रही हैं और लोगों के घरों के
मुख्य गेट पर जाकर खड़ी हो जाती हैं जिससे स्कूल जाने वाले बच्चों को लेकर अभिभावक भयभीत हैं। लोगों को लगता है कि इस जानलेवा वायरस का संक्रमण बच्चों को ना लग जाए। लंपी वायरस से पीढ़ित कुछ निराश्रित गायों के कानों में आई.डी. टोकन भी लगे हुए हैं। इन गायों को देख कर ऐसा लगता है कि लंपी
वायरस से पीढ़ित हो जाने पर इनके स्वामियों/पशुपालकों ने इन गायों को अपने घरों से निकाल कर निराश्रित छोड़ दिया है।शहर वासियों ने नगीना के एस.डी.एम. व सी.ओ. से मांग की है कि इन गायों के कानों में लगे आईडी टोकन के आधार पर इनके स्वामियों/पशुपालकों का पता लगा कर उनके खिलाफ
कड़ी कार्रवाई की जाए और एक अभियान चला कर लंपी वायरस से पीढ़ित निराश्रित घूम रही गायों को एक निश्चित स्थान या गौशाला में रखकर पीड़ित गायों का समुचित उपचार कराया जाए। लोगों ने गांवों से दूध लाकर बेचने वाले दूधियों के दूध के सैंपल लेकर जांच करानी चाहिए। लोगों में इस बात को लेकर भी डर
बना हुआ है कि कहीं किसी दूधिया ने वायरस पीढ़ित गाय का दूध सप्लाई कर दिया तो उस दूध को पीकर इंसान भी लंपी वायरस की चपेट में आ सकते हैं।