विटामिन-ए की कमी से बचाव के लिए हरे रंग की पत्तेदार सब्जी और फल का करे सेवन-- प्रदीप चौधरी

बुलंदशहर।जिला महिला अस्पताल में बुधवार को बाल पोषण माह का शुभारंभ सदर विधायक प्रदीप चौधरी, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. विनय कुमार सिंह ने संयुक्त रूप से फीता काटकर किया।

विटामिन-ए की कमी से बचाव के लिए हरे रंग की पत्तेदार सब्जी और फल का करे सेवन-- प्रदीप चौधरी

आज का मुद्दा 

बुलंदशहर।जिला महिला अस्पताल में बुधवार को बाल पोषण माह का शुभारंभ सदर  विधायक प्रदीप चौधरी, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. विनय कुमार सिंह ने संयुक्त रूप से फीता काटकर किया।

कार्यक्रम में विधायक प्रदीप चौधरी ने अस्पताल में बच्चों को विटामिन-ए की खुराक पिलाई। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत बाल स्वास्थ्य पोषण माह के दौरान नौ माह से पांच वर्ष तक के सभी बच्चों को विटामिन-ए की खुराक सिरप के रूप में दी जा रही है।

अभियान में समेकित बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग (आईसीडीएस) का सहयोग लिया जा रहा है। शासन से पोषण माह के दौरान कुपोषित बच्चों की स्क्रीनिंग के भी निर्देश दिए हैं।

आईसीडीएस विभाग कुपोषित बच्चों को चिन्हित कर स्वास्थ्य विभाग से चिकित्सकीय परामर्श उपलब्ध कराएगा, जिससे बच्चों का समय से उपचार हो सकेगा। 
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. विनय कुमार सिंह ने बताया जिला महिला अस्पताल में बच्चों को विटामिन-ए की दवा पिला कर बाल पोषण माह का शुभारंभ

 हुआ है। विटामिन-ए आंखों की रोशनी, शरीर के विकास और मजबूत रोग प्रतिरोधक क्षमता के लिए जरूरी पोषक तत्व है। भोजन से आयरन का अवशोषण करने के लिए भी विटामिन-ए की जरूरत होती है।

यानि विटामिन-ए की कमी से जहां बच्चे अंधेपन का शिकार हो सकते हैं वहीं ऐसे बच्चों को कोई भी संक्रामक रोग आसानी से अपनी चपेट में ले सकता है। विटामिन-ए की कमी होने पर बच्चे के शरीर में आयरन की कमी होना भी स्वाभाविक है। यानि विटामिन-ए की कमी एनीमिया का कारण भी बन सकती है। 


उन्होंने बताया- बच्चों की अच्छी सेहत के लिए स्वास्थ्य विभाग वर्ष में दो बार नौ माह से पांच वर्ष तक के बच्चों को विटामिन-ए की खुराक पिलाता है।


सीपीपीओ हरिओम वाजपेई ने बताया नौ माह से एक वर्ष तक के बच्चों को विटामिन-ए की खुराक एक एमएल और एक से पांच वर्ष तक के बच्चों को दो एमएल दी जाती है। इसके लिये 3967 आंगनबाड़ी केन्द्रों पर 3566 आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को अभियान के लिये लगाया गया है।


विटामिन-ए की कमी के लक्षण
विटामिन-ए की कमी से नजर कमजोर होने लगती हैं।

आंखें सूखी रहने लगती हैं और आंसू बनना बंद हो जाते हैं। त्वचा भी शुष्क रहने लगती है। इसके अलावा आंखों में जलन और आंखों के आसपास सूजन आना

भी विटामिन-ए की कमी का लक्षण हो सकता है। थकान, होंठ फटना, मुंह में दाने निकलना और घाव देर से भरना भी विटामिन-ए की कमी के कारण हो सकता है। मां का दूध न पीने वाले बच्चों में विटामिन-ए की कमी का खतरा ज्यादा होता है।


कैसे करें बचाव
विटामिन-ए की कमी से बचाव के लिए गहरे हरे रंग की पत्तेदार सब्जियों,

फलों में जैसे संतरा पपीता, गाजर कद्दू, अतिरिक्त विटामिन-ए वाला दूध, अंडे की जर्दी, ब्रोकली और शकरकंद आदि को भोजन में शामिल करें। मांस मछली और अंडे का सेवन विटामिन-ए की कमी नहीं होने देता।


4.34 लाख बच्चे पिएंगे खुराक
जिला कार्यक्रम अधिकारी ने बताया जिले में नौ माह से पांच वर्ष तक की आयु के 4.34 लाख बच्चे हैं।

इन सभी को बाल स्वास्थ्य पोषण माह के तहत विटामिन-ए की खुराक पिलाई जाएगी।