श्रावण मास में सांती में उमड़ती है शिव भक्तों की भीड़

फीरोजाबाद: हाथवंत ब्लॉक का गांव सांती कभी समृद्धशाली नगर था। इसका पौराणिक और पुरातात्विक महत्व है। यह भूमि महाभारतकालीन कई घटनाओं की गवाह है। यहां शांतेश्वरनाथ महादेव मंदिर पौराणिक है।

श्रावण मास में सांती में उमड़ती है शिव भक्तों की भीड़

राहुल तिवारी। 


फीरोजाबाद: हाथवंत ब्लॉक का गांव सांती कभी समृद्धशाली नगर था। इसका पौराणिक और पुरातात्विक महत्व है। यह भूमि महाभारतकालीन कई घटनाओं की गवाह है।

यहां शांतेश्वरनाथ महादेव मंदिर पौराणिक है। प्रत्येक सोमवार को यहां बड़ी संख्या में शिवभक्त आते हैं। सावन मास और शिवरात्रि में तो यहां पर मेला लगता है।

ग्रामीण बताते हैं कि इतिहास में यह दर्ज है कि महाभारत काल में यहां गंगा नदी प्रवाहित होती थी, लेकिन एक संकल्प लेने के कारण मां गंगा अपने पुत्र का जन्म होते ही यहां से 40 कोस दूर उत्तर दिशा में चली गई। तभी यहां से शिव¨लग का उद्भव हुआ।

सांती की भूमि राजा शांतनु की तपोस्थली भी रही है। गांव से थोड़ी दूरी पर विदुरजी का किला भी था। इसकी दक्षिण दिशा में गुरु गोरखनाथ का स्थान है, जो अब खंडहर हो चुका है।

अब यह स्थान खेरा के नाम से जाना जाता है। ग्रामीणों का कहना है कि यहां उत्खनन कार्य कराया जाए तो अनेक ऐतिहासिक जानकारियां मिल सकती हैं।

शिव मंदिर के महंत रमेश गोस्वामी ने बताया शिवलिंग के बारे में किदवंती है कि जब यहां जंगल था, तब कई गाय यहां चरने आती थीं। उनमें से एक गाय जैसे ही शिवलिंग के पास आती उसके स्तनों से दूध स्वयं ही निकलने लगता। यह देख ग्रामीणों ने उस स्थान

पर खुदाई की तो जमीन के नीचे से शिव¨लग प्रकट हुई। शिव¨लग की गहराई का कोई पता नहीं है। कई बार खोदा गया, लेकिन

उसका कोई छोर नहीं मिला। महंत का कहना है कि यहां जो भी व्यक्ति मनोकामना मांगता है, वह अवश्य पूरी होती है। ऐसी भक्तों की आस्था है।