तीन दिन बाद भी मिनी बैंक लूट कांड में पुलिस के हाथ खाली

सनसनीखेज ढंग से दिन दहाड़े हुई जिताका मिनी बैंक शाखा लूट कांड के तीन दिन बाद भी पुलिस के हाथ खाली हैं। ढाई लाख रुपए की नकदी लूट कांड के आरोपियों को तलाशने में पुलिस बुरी तरह नाकाम रही है।

तीन दिन बाद भी मिनी बैंक लूट कांड में पुलिस के हाथ खाली

सनसनीखेज ढंग से दिन दहाड़े हुई जिताका मिनी बैंक शाखा लूट कांड के तीन दिन बाद भी पुलिस के हाथ खाली हैं। ढाई लाख रुपए की नकदी लूट कांड के आरोपियों को तलाशने में पुलिस बुरी तरह नाकाम रही है। लुटेरों और लूटी गई रकम का फिलहाल कोई सुराग नहीं लग सका है।


मंगलवार सुबह औरंगाबाद थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम जिताका स्थित पंजाब नेशनल बैंक की मिनी बैंक शाखा से बाइक सवार पांच बदमाश ढाई लाख रुपए की नकदी तमंचे की नौक पर लूट ले गए थे। घटना सीसीटीवी कैमरे में कैद हुई थी।  दिन दहाड़े दुस्साहसी ढंग से हुई इस लूट की भनक लगते ही पुलिस महकमे में ना केवल खलबली मच गई थी बल्कि थाना प्रभारी से लेकर ए एस पी ,एस पी सिटी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक तक मौके पर पहुंचे और  मामले को गंभीरता से लेते हुए लुटेरों की तलाश हेतु एस ओ जी सहित आधा दर्जन टीमें गठित कर फरार हुए लुटेरों की तलाश शुरू कराई।

यही नहीं एडीजी राजीव सब्बरवाल और आई जी नचिकेता झा तक ने गांव जिताका पहुंच कर पुलिस को लुटेरों को अविलंब खोजकर कानून के हवाले करने के कड़े निर्देश दिए लेकिन नतीजा सिफर ही रहा है। हालांकि लूट कांड में मिनी बैंक शाखा संचालक कर्मचारी की घोर लापरवाही से भी इंकार नहीं किया जा सकता। ढाई लाख रुपए की नकदी भरा थैला असुरक्षित रुप से फोल्डिंग पलंग पर डाल झाड़ू लगाना और बदमाशों को शाखा के अंदर तक आने देना किसी भी रूप से उचित नहीं कहा जा सकता है। लेकिन सीसीटीवी

कैमरे में क़ैद हो जाने के बाबजूद लुटेरों को नहीं दबोच पाना पुलिस की नाकामी को ही दर्शाता है।  बहरहाल जिस तरह से दिन दहाड़े इस लूट को अंजाम दिया गया वह पुलिस को कड़ी चुनौती से कम नहीं आंका जा रहा है।