402 वां आर्य वेबिनार सोल्लास सम्पन्न
विदुषी रजनी चुघ ने कहा कि देश के स्वतंत्रता सेनानियों का गौरव पूर्ण इतिहास नई पीढ़ी को बतलाने की आज आवश्यकता है।
गाजियाबाद,,केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के तत्वावधान में "विद्या, अविद्या व सत्य विद्या" पर गोष्ठी व 139 वीं वीर सावरकर जयंती पर उन्हें स्मरण कर श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य ने कहा कि वीर सावरकर हिन्दुत्ववादी महान विचारक व योद्धा थे,उनके आदर्शों को आज अपनाने की आवश्यकता है,वह सदैव युवाओं के प्रेरणा स्रोत्र रहेंगे।
उन्होंने कहा कि जब तक समस्त हिन्दू समाज एक ओ३म् के ध्वज नीचे संगठित नहीं होगा तब तक समस्या का कोई हल नहीं निकलेगा।चाहे कश्मीर हो, बंगाल या केरल वहां के संदेश व घटनाक्रम को समझने व सोचने की आवश्यकता है अन्यथा बहुत देर हो जायेगी।
उन्होंने कहा कि विश्व के इतिहास के वीर सावरकर पहले व्यक्ति थे जिनको दो बार आजन्म कारावास की सजा सुनाई गई।वह राजनीति के हिन्दुकरण व हिन्दुओं के सैनिकीकरण के पक्षधर थे।
उनकी लिखी पुस्तक "1857 का प्रथम स्वतंत्रता संग्राम" छपने से पहले ही प्रतिबंधित हो गई थी।आज नई पीढ़ी को उनके संघर्ष पूर्ण जीवन को बतलाने की आवश्यकता है। वीर सावरकर का जीवन कठोर तप,साधना व संघर्ष का जीवन रहा।
साध्वी कृष्णा मुखी ने कहा कि वेद सब सत्य विद्याओ की पुस्तक है,हमें पठन पाठन कर ज्ञान की वृद्धि करनी चाहिए और अविद्या का नाश करना चाहिए।विद्या हमारा आभूषण है उससे ही हमें विनय और सुख मिलता है।हम प्रकृति को माता और ईश्वर को पिता समझें एवम प्रकृति की रक्षा करें।
विदुषी रजनी चुघ ने कहा कि देश के स्वतंत्रता सेनानियों का गौरव पूर्ण इतिहास नई पीढ़ी को बतलाने की आज आवश्यकता है।
मुख्य अतिथि आर्य नेत्री आदर्श आर्या व अध्यक्ष अनिता रेलन ने वेदों के प्रचार पर जोर दिया।
उत्तर प्रदेश के महामंत्री प्रवीण आर्य ने कहा कि वीर सावरकर को यदि आज की युवा पीढ़ी अपना आदर्श बना ले तो कई प्रकार की समस्याएं स्वयं हल हो जायेंगी।उन्होंने कहा कि वीर सावरकर हिन्दू एकता व हिन्दू राष्ट्र निर्माण के प्रबल समर्थक थे।
गायिका रचना वर्मा,जनक अरोड़ा,राजश्री यादव,आशा आर्या,सोहनलाल आर्य,रविन्दर गुप्ता,सरला बजाज,उमा मिगलानी,अमीरचंद रखेजा,रजनी गर्ग,किरण सहगल आदि के मधुर भजन हुए ।