महाकुंभ नगर में शॉर्ट सर्किट से शिविर में लगी आग

महाकुंभ के लिए योगी सरकार द्वारा पहले से ही व्यापक स्तर पर जो तैयारी की गई थी, उसकी मदद से शुक्रवार को बड़ा हादसा टल गया।

महाकुंभ नगर में शॉर्ट सर्किट से शिविर में लगी आग

महाकुंभ नगर में शॉर्ट सर्किट से शिविर में लगी आग

महाकुंभ के लिए योगी सरकार द्वारा पहले से ही व्यापकस्तर पर जो तैयारी की गई थी, उसकी मदद से शुक्रवार को बड़ा हादसा टल गया। खास तौर परमेला क्षेत्र में अग्निशमन को लेकर जो तैयारियां की गई थीं, उन्होंने अहम भूमिका निभाई। ओल्ड
जीटी रोड स्थित महाकुंभ नगर में शुक्रवार को स्वामी हरिहरानंद और सुखदेवानंद के शिविर मेंअचानक आग लग गई। घटना की सूचना मिलते ही तत्काल महाकुंभ के फायर ब्रिगेड की एक दर्जनगाड़ियां मौके पर पहुंचीं और आग पर काबू पा लिया गया।


चीफ फायर ऑफिसर प्रमोद शर्मा ने बताया कि आग इस्कॉन क्षेत्र में शॉर्ट सर्किट के कारण लगी,जिससे 20 से 22 टेंट जल गए। हालांकि, राहत की बात यह रही कि इस हादसे में कोई जनहानिनहीं हुई।दमकलकर्मियों ने त्वरित कार्रवाई कर आग को फैलने से रोक लिया। घटना की जानकारी मिलते हीउत्तरी झूसी के जोनल पुलिस ऑफिसर, एडिशनल एसपी सर्वेश कुमार मिश्रा, स्थानीय पुलिस औरमेला मजिस्ट्रेट भी मौके पर पहुंचे।

उन्होंने स्थिति का जायजा लिया और आग लगने के कारणों कीजांच शुरू कर दी है। प्रशासन ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे सावधानी बरतें और किसी भीआपात स्थिति में तुरंत अधिकारियों को सूचित करें।


इससे पहले 30 जनवरी को भी संगम नगरी प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ मेला क्षेत्र में आग लगगई थी। यह आग मेला क्षेत्र के झूंसी छतनाग घाट नागेश्वर घाट सेक्टर-22 के पास लगी थी, उसदौरान भी कोई जनहानि नहीं हुई थी।बता दें, महाकुंभ में आग लगने की घटनाओं को रोकने के लिए योगी सरकार ने व्यापक इंतजामकिए हैं। पूरे मेला क्षेत्र में 50 फायर स्टेशन और 20 फायर पोस्ट बनाए गए हैं। किसी भी आपातस्थिति से निपटने के लिए 4,300 फायर हाइड्रेंट तैनात किए गए हैं। महाकुंभ को अग्नि दुर्घटनारहित क्षेत्र बनाने के लिए योगी सरकार ने विभाग को 66.75 करोड़ का बजट आवंटित किया है,

जबकि विभागीय बजट 64.73 करोड़ है।इस प्रकार, कुल 131.48 करोड़ रुपए की लागत से वाहन व उपकरणों को महाकुंभ मेला में अग्निजनित दुर्घटनाओं से सुरक्षा के लिए डिप्लॉय किया गया है। इतना ही नहीं, अलग-अलग प्रकार के51 से अधिक अग्निशमन वाहन और 2000 से अधिक ट्रेन्ड मैनपावर को डिप्लॉय किया गया है।प्रत्येक अखाड़ों के टेंट्स को फायर फाइटिंग इक्विप्मेंट्स से भी लैस किया गया है।

यहीं नहीं, मेले कीशुरुआत से पूर्व एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के साथ दर्जनों बार मॉक ड्रिल किया गया, जिसकाहादसे को रोकने में महत्वपूर्ण योगदान रहा।