चुनावी प्रक्रिया को मजबूत करने की पहल

भारत निर्वाचन आयोग ने चुनावी प्रक्रियाओं को और मजबूत बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। आयोग ने सभी राष्ट्रीय और राज्यीय राजनीतिक दलों को बातचीत के लिए आमंत्रित किया है।

चुनावी प्रक्रिया को मजबूत करने की पहल

चुनावी प्रक्रिया को मजबूत करने की पहल

भारत निर्वाचन आयोग ने चुनावी प्रक्रियाओं को और मजबूत बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। आयोग ने सभी राष्ट्रीय और राज्यीय राजनीतिक दलों को बातचीत के लिए आमंत्रित किया है।

आयोग ने राजनीतिक दलों से 30 अप्रैल, 2025 तक अपने सुझाव मांगे हैं। ये सुझाव निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारियों, जिला निर्वाचन अधिकारियों या मुख्य निर्वाचन अधिकारियों के स्तर पर दिए जा सकते हैं। मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री ज्ञानेश कुमार ने पिछले सप्ताह के सम्मेलन में सभी राज्यों के अधिकारियों को महत्वपूर्ण निर्देश दिए। 

राजनीतिक दलों के साथ नियमित संवाद स्थापित करने का आदेश दिया। साथ ही, इन बैठकों में मिले सुझावों को मौजूदा कानूनी ढांचे के भीतर समाधान करने को कहा।

निर्वाचन आयोग ने राजनीतिक दलों को एक पत्र भेजा है। इसमें लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 और 1951, निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण नियम 1960, और निर्वाचनों का संचालन नियम 1961 का जिक्र किया गया है। आयोग ने बताया कि इन नियमों से स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने का एक मजबूत ढांचा तैयार हुआ है।राजनीतिक दल चुनावी प्रक्रिया के 28 प्रमुख हितधारकों में से एक हैं।

आयोग ने सभी दलों से इस विकेंद्रीकृत तंत्र का सक्रिय रूप से उपयोग करने का आग्रह किया है। अधिकारियों को 31 मार्च, 2025 तक कार्रवाई रिपोर्ट जमा करने को कहा गया है।