Delhi aap government दिवाली पर लाई दीये जलाओ पटाखे नहीं अभियान

दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को कम करने के लिए हर संभव प्रयासकिए जा रहे हैं। अब त्योहारी सीजन में राष्ट्रीय राजधानी में बढ़ते प्रदूषण के बीच पर्यावरण मंत्रीगोपाल राय ने कहा कि दिल्ली सरकार सोमवार से ;दीये जलाओ, पटाखे नहीं अभियान शुरू करेगी।

Delhi aap government दिवाली पर लाई दीये जलाओ पटाखे नहीं अभियान

आप सरकार दिवाली पर लाई दीये जलाओ पटाखे नहीं अभियान

दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को कम करने के लिए हर संभव प्रयासकिए जा रहे हैं। अब त्योहारी सीजन में राष्ट्रीय राजधानी में बढ़ते प्रदूषण के बीच पर्यावरण मंत्रीगोपाल राय ने कहा कि दिल्ली सरकार सोमवार से ;दीये जलाओ, पटाखे नहीं; अभियान शुरू करेगी।
क्योंकि अगले 15 दिनों में शहर में प्रदूषण बढ़ने की आशंका है।पर्यावरण मंत्री ने बताया कि पर्यावरण विशेषज्ञों के अनुसार, मौसम में बदलाव के कारण आने वाले15 दिनों में वायु प्रदूषण बढ़ने की संभावना है।

इसे देखते हुए सरकार का फोकस दिवाली पर पटाखोंके जलने पर नियंत्रण करना है। प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए आज शाम से ही ;दीया जलाओअभियान शुरू कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि, पीएम 2.5 हवा में बढ़ रहा है, पराली जलाने का प्रभावअब बढ़ रहा है। हम व्यवस्था कर रहे हैं कि पंजाब, हरियाणा जाने वाले वाहन दिल्ली में प्रवेश नकरें। अगर भाजपा सरकारें (केंद्र और हरियाणा और यूपी में) केवल सवाल उठाएंगी, तो कौन कामकरेगा?इसके अलावा, पर्यावरण मंत्री ने एलजी विनय कुमार सक्सेना को भी पत्र लिखा है, जिसमें उनसेराष्ट्रीय राजधानी में पटाखा प्रतिबंध के उल्लंघन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का आग्रह किया है।

प्रदूषण पर अंकुश लगाने के इरादे से, गोपाल राय ने 14 अक्टूबर को शहर में 1 जनवरी तक पटाखोंके उत्पादन, भंडारण, वितरण और उपयोग की घोषणा की थी।पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने आगे हरियाणा में कुछ मामलों को उजागर करते हुए पराली जलाने कामुद्दा उठाया। उन्होंने कहा;नरेला-हरियाणा सीमा से इसकी (पराली जलाने की) कुछ घटनाएं एकसप्ताह पहले सामने आई थी, कार्रवाई की जा रही है। दिल्ली में पराली के लिए बायो-डीकंपोजर काइस्तेमाल किया जा रहा है। इससे पहले शनिवार को, हरियाणा और पंजाब के कुछ हिस्सों में परालीजलाने की कई घटनाएं देखी गई, बावजूद इसके कि सुप्रीम कोर्ट ने इस मुद्दे पर पर्याप्त कार्रवाई
करने में विफल रहने के लिए दोनों राज्य सरकारों की आलोचना की थी।

राजधानी में वायु गुणवत्तासूचकांक (एक्यूआई) 328 दर्ज किया गया, जिसेबहुत खराब श्रेणी में रखा गया।