देश के विकास के लिए पर्यावरण पर नियंत्रण रखना बहुत जरूरी है -डॉ एमपी सिंह

डॉ एमपी सिंह ने अपने प्रेक्टिकल अनुभव के आधार पर बताया कि पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाले पारा शीशा अमोनिया यूरिया नाइट्रेट धूल कण  औद्योगिक अपशिष्ट खनिज तेल  कार्बन मोनोऑक्साइड सल्फर डाइऑक्साइड आदि है जिनकी वजह से  80 फ़ीसदी बीमारियों का जन्म होता है

देश के विकास के लिए पर्यावरण पर नियंत्रण रखना बहुत जरूरी है -डॉ एमपी सिंह

 5 जून 2022 

अखिल भारतीय मानव कल्याण ट्रस्ट के राष्टिय अध्यक्ष  प्रोफेसर एमपी सिंह ने बताया कि 5 जून को प्रतिवर्ष पर्यावरण दिवस मनाया जाता है पर्यावरण का शाब्दिक अर्थ आसपास मानव जंतुओं या पौधों की वृद्धि एवं विकास को प्रभावित करने वाली बाहरी दशाएं होती है पर्यावरण को अंग्रेजी में एनवायरमेंट कहते हैं जिसका अर्थ है गिरा हुआ या गिरना l

उन्होंने कहा  कि पर्यावरण की संरचना काफी जटिल है क्योंकि इसके जैविक और अजैविक घटकों के अनंत क्रिया चलती रहती हैं इस प्रकार पर्यावरण भौतिक एवं जैविक संकल्पना है मूल रूप से पर्यावरण को जलीय स्थलीय वायुमंडलीय में वर्गीकृत किया गया है

डॉ एमपी सिंह ने बताया कि पर्यावरण विभाग की स्थापना भारत में 1980 में हुई थी  और पर्यावरण अधिनियम 1986 के अनुसार पर्यावरण किसी जीव के चारों तरफ  भौतिक एवं जैविक दशाएं एवं उसके साथ  अंतः क्रिया को सम्मिलित करता है

डॉ सिंह ने बताया कि पर्यावरण की प्रत्येक इकाई जैसे वृक्ष वनस्पति आदि का मानव जीवन में अत्यधिक महत्व है मनुष्य अपने आर्थिक विकास की प्रक्रिया में पर्यावरण तथा प्राकृतिक संसाधनों के अंधाधुंध दोहन तथा प्रदूषण से संबंधित गतिविधियों में लिप्त है पर्यावरण प्रदूषण तथा प्राकृतिक संसाधनों का अति दोहन पृथ्वी पर रहने वाले सभी जीव धारियों के अस्तित्व के लिए खतरा है

डॉ एमपी सिंह ने अपने प्रेक्टिकल अनुभव के आधार पर बताया कि पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाले पारा शीशा अमोनिया यूरिया नाइट्रेट धूल कण  औद्योगिक अपशिष्ट खनिज तेल  कार्बन मोनोऑक्साइड सल्फर डाइऑक्साइड आदि है जिनकी वजह से  80 फ़ीसदी बीमारियों का जन्म होता है

वायुमंडल को प्रदूषित करने में   आवासीय कचरा  खनन अपशिष्ट मलबे का ढेर  औद्योगिक अपशिष्ट चीनी मिल से खोई ताबा एलुमिनियम रसायन उद्योग से निकला अपशिष्ट एलुमिनियम पेट्रोलियम  उद्योगअपशिष्ट  कागज  अखबार कृषि अपशिष्ट जैसे कृषि उत्पाद भूसा फसलों की जड़ें तना गोबर चारा नगरपालिका अपशिष्ट घरेलू कचरा प्लास्टिक सामान कागज कांच का सामान वाहनों का धुआं इलेक्ट्रॉनिक कचरा  खाद्य पदार्थ  चिकित्सीय अपशिष्ट रासायनिक जैविक अपशिष्ट शरीर के अंग जानवरों के मृत शरीर  मछली क्षेत्र का कचरा  आदि डॉ एमपी सिंह का मानना है कि भारत के प्रत्येक नागरिक का यह कर्तव्य होना चाहिए कि वह नदी झील तथा वन्यजीवों की रक्षा करेगा और किसी प्रकार का नुकसान नहीं पहुंचाएगा तथा अनावश्यक कच्चे पहाड़ों को तथा वृक्षों को नहीं काटेगा और सिस्टम से पॉल्यूशन सर्टिफिकेट लेकर ही अपने वाहन को सड़क पर चलाएगा और अपने चारों और साफ सफाई का विशेष ध्यान रखेगा तथा कचरे का उचित प्रबंधन करेगा

ट्रस्ट के  संस्थापक डॉ ह्रदयेश कुमार ने
वृक्षारोपण के कार्य के विस्तार में उनके योगदान के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने इस नेक कार्य के लिए एकत्रित सभी लोगों को बधाई दी और प्रत्येक सदस्य को जीवन भर अच्छे काम करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने न केवल रोपण के महत्व पर प्रकाश डाला बल्कि लगाए गए पौधों की देखभाल भी की।

उन्होंने सभी लोगों को पर्यावरण के संरक्षण और धरती मां के संरक्षण के लिए एक वर्ष में कम से कम 5 पेड़ लगाने के लिए प्रेरित किया । इस मौके पर ट्रस्ट के पदाधिकारी और अन्य  सामाजिक कार्यकर्ता बबीता नायर , सुनीता राजपूत , रजनी देवी भी विशेष रूप से उपस्थित रहे