फर्जी प्राइवेट लिमिटेड कम्पनियाँ चल रही हैं नोएडा में
नोएडा, 06 जुलाई (हाईटेक सिटी नोएडा तकनीक के मामले में जितना हाईटेक हो रहा है, उससे कहीं अधिक क्राइम के मामले में भी हाईटेक हो रहा है। यहां पर जहां साइबर क्राइम के केेसों में इजाफा हो रहा है,
नोएडा, 06 जुलाई हाईटेक सिटी नोएडा तकनीक के मामले में जितना हाईटेक हो रहा है,
उससे कहीं अधिक क्राइम के मामले में भी हाईटेक हो रहा है। यहां पर जहां साइबर क्राइम के केेसों में
इजाफा हो रहा है, वहीं शातिर जालसाजों द्वारा भी फाइनेंसियल क्राइम को अंजाम दिया जा रहा है।
जिसके तहत कुछ लोगों ने फर्जी कागजात तैयार कर और फर्जी प्राइवेट लिमिटेड कंपनी बनाकर बैंकों को
करीब 23 करोड़ रुपये का चूना लगा दिया।
थाना फेस 1 पुलिस ने गुरुवार को इलैक्ट्रोनिक सर्विलांस टीम, मैनुअल इंटेलीजेंस व गोपनीय सूचना के
आधार पर फर्जी दस्तावेज बनाकर तथा फर्जी रूप से अलग अलग व्यक्तियों की आईडी एवं प्राइवेट
लिमिटेड कम्पनियाँ बनाकर धोखाधड़ी करके बैंकों से लोन लेकर 23 करोड़ रूपये हड़पने वाल एक व्यक्ति
को गिरफ्तार किया है। शिवानी फर्नीचर सेक्टर 10 से गिरफ्ततार मोहम्मद रफी उर्फ रफीक पुत्र मोहम्मद
सद्दीक के कब्जे से पुलिस ने एक फिंगर प्रिंट डिवाइस व डाटा केबल तथा 1 आई स्कैनर बरामद किए
हैं।
आपको बता दें कि एचडीएफसी बैंक लिमिटेड के डिप्टी वाइस प्रेसीडेंट क्रेडिट इन्टेलीजैंस एवं कंट्रोल ने
थाना सेक्टर फेस 1 में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि अभियुक्त मोहम्मद रफी द्वारा अवैध रूप से आर्थिक
लाभ कमाने के उद्देश्य से फर्जी दस्तावेज बनाकर तथा फर्जी रूप से अलग अलग व्यक्तियों की आईडी
एवं प्राइवेट लिमिटेड कम्पनियाँ बनाकर धोखाधड़ी करके बैंक को आर्थिक हानि पहुँचाने के आधार पर 23
करोड़ रुपये हड़प कर लिए गए। इस मामले में थाना फेस 1 पुलिस द्वारा 8 लोगों को विगत 15 मई को
गिरफ्तार किया जा चुका है।
शातिर जालसाजों द्वारा विभिन्न फर्जी नामों से आधार कार्ड, पैन कार्ड बनाकर तथा आरओसी मे कम्पनी
रजिस्टर कराकर तथा विभिन्न अन्य लोगों के आधार कार्ड तथा पैन कार्ड इसी तरह से बनाकर अलग-
अलग बैंकों में खाते खुलवाते हैं। इस प्रकार खोले गये खातों मे फर्जी कम्पनी के खाते से सैलरी के रुप
मे धन ट्रान्सफर करते हैं।
उस धन को एटीएम से निकालकर पुनः उसी कम्पनी के खाते मे जमा करा
देते हैं। इस प्रकार 6-7 महीने सैलरी देने पर ऐसा खातेदार लोन के लिये उपर्युक्त हो जाता है। तब ये
लोग आनलाईन लोन एप्लाई करके तथा कई अन्य फाईनेन्स कम्पनियों से कार, मोबाईल व अन्य वस्तुएं
फाईनेन्स कराते हैं।
लोन के रुपयों को एटीएम के माध्यम से निकालकर तथा फाईनेन्स की वस्तुओं को गबन करके ये लोग
बैंक को वापस नहीं करते हैं। क्योकि यह सब काम गलत नामों से किया जाता हैं। अतः बैंक इनको पकड़
नहीं पाता है ये लोग यह काम किराए के फ्लैट लेकर करते हैं। जीएचसीएल कम्पनी में फ्रॉड का काम
इन लोगों ने सैक्टर 119 में एक फ्लैट लेकर किया था। इन लोगों ने अभी तक एचडीएफसी सहित अन्य
बैंकों से लगभग 23 करोड़ रूपये लोन के रूप में लिये है और वापस नहीं किये। इस प्रकार बैंकों को
लगभग 23 करोड़ रूपये की हानि पहुँचायी है। जीएचसीएल (फर्जी कम्पनी) कम्पनी ने ईपीएफओ में
कम्पनी के कर्मचारी के खाते खुलवा रखे थे और समय समय पर ईपीएफओ के खाते में पैसा जमा करते
थे जिससे कम्पनी का अस्तित्व सही प्रतीत हो और फर्जी कर्मचारी दर्शाकर कर्मचारी के नाम पर लोन
लेते समय बैंकों को कोई शक न हो।