अत्यन्त धूमधाम से संपन्न हुआ ठाकुर श्रीराधा गोलोक बिहारी महाराज का 33वां पाटोत्सव
वृन्दावन।गौशाला नगर क्षेत्र स्थित श्रीगोलोक धाम आश्रम में ठाकुर श्रीराधा गोलोक बिहारी महाराज का 33वां पाटोत्सव धर्मरत्न स्वामी गोपालशरण देवाचार्य महाराज के पावन सानिध्य में अत्यंत श्रद्धा एवं धूमधाम के साथ सम्पन्न हुआ।
अत्यन्त धूमधाम से संपन्न हुआ ठाकुर श्रीराधा गोलोक बिहारी महाराज का 33वां पाटोत्सव
वृन्दावन।गौशाला नगर क्षेत्र स्थित श्रीगोलोक धाम आश्रम में ठाकुर श्रीराधा गोलोक बिहारी महाराज का 33वां पाटोत्सव धर्मरत्न स्वामी गोपालशरण देवाचार्य महाराज के पावन सानिध्य में अत्यंत श्रद्धा एवं धूमधाम के साथ सम्पन्न हुआ।इस अवसर पर ठाकुरजी का वैदिक मंत्रोच्चार के मध्य पंचामृत से अभिषेक किया गया।
साथ ही उन्हें नवीन पीत पोशाक धारण कराकर उनका भव्य श्रृंगार किया गया।इसके अलावा उन्हें 56 भोग निवेदित किए गए।इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए गोलोकधाम पीठाधीश्वर धर्मरत्न स्वामी गोपालशरण देवाचार्य महाराज ने कहा कि श्रीधाम वृन्दावन की भूमि अत्यंत पावन व समृद्ध है।क्योंकि यहां के कण-कण में लीला पुरुषोत्तम भगवान श्रीकृष्ण व उनकी आल्हादिनी शक्ति श्रीराधा रानी की चरण रज विद्यमान हैं।इसीलिए इस भूमि पर हमने 32 वर्ष पूर्व ठाकुर गोलोक बिहारी महाराज के मंदिर की स्थापना की थी।इस मन्दिर से देश-विदेश के असंख्य भक्तों व श्रृद्धालुओं की आस्था जुड़ी हुई है।
मथुरा-वृन्दावन नगर निगम के पार्षद पण्डित राधा कृष्ण पाठक एवं सन्त प्रिया शरण भक्तमाली महाराज ने कहा कि धर्मरत्न स्वामी गोपालशरण देवाचार्य महाराज धर्म व अध्यात्म जगत की बहुमूल्य विभूति हैं।इन्होंने श्रीकृष्ण भक्ति की लहर को समूचे विश्व में प्रवाहित कर असंख्य व्यक्तियों का कल्याण किया है और कर रहे हैं।
उनके द्वारा विश्वभर में श्रीराधा कृष्ण के 108 मन्दिर बनाने का जो संकल्प लिया हुआ है, वो अति प्रशंसनीय है।इससे न केवल प्रभु भक्ति अपितु सनातन धर्म का भी अत्यधिक प्रचार-प्रसार होगा।
ब्रज साहित्य सेवा मंडल के अध्यक्ष डॉ. गोपाल चतुर्वेदी एवं प्रमुख समाजसेवी विजय रिणवां ने कहा कि बसन्त पंचमी का दिन अत्यंत पावन व पुनीत है।आज का दिन मां सरस्वती के पूजन अर्चन का भी दिवस है।
आज ही के दिन हिन्दी जगत के मूर्द्धन्य साहित्यकार महाप्राण सूर्यकांत त्रिपाठी "निराला" का जन्मदिवस भी है।उसी क्रम में हम लोग आज ठाकुर श्रीराधा गोलोक बिहारी महाराज का 33 वां पाटोत्सव मना रहे हैं।आज ही के दिन धर्म रत्न स्वामी गोपालशरण देवाचार्य महाराज का जन्म दिवस व संन्यास तिथि भी है।इसलिए आज बसंत पंचमी पर्व का महत्व बहुत अधिक बढ़ा हुआ है।
इससे पूर्व "महावाणी" व "गोपाल सहस्रनाम" का संतो व विप्रों के द्वारा संगीतमय सामूहिक गायन किया गया।साथ ही प्रख्यात भजन गायक चन्दन महाराज, ब्रज रसिक पण्डित मनोज शर्मा एवं भजन गायक मुकंद शरण आदि ने संगीतमय होली के पदों, भजनों व रसियाओं का गायन किया गया।तत्पश्चात बधाई गायन हुआ।जिसमें रुपए, कपड़े, मेवा-मिष्ठान, फल, बर्तन आदि लुटाए गए।इस अवसर पर इत्र, गुलाब जल व फूलों की होली खेली गई।
महोत्सव में श्रीमद्भागवत के प्रकांड विद्वान आचार्य नेत्रपाल शास्त्री, प्रमुख समाजसेवी नन्द किशोर रावत, युवा साहित्यकार डॉ. राधाकांत शर्मा आदि की उपस्थिति विशेष रही।महोत्सव का समापन संत ब्रजवासी वैष्णव सेवा एवं वृहद भंडारे के साथ हुआ।