यमुना का जलस्तर बढ़ने से फिर सड़कों पर आए लोग

ग्रेटर नोएडा, 24 जुलाई यमुना का जलस्तर बढ़ने से एक बार फिर डूब क्षेत्र में रहकर कार्य करने वाले लोग सड़कों पर आ गए हैं।

यमुना का जलस्तर बढ़ने से फिर सड़कों पर आए लोग

ग्रेटर नोएडा, 24 जुलाई (यमुना का जलस्तर बढ़ने से एक बार फिर डूब क्षेत्र में रहकर कार्य
करने वाले लोग सड़कों पर आ गए हैं। सोमवार को सेक्टर-135 नंगली वाजिदपुर के सामुदायिक भवन से


लेकर पुश्ता रोड तक फुटपाथों पर लोग तंबू और टेंट लगाकर सिर पर छत बनाने की कोशिश में जुटे


रहे। डूब क्षेत्र में फॉर्म हाउस पर काम करने वाले करीब एक हजार से अधिक लोग दोपहर तक बाहर आ
चुके थे। जिन्हें प्रशासनिक अधिकारी हर मदद मुहैया करा रहे हैं।


दरअसल, हिंडन नदी जिले के 14 गांवों से गुजरकर सेकटर-151 मोमनाथल गांव में यमुना में मिल रही
है। जिससे यमुना का जलस्तर बढ़ गया है। सहारनपुर से हिंडन में लगातार पानी छोड़ा जा रहा है,


जिसके फलस्वरूप यमुना में भी उफान आ रहा है। बीते दिनों यमुना में 3.72 लाख क्यूसेक पानी होने के
कारण पूरा क्षेत्र डूब गया था। पुश्ता रोड तक पांच से आठ फुट पानी भर गया। कई गोवंश की पानी में


खड़े रहने के कारण मौत तक हो गई थी, ऐसे में जिला प्रशासन ने बाढ़ से निपटने के लिए डूब क्षेत्र में
रविवार रात करीब दो बजे तक संघन अभियान चलाया। मुनादी के माध्यम से वहां रहने वाले लोगों को


जल्द से जल्द इलाका खाली करने की चेतावनी दी। प्रशासन के अधिकारियों की चेतावनी पर रात में ही
लोगों ने डूब क्षेत्र खाली करना शुरू कर दिया और वह नंगली वाजिदपुर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र


पहुंच गए। सामुदायिक क्षेत्र में 200 से अधिक लोग रह रहे हैं। प्रशासन की ओर से इनके लिए खानपान

और मेडिकल सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। यहां भीड़ बढ़ने के कारण शेष लोगों ने अपने तंबू
फुटपाथों पर गाड लिए। फिलहाल वह वहीं रहकर गुजर बसर कर रहे है।


दोगुने नुकसान झेलने को मजबूर हुए : बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से लौटे लोग दोगुना नुकसान झेलने को
मजबूर है। बाढ़ क्षेत्र में बीते दिनों बने हालात के कारण कई लोगों के आशियानें उजड़ गए थे। वापस


लौटने पर उन्होंने अपने झुग्गी के लिए सामान खरीदा, लेकिन एक बार फिर उनके सामने घर तबाह होने


की स्थिति बन गई है। ऐसे में काफी लोग बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में बने उनके पुराने टेंट ही उखाड़ कर ले
आए है। उसी की छाया में वह परिवार के साथ सड़कों पर रह रहे हैं।