हाईकोर्ट के आदेश ताक पर, लाइसेंसी शस्त्र जमा करने के लिए पुलिस का दबाब जारी

हाईकोर्ट ने ऐसी कोई याचिका दोबारा आने पर राज्य सरकार के अधिकारियों पर जुर्माना लगाने तक की बात कही है।

हाईकोर्ट के आदेश ताक पर, लाइसेंसी शस्त्र जमा करने के लिए पुलिस का दबाब जारी

हाईकोर्ट के आदेश ताक पर, लाइसेंसी शस्त्र जमा करने के लिए पुलिस का दबाब जारी

इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा जारी किए गए आदेशों के बाद भी शस्त्र लाइसेंस धारकों पर कासगंज पुलिस द्वारा शस्त्र जमा करने के लिए दबाब बनाया जा रहा है। शस्त्र लाइसेंस धारकों के घर जाकर और उन्हें फोन कर पुलिस दबाब बना कर शस्त्र जमा करने पर तुली है। इस सम्बंध में इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा लगभग दो दशक पहले के जारी आदेश के अनुपालन नही किये जा रहे।

पिछले दिनों इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा जारी किए गए एक आदेश रिट- सी नंबर - 2844/2024 में साफ साफ उल्लेख किया गया है कि एक सामान्य आदेश जारी कर चुनाव के बहाने सभी लाइसेंसी शस्त्र जमा नही कराये जा सकते, लेकिन इस आदेश के बाद भी पुलिस शस्त्र लाइसेंस धारकों पर शस्त्र जमा करने के लिए दबाब बना रही है।

इसके साथ ही उक्त आदेश में हाईकोर्ट ने मो. आरिफ खान बनाम जिला मजिस्ट्रेट लखनऊ, 1994 (12) एलसीडी 93 और शहाबुद्दीन बनाम उत्तर प्रदेश राज्य, 2000 (40) एसीसी 839 (एचसी, एलबी) का भी उल्लेख करके कहा कि सभी वैध शस्त्र लाइसेंस धारकों को सिर्फ इसलिए शस्त्र जमा करने के लिए बाध्य नही किया जा सकता कि निकट भविष्य में लोकसभा चुनाव है,

हाईकोर्ट द्वारा यह भी निर्देश दिया गया था कि कोई भी जिला मजिस्ट्रेट या जिला पुलिस अधीक्षक या उनके अधीनस्थ कोई भी अधिकारी आम तौर पर नागरिकों को अपने शस्त्र जमा करने के लिए मजबूर नहीं करेगा जब तक कि केंद्र सरकार का कोई आदेश न हो, इस मामले राज्य सरकार और उत्तर प्रदेश राज्य के सभी जिलों में तैनात अधिकारियों को आदेश का पालन करने के निर्देश दिए गए थे।

हाईकोर्ट ने अपने आदेश में यह भी उल्लेख किया है कि लगभग दो दशक बाद भी इस संबंध में लोग याचिका दायर कर रहे हैं जिसमे अधिकारी उन्हें शस्त्र जमा करने के लिये बाध्य कर रहे हैं। हाईकोर्ट ने ऐसी कोई याचिका दोबारा आने पर राज्य सरकार के अधिकारियों पर जुर्माना लगाने तक की बात कही है।

हाईकोर्ट के आदेश में कहा गया है कि शस्त्र लाइसेंसों के सत्यापन और उन्हें जमा कराने के उद्देश्य से जो स्क्रीनिंग कमेटी बनाई जाएगी उसमे भी शस्त्र जमा करने के कुछ ठोस कारण सामने आने पर ही बिना किसी पूर्वाग्रह के शस्त्र लाइसेंस धारक को व्यक्तिगत नोटिस जारी किया जाएगा जिसमे उल्लेख होगा कि उसका शस्त्र जमा कराना क्यों जरूरी है।

इतने सब आदेशों के बाद भी कासगंज पुलिस द्वारा शस्त्र लाइसेंस धारकों पर बनाये जा रहे दबाब के चलते परेशान शस्त्र लाइसेंस धारको द्वारा फिर से हाईकोर्ट में पिटीशन दायर करने की बात कही जा रही है।