पीपल के पेड़ के नीचे रहस्यमय तरीके से मर रहे कौवे
प्रयागराज जनपद के करेलाबाग इलाके में स्थित खेत की तरफ सदियों पुराना विशालकाय पीपल का पेड़ है। पीपल के पेड़ के नीचे लगभग 8 से 10 कौवे रहस्यमय तरीके से मृत पड़े मिले, इस बारे में आसपास के लोगों से जब पूछा गया
प्रयागराज जनपद के करेलाबाग इलाके में स्थित खेत की तरफ सदियों पुराना विशालकाय पीपल का पेड़ है। पीपल के पेड़ के नीचे लगभग 8 से 10 कौवे रहस्यमय तरीके से मृत पड़े मिले,
इस बारे में आसपास के लोगों से जब पूछा गया तो उन्होंने बताया पिछले कई दिनों से रोज 10 से 12 कौवों को इस पेड़ के नीचे मरा हुआ देखा जा रहा है। पीपल का पेड़ एक छायादार वृक्ष होता है।
वैज्ञानिकों ने इस पेड़ को अनूठा बताया है, जो 24 घंटे ऑक्सीजन छोड़ता है। मनुष्य के लिए भी या वृक्ष लाभदायक है। लेकिन उसी वृक्ष के नीचे रहस्यमय तरीके से कौवों की मौत आखिर कैसे हुई
, या विषय आश्चर्य करने वाला है। वहीं शास्त्रों में कौवे को यमराज का प्रतीक माना गया है। कौवे को निवाला देने के बाद पितृ संतुष्ट होते हैं। पितृ पक्ष में लोग अपने पितरों को पिंड दान करते हैं
और पूरे आदर के साथ ब्राह्मणों को भोज कराते हैं। पितृ पक्ष में कौवों को निवाला देना बहुत शुभ माना जाता है। उस गांव के कुछ लोगों द्वारा पीपल के पेड़ के नीचे दीप जलाकर पूजा अर्चना की जाती है मान्यता है
पीपल के वृक्ष में भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का भी वास माना गया है इसलिए पीपल की पूजा करने से न केवल पुण्य की प्राप्ति होती है
बल्कि पितरों का भी आशीर्वाद मिलता है। पुराणों के अनुसार जो व्यक्ति पीपल के वृक्ष की परिक्रमा करता है
उसकी सर्व मनोकामनाएं पूर्ण होती है, साथ ही शत्रुओं का नाश भी होता है।