प्लाट कब्जा कर लोन लेने वाले 9 आरोपी गिरफ्तार

नोएडा। नोएडा में खाली प्लाट के फर्जी दस्तावेज तैयार कर कब्जा और लोन लेने वाले पूरे गैंग को थाना सेक्टर-58 पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इस गैंग में सरगना समेत नौ लोग शामिल है।

प्लाट कब्जा कर लोन लेने वाले 9 आरोपी गिरफ्तार

प्लाट कब्जा कर लोन लेने वाले 9 आरोपी गिरफ्तार

नोएडा। नोएडा में खाली प्लाट के फर्जी दस्तावेज तैयार कर कब्जा और लोन लेने वाले पूरे गैंग को थाना सेक्टर-58 पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इस गैंग में सरगना समेत नौ लोग शामिल है। इसे एक मामले में सीबीआई ने भी पकड़ा था। इनके द्वारा बनाए गए फर्जी दस्तावेज भी पुलिस ने बरामद किए है। 

डीसीपी ने राम बदन सिंह ने बताया कि दिल्ली के एमसीडी से रिटायर्ड अधिकारी केदारनाथ राय का सेक्टर-58 ए-6 में 375 वर्गमीटर का एक प्लाट है। इस प्लाट का आवंटन करीब 2000 के आसपास किया गया था।आवंटन के बाद केदारनाथ ने प्लाट की बाउंड्रीवाल कराई और गेट लगवा दिया। उसके बाद से प्लाट खाली है। प्लाट पर आरोपियों ने पहले कागज खोने की एक फर्जी एलएआर (लोकल आर्टिकल रिपोर्ट) कराई। जिसमें आरोपी ने अपना नंबर दिया। प्राधिकरण से कागज हासिल किए। केदारनाथ के नाम से फर्जी सेल्सडीड तैयार की।आरोपियों ने एक केदारनाथ के नाम की एक फर्जी फर्म बनाई। जिसमें 50 लाख रुपए ट्रांसफर किए। हालांकि ये पैसा आपस में ही बांट लिया।

इन आरोपियों में दो खरीदार भी है। प्रॉपर्टी का वैल्यूएशन कराकर सौदा 3 करोड़ 75 लाख में तय किया। इन्ही दस्तावेज को आधार बनाकर 3 करोड़ 21 रुपए लोन के लिए आदित्य बिरला फाइनेंस में अप्लाई किया। फाइनेंस कंपनी के सर्वे करने के दौरान मामले का खुलासा हुआ और पुलिस ने नौ लोगों को गिरफ्तार किया।

जबकि प्रॉपर्टी की सही लागत करीब 12 करोड़ रुपए है। डीसीपी राम बदन सिंह ने बताया कि इन आरोपियों की पहचान देवाशीष शर्मा , इतेश पौशवाल , नीरज झा , अनिल भडाना, विभूति, संजय शाह, कप्तान, राकेश विष्ट, नितीश पौशवाल हुई है। गैंग का सरगना राकेश बिष्ट है। जो अपने को रिटायर्ड अधिकारी बताता है। इसके अलावा इतेश और नितीश बाप-बेटे है। इस गैंग में और लोग शामिल हो सकते है। जिसकी जांच की जा रही है।

फाइनेंस कंपनी के सर्वेयर से खुला पूरा गैंग 

14 फरवरी 2025 को पीड़ित के बेटे ने प्लाट पर लगे सीसीटीवी फुटेज देखी। फुटेज में दिखा की कुछ लोग प्लाट के गेट पर लगा ताला तोड़ रहे है। इस पर थाना सेक्टर-58 पुलिस को सूचना दी गई। पुलिस ने फुटेज के आधार पर एक लोगों को पकड़ा। ये आरोपी नहीं बल्कि फाइनेंस कंपनी का सर्वेयर था।

जो प्लाट का सर्वे करने आया था। उसे अपनी रिपोर्ट कंपनी में देनी थी जिसके बाद लोन की रकम आरोपियों के खाते में आ जाती