दिल्ली और NCR में पटाखों को लेकर अलग-अलग नियम
GRAP को लाया ही इसलिए गया था कि प्रदूषण को कम करने के लिए पूरे एनसीआर में एक समान नियम लागू किए जा सके।
दिल्ली और NCR में पटाखों को लेकर अलग-अलग नियम
Delhi :GRAP को लाया ही इसलिए गया था कि प्रदूषण को कम करने के लिए पूरे एनसीआर में एक समान नियम लागू किए जा सके। लेकिन पटाखों को लेकर दिल्ली एनसीआर में अलग-अलग नियम हैं। दिल्ली और आसपास के शहरों में लोग अलग-अलग नियमों के चलते कन्फ्यूज हो रहे हैं। एनसीआर के दूर दराज के शहरों में तो पटाखों को लेकर नियम अभी तक तय भी नहीं किए गए हैं।
पर्यावरण एक्टिविस्ट्स के अनुसार, दिल्ली एनसीआर में एक जैसे नियम लागू हों, इसे एक एयर शेड के तौर पर देखा जाए इसके लिए ही GRAP लागू किया गया। सीएक्यूएम का गठन हुआ। ऐसे में पटाखों को लेकर अलग-अलग नियम समझ से परे हैं। दिल्ली के ही लोगों पर सबसे अधिक नियम क्यों लागू होते हैं? यदि नोएडा या गुरुग्राम में पटाखे जले तो क्या दिल्ली में प्रदूषण नहीं होगा?
पर्यावरण एक्टिविस्ट वी सिल्वराजन के अनुसार, पटाखों पर पूरी तरह बैन की वजह से ही यह बैन कारगर नहीं हो पा रहा है। लोगों को कुछ छूट मिलनी चाहिए। दिवाली और पटाखे एक दूसरे का पर्याय बन चुके हैं। यह सोच एकदम से नहीं बदल सकती। इसे बदलने में समय लगेगा। यह धार्मिक आस्था भी है। कुछ स्थान कुछ समय लोगों को दिया जाना चाहिए। या फिर नियम इतने सख्त बनें और पूरे साल लागू रहें। लोगों को इसके लिए पूरे साल अवेयर करने की जरूरत है।
पर्यावरण एक्टिविस्ट प्रीतम ठाकरान ने बताया कि कम से कम दिल्ली एनसीआर के लिए एक जैसे नियम होने चाहिए। यह तो तय है कि लोग पटाखे फोडेंगे ही। बैन के चलते लोगों को ज्यादा खर्च करना पड़ेगा और सरकार को रेवेन्यू लॉस होगा। गुरुग्राम, नोएडा से लोग पटाखे लेकर आएंगे। फिर साफ है कि जब रावण दहन के समय वीवीआईपी ने पटाखे जलाए, राजनीतिक पार्टियों ने खुशी के मौके पर पटाखे जलाए तो आम लोगों पर दिवाली पर रोक क्यों? इससे जनता के बीच एक गलत मैसेज जा रहा है और वह इसे धर्म से जोड़कर देख रहे हैं।
इस साल दिवाली से पहले ही प्रदूषण के हालात काफी नाजुक हैं। दिवाली वाले दिन प्रदूषण पहले ही गंभीर स्थिति तक पहुंचने के आसार भी जताए जा रहे हैं। पर्यावरण एक्सपर्ट सरकार से दिवाली से पहले ग्रैप के इमरजेंसी स्टेप्स लगाने की सिफारिश कर रहे हैं।दिल्ली में ग्रीन क्रैकर्स समेत सभी तरह के पटाखों पर एक जनवरी 2025 तक रोक लगा दी गई है। इस दौरान पटाखे बेचने, बनाने, जलाने, स्टोरेज समेत उनकी ऑनलाइन डिलिवरी पर भी रोक है।
गाजियाबाद में एक्यूआई 200 से ऊपर रहने के चलते ग्रीन क्रैकर्स पर रोक लग चुकी है। हालांकि अगर एक्यूआई 200 से नीचे आया तो लाइसेंस वाले दुकानदार इसे बेच सकते हैं। गुरुग्राम और फरीदाबाद में ग्रीन कैकर्स को छोड़कर बाकी बेरियम युक्त पटाखों को बनाने, बेचने पर प्रतिबंध रहेगा। त्योहारों जैसे दिवाली, गुरुपर्व और क्रिसमस पर ग्रीन क्रैकर्स जलाने के लिए लोगों को दो-दो घंटे की छूट दी जाएगी।
बेरियम युक्त पटाखों पर दिल्ली एनसीआर में पूरे साल ही रोक रहती है। दिवाली पर लोग आठ से दस बजे के बीच पटाखे जला सकेंगे।