गोपाल निकुंज सेवा संस्थान में धूमधाम से संपन्न हुआ ठा. श्रीगोपालजी महाराज का 27वां पाटोत्सव

वृन्दावन।राधा निवास-गोविंद कुंड क्षेत्र स्थित श्रीगोपाल निकुंज सेवा संस्थान में ठाकुर श्रीगोपालजी महाराज का पाटोत्सव एवं निकुंजवासी संत शिरोमणि ब्रजकिशोरी शरण (माताजी) का द्विदिवसीय 27 वां वार्षिक निकुंज प्रवेशोत्सव अत्यंत श्रद्धा एवं धूमधाम के साथ सम्पन्न हुआ।

गोपाल निकुंज सेवा संस्थान में धूमधाम से संपन्न हुआ ठा. श्रीगोपालजी महाराज का 27वां पाटोत्सव

गोपाल निकुंज सेवा संस्थान में धूमधाम से संपन्न हुआ ठा. श्रीगोपालजी महाराज का 27वां पाटोत्सव

वृन्दावन।राधा निवास-गोविंद कुंड क्षेत्र स्थित श्रीगोपाल निकुंज सेवा संस्थान में ठाकुर श्रीगोपालजी महाराज का पाटोत्सव एवं निकुंजवासी संत शिरोमणि ब्रजकिशोरी शरण (माताजी) का द्विदिवसीय 27 वां वार्षिक निकुंज प्रवेशोत्सव अत्यंत श्रद्धा एवं धूमधाम के साथ सम्पन्न हुआ। जिसके अंतर्गत अष्टयाम सेवा महावाणी, अखंड युगलनाम संकीर्तन, संत-विद्वत संगोष्ठी, समाज गायन एवं भजन संध्या आदि के कार्यक्रम सम्पन्न हुए।इसके अलावा संत, ब्रजवासी, वैष्णव सेवा एवं वृहद भंडारा भी हुआ।

संत-विद्वत संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए संस्कृत के प्रकांड विद्वान पुरुषोत्तम शरण शास्त्री (शास्त्रार्थ महारथी) ने कहा कि संत प्रवर ब्रजकिशोरी शरण (माताजी) अत्यंत सेवाभावी व धर्मनिष्ठ संत थीं। वो सदैव ही पूर्ण समर्पण व निस्वार्थ भाव से संत, गौ एवं निर्धन-निराश्रितों की सेवा करती थीं।उनके द्वारा स्थापित किए गए सेवा प्रकल्प श्री गोपाल निकुंज सेवा संस्थान में पूर्ण निष्ठा एवं समर्पण के साथ आज भी चलाए जा रहे हैं।


वरिष्ठ साहित्यकार डॉ गोपाल चतुर्वेदी व प्राचार्य ब्रज किशोर त्रिपाठी ने कहा कि ब्रजकिशोरी शरण (माताजी) ने श्रीधाम वृन्दावन में रहते हुए श्रीकृष्ण भक्ति की लहर को समूचे विश्व में प्रवाहित कर के अनेकों व्यक्तियों का कल्याण किया।गोपाल निकुंज सेवा संस्थान के संस्थापकाध्यक्ष आचार्य युगल किशोर कटारे व भागवताचार्य चेतन्य किशोर कटारे ने कहा कि हमारी सदगुरुदेव ब्रजकिशोरी शरण (माताजी) अनेकानेक सद्गुणों की खान थी।यदि हम लोग उनके किसी एक गुण को भी अपने जीवन में धारण कर लें तो हमारा कल्याण हो सकता है।


श्रीरंगलक्ष्मी संस्कृत महाविद्यालय के पूर्व प्राचार्य डॉ. रामसुदर्शन मिश्रा एवं युवा साहित्यकार डॉ. राधाकांत शर्मा ने कहा कि ब्रजकिशोरी शरण (माताजी) परम् भजनानंदी एवं दिव्य तपोमूर्ति थीं।उन्होंने श्रीधाम वृन्दावन में साधनामय जीवन जीते हुए योग व तप की शक्ति से अनेकों व्यक्तियों की पीड़ा दूर की।इससे पूर्व संपन्न हुई सरस भजन संध्या में प्रख्यात संगीताचार्य पंडित देवकीनंदन शर्मा ने ठाकुर श्रीगोपालजी महाराज की महिमा से ओत-प्रोत भजनों का संगीत की मृदुल स्वर लहरियों के मध्य गायन कर सभी को भाव-विभोर कर दिया।

इस अवसर पर बालकृष्ण शर्मा (बालों पण्डित), पवन कुमार शर्मा, ललित किशोर कटारे, कैलाश अग्रवाल, श्रीमती कुसुम अग्रवाल, श्रीमती शशि भूषणियां, श्रीमती गायत्री आइडल, श्रीमती त्रिवेणी बाई, राजेश, जयेश कुमार शर्मा, श्रीमती नीतू शर्मा, भक्ति प्रिया कटारे, चेतना कटारे, गोविंद मस्तराम, मोनू शर्मा, बंटी शर्मा, विकास अग्रवाल, श्रीमती निर्मला कटारे, श्रीमती गंगा शर्मा, ब्रज किशोर कटारे आदि के अलावा विभिन्न क्षेत्रों के तमाम गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।संचालन डॉ. राम सुदर्शन मिश्रा ने किया।धन्यवाद ज्ञापन व आभार व्यक्त आचार्य युगल किशोर कटारे ने किया।