क्या अनजान है सरकार?

हालांकि यह मानने योग्य नहीं है कि अपने एक अत्यंत महत्वपूर्ण औद्योगिक विकास प्राधिकरण ग्रेटर नोएडा की लगभग ढहने जैसी स्थिति से सरकार अनजान हो। यहां स्वीकृत पदों के सापेक्ष कभी भी नियुक्तियां नहीं हो पाई हैं।

क्या अनजान है सरकार?

हालांकि यह मानने योग्य नहीं है कि अपने एक अत्यंत महत्वपूर्ण औद्योगिक विकास प्राधिकरण ग्रेटर नोएडा की लगभग ढहने जैसी स्थिति से सरकार अनजान हो।

यहां स्वीकृत पदों के सापेक्ष कभी भी नियुक्तियां नहीं हो पाई हैं।

शासन से प्रतिनियुक्ति पर भेजे जाने वाले अधिकारियों के साथ यहां स्थाई तौर पर नियुक्त अधिकारी कर्मचारियों ने प्राधिकरण को यहां तक पहुंचाया है।

संविदाकर्मी भी शुरूआत से हैं और उनका योगदान भी कम नहीं है।स्थानांतरण नीति के अंतर्गत यहां के स्थाई अधिकारियों और कर्मचारियों को स्थानांतरित तो कर दिया गया

परंतु उनके सापेक्ष लोगों को यहां भेजा नहीं गया है। प्राधिकरण की योजनाओं को जमीन पर उतारने का काम दूसरी, तीसरी और चौथी पंक्ति के अधिकारी कर्मचारी ही करते हैं।

उनके अभाव में ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण क्या कोई भी सरकारी गैर सरकारी संस्थान कैसे चल सकता है।

प्राधिकरण को एक अदद पूर्णकालिक मुख्य कार्यपालक अधिकारी भी न दे पाना राज्य सरकार की या तो विफलता है या उदासीनता है।

हालांकि अतिरिक्त प्रभार के तहत रितु माहेश्वरी प्राधिकरण को पटरी पर लाने का भरसक प्रयास कर रही हैं।मेरा मानना है कि

सरकार को प्राधिकरण में पहले कार्यरत रहे किसी अनुभवी आईएएस अधिकारी को पुनः यह दायित्व देना चाहिए।हाल ही में यहीं से सेवानिवृत्त हुए अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी दीपचंद इस पद के लिए सर्वथा उपयुक्त हो सकते हैं। उन्हें यमुना एक्सप्रेस-वे

औद्योगिक विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी डॉ अरुण वीर सिंह की तर्ज पर सेवा विस्तार दिया जा सकता है। इसके साथ ही उन्हें दो तीन वर्षों के लिए स्वतंत्रता के साथ काम करने का अवसर प्रदान करने से किसानों

, फ्लैट खरीदारों की समस्याओं का समाधान और औद्योगिक निवेश के लक्ष्यों को प्राप्त किया जा सकता है। इसके साथ ही प्राधिकरण से गत वर्षों में सेवानिवृत्त हुए

कार्यकुशल व स्वच्छ छवि के अन्य अधिकारी कर्मचारियों को भी तदर्थ आधार पर वापस सेवा में लाया जा सकता है। यह केवल सुझाव हैं

और सरकार को इन्हें नकारने का पूरा अधिकार है। वैसे भी पुरानी अंग्रेजी कहावत के अनुसार सरकार कभी गलत नहीं होती है!