क्या अनजान है सरकार? ग्रेटर नोएडा का अधिकारी विहीन भूलेख विभाग

क्या अनजान है सरकार? ग्रेटर नोएडा का अधिकारी विहीन भूलेख विभाग

क्या अनजान है सरकार? ग्रेटर नोएडा का अधिकारी विहीन भूलेख विभाग

 राजेश  बैरागी-_ 
32 वर्ष पहले अस्तित्व में आया ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण वर्तमान में किस हाल में है? 124 गांवों की भूमि पर विकसित हो रहे ग्रेटर नोएडा नगर का दूसरा फेज 269 गांवों की भूमि पर विकसित होगा।

लगभग चार सौ गांवों की भूमि का लेखा जोखा रखने को मात्र पांच लेखपाल हैं और कोई नायब तहसीलदार या तहसीलदार नहीं है।दो उपजिलाधिकारी हैं और दो विशेष कार्याधिकारी हैं।

इस विभाग जिसे भूलेख विभाग के नाम से जाना जाता है, में आजकल कामकाज पूरी तरह ठप्प है। क्षेत्र के दो हजार से अधिक किसान अपने भूखंड और लीज बैक की समस्याओं को लेकर इधर से उधर भटकते रहते हैं।

दिलचस्प बात यह है कि अब उन्हें प्रायः जवाब भी नहीं मिलता।इसकी वजह यह है कि किसी अधिकारी को यह भी पता नहीं है कि आखिर होगा क्या। दरअसल किसानों को उनकी अधिग्रहीत भूमि के बदले दिये जाने वाले आवासीय भूखंडों की कितनी पत्रावलियां बनीं और ठंडे बस्ते में चली गयीं,यह हिसाब लगाना भी अब संभव नहीं है।

इलाहाबाद उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय के भूखंड देने के आदेश को ताक पर रख दिया गया है।लीज बैक के जरिए किसानों को उनकी ही भूमि वापस करने के लिए बनी उच्चाधिकारियों की समिति क्या कर रही है, कोई नहीं जानता।

जनता से मिलने के समय में अधिकारी अक्सर नदारद रहते हैं और समय बीतने के बाद प्राधिकरण के दरवाजे आम जनता के लिए बंद हो जाते हैं। जारी.....।(साभार:नेक दृष्टि हिंदी साप्ताहिक नौएडा)