दनकौर के प्रसिद्ध श्री गुरुद्रोणा चार्य मंदिर में अव्यवस्था को लेकर कांवरियों में रोष।

गुरु द्रोणाचार्य की पावन नगरी दनकौर में हर साल शिवरात्रि के पावन अवसर पर गोमुख से कावरिये कावर लाकर मन्दिर में स्थिति प्राचीन शिवलिंग पर जल चढ़ाते है

दनकौर के प्रसिद्ध श्री गुरुद्रोणा चार्य मंदिर में अव्यवस्था को लेकर कांवरियों में रोष।

हितेश कौशिक 
ग्रेटर नोएडा


गुरु द्रोणाचार्य की पावन नगरी दनकौर में हर साल शिवरात्रि के पावन अवसर पर गोमुख से कावरिये कावर लाकर मन्दिर में स्थिति  प्राचीन शिवलिंग पर जल चढ़ाते है। 

गोमुख के अलावा हरिद्वार से भी काफी मात्रा में कांवरिये यहाँ आकर जल चढ़ाते है और शिवरात्रि से एक दिन पहले मंदिर प्रांगण में आकर रात्रि विश्राम करते है। 

लेकिन मंदिर कमेटी की उदासीनता और कावरियों के प्रति बेरुखी के चलते कांवरिये काफी नाराज है। 

जहाँ सनातन धर्म मे शिवरात्रि का विशेष महत्व होता है। मंदिरों को विशेष रूप से सजाया जाता है भंडारे किये जाते है। लेकर दनकौर के द्रोणाचार्य मंदिर में ऐसा कुछ नही दिखाई देता है। 

गोमुख से आये ऊंची दनकौर के कावरिये नीरज नागर ने बताया कि एक महीने की  गोमुख से कठिन यात्रा करने के बाद दनकौर आने के बाद कावरियों के लिए रात्रि विश्राम के लिए सोने की कोई व्यवस्था मंदिर कमेटी की तरफ से नही  की जाती है । 

कांवरिये अपने अपने घर से गद्दों की व्यवस्था खुद करनी पड़ती है। ठंडे पीने के पानी का जग की व्यवस्था भी कावरियों को खुद अपने घर से करनी पड़ती है। 

कांवरियों के गुरु वरिष्ठ कावरिये "जय पण्डित"  जी ने बताया कि हरिद्वार से दनकौर तक रास्ते मे जितने भी मंदिर पड़ते है उन सभी मे कावरियों के रुकने की खास व्यवस्था की जाती है।

मगर जब दनकौर का कावरिया गोमुख से कठिन यात्रा करके अपने अंतिम पड़ाव दनकौर में आकर रुकता है। तो उनके सारे हौसले मंदिर में कावरियों की अव्यवस्था को देख कर  पस्त हो जाते है।

मंदिर में किसी भी तरह की कोई सजावट नही की जाती जब कि कृष्ण जन्माष्टमी पर लाखों रुपये की सजावट इस मंदिर पर की जाती है। 

ऊंची दनकौर से वरिष्ठ समाजसेवी के पी शर्मा जी मंदिर की संचालन समिति पर तंग कसते हुए कहा कि मंदिर समिति के संचालन

मुकुल बंसल जब मंदिर की व्यवस्था पर ध्यान नही दे सकते तो उनको पद पर बने रहने का कोई हक नही है उनको तत्काल स्तीफा दे देना चाहिये । 


जब संचालक शिरात्रि जैसे पावन पर्व पर मंदिर की व्यवस्था नही देख सकते तो उनको पद पर बने रहने का कोई हक नही है।  जल चढ़वाने के मौके पर मंदिर कमेटी को मंदिर में मौजूद होना चाहिए।

और मंदिर की व्यवस्था को स्वम देखना चाहिये। अपने घरों में बैठ कर मंदिर का संचालन करना सही बात नही है।

समाज सेवी और शिव भक्त गोपाल बंसल ने कहा कि मंदिर में कावरियों के लिए जनरेटर की व्यवस्था भी नही की गई यदि बिजली चली जाती है तो थके हुए कांवरिये ठीक से सो भी नही पाते है।

वहीं दनकौर नगर पंचायत की चैयरमेन पुत्र दीपक सिंह जलाभिषेक में शामिल हुए और कावरियों की सेवा भी की।


 वरिष्ठ भाजपा नेता अतुल मित्तल ने सभी कावरियों की कांवड़ चढ़वाने में विशेष सहयोग दिया। समाजसेवी शिवभक्त गोपाल बंसल ने गुलाबो के फूलों की बारिस कावड़ियों पर की।

मंदिर में अनिल पंडित,जयप्रकाश योगी, नीरज नागर, कालू नागर, आदि कांवरिये मौजूद रहे।