प्रयागराज संगम नगरी में सबसे बड़े एयर-शो में 120 विमानों ने दिखाए करतब; कुंभ मेले जैसी लाखों लोगों की भीड़ उमड़ी
संगम नगरी प्रयागराज के आसमान में रविवार दोपहर से शाम तक अद्भुत नजारा दिखा। सबसे बड़े एयर शो में भारतीय वायुसेना के विमान सारंग, चिनूक और सूर्य किरण ने आसमान में करतब दिखाए, तो वहां मौजूद लाखों लोग तालियां बजाने लगे।
संगम नगरी प्रयागराज के आसमान में रविवार दोपहर से शाम तक अद्भुत नजारा दिखा। सबसे बड़े एयर शो में भारतीय वायुसेना के विमान सारंग, चिनूक और सूर्य किरण ने आसमान में करतब दिखाए, तो वहां मौजूद लाखों लोग तालियां बजाने लगे।
दरअसल, आज भारतीय वायुसेना ने अपना 91वां स्थापना दिवस मनाया। इसमें उसके 120 विमानों ने अपना शौर्य दिखाया। सारंग के 5 हेलिकॉप्टर ने हवा में आई और डायमंड की आकृति बनाई। मेक इन इंडिया की तर्ज पर बने पूरी तरह स्वदेशी C-295 विमान पहली बार संगम पर उड़ान भरी। वहीं, मिग-21 BISON ने आखिरी फ्लाई पास्ट किया। दो विमानों ने आसमान में ही मिग-21 को आखिरी सलामी भी दी।
इस एयर शो में पहली बार महिला ग्रुप कैप्टन शालिजा धामी ने भारतीय वायुसेना दिवस की परेड का जिम्मा संभाला। ग्रुप कैप्टन शालिजा धामी कॉम्बैट यूनिट में कमांड अपॉइंटमेंट पाने वाली पहली महिला वायुसेना अधिकारी हैं। उनके पास 2800 घंटे से ज्यादा का फ्लाइंग एक्सपीरिएंस है।
एयरफोर्स का शौर्य देखने के लिए कुंभ मेले के जैसी लाखों लोगों की भीड़ उमड़ी। करीब 20 लाख लोग मौजूद रहे। भीड़ को कंट्रोल करने के लिए जगह-जगह बैरिकेडिंग की गई थी।
एयर चीफ मार्शल बोले- 2032 तक दुनिया की सर्वश्रेष्ठ वायुसेना भारत की होगी
प्रयागराज के बमरौली में आयोजित एयरफोर्स डे की परेड को संबोधित करते हुए एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने कहा कि भारत अपने को 2047 में विकसित देश के रूप में देखना चाहता है। ऐसे में यह सबसे जरूरी हो जाता है कि भारतीय वायु सेना जब 2032 में अपनी 100वीं वर्षगांठ माना रहा हो तब तक दुनिया की वन ऑफ द बेस्ट वायु सेना के रूप में विकसित हो जाए। उन्होंने आगे कहा कि भारतीय मॉडर्न एयरफोर्स केवल एयरफोर्स ही नहीं है,
बल्कि यह स्पेस सुपर पावर के रूप में भी दुनिया के सामने उभर रही है। ऐसे में यह जरूरी हो जाता है कि वैश्विक प्रतिस्पर्धा को देखते हुए भारतीय वायु सेना और वायु सैनिक अपने आप को तकनीकी रूप से और दक्ष वा सक्षम बनाएं।
एयर चीफ मार्शल ने कहा कि पिछले नौ दशकों में भारतीय वायुसेना लगातार विकसित हुई है। आज दुनिया की बेहतरीन वायु सेनाओं में से एक है। लेकिन, क्या इतना काफी है? यदि भारत 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनने की राह पर है, तो 2032 में जब हम 100 वर्ष पूरे करेंगे, तब तक भारतीय वायुसेना को सर्वोत्तम नहीं तो सर्वोत्तम राष्ट्रों में से एक होना चाहिए।
प्रयागराज का आसमान 6 अक्टूबर को अदम्य शौर्य का गवाह बना। जब एयर-शो से पहले वायु सेना के लड़ाकू विमानों ने रिहर्सल किया। राफेल, सुखोई, मिग और जगुआर जैसे प्लेन आसमान में कलाबाजी खाते हुए नजर आए। इन्हें देखने के लिए 10 लाख लोग पहुंचे थे। बादलों के बीच से जगुआर अचानक गर्जना करते हुए आते, फिर चंद सेकेंडों में गायब हो जाते।