भगवा त्याग और बलिदान का प्रतीक" पर गोष्ठी सम्पन्न

गाजियाबाद,बुधवार 16 मार्च 2022,केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के तत्वावधान में "भगवा त्याग और बलिदान का प्रतीक" विषय पर ऑनलाइन गोष्ठी का आयोजन किया गया।यह कोरोना काल में 372 वां वेबिनार था।

भगवा त्याग और बलिदान का प्रतीक" पर गोष्ठी सम्पन्न

भगवा केवल रंग नहीं अपितु त्याग का प्रतीक है-राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य*

गाजियाबाद,बुधवार 16 मार्च 2022,केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के तत्वावधान में "भगवा त्याग और बलिदान का प्रतीक" विषय पर ऑनलाइन गोष्ठी का आयोजन किया गया।यह कोरोना काल में 372 वां वेबिनार था।

केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य ने कहा कि भगवा केवल रंग ही नहीं अपितु जीवन के सर्वस्व समर्पण का नाम है।व्यक्ति जब समाज के लिए पूर्णयता समर्पित हो जाता है तभी वह भगवा वस्त्र पहनने का अधिकारी बनता है।पहले ब्रह्मचर्य,ग्रहस्थ,वानप्रस्थ फिर पूरा पकने के बाद ही संन्यास के योग्य कहलाता है।कुछ लोग भगवे करण की बात करते है भगवा तो भारतीय संस्कृति की आत्मा है।

योगीराज विश्वपाल जयन्त आधुनिक भीम (संस्थापक, गुरुकुल कण्वाश्रम कोटद्वार) ने कहा कि प्रातः सूर्य उदय और सायं अस्त होते समय आकाश भी भगवे की लालिमा में नहाये होते है और सर्वत्र लालिमा छोड़ रहे होते हैं।यह रंग पूरे देश के लिए अच्छा है,योगी आदित्य नाथ जी ने अपने त्याग,साधना और मेहनत से उत्तर प्रदेश में भगवा लहरा दिया,उत्तरा खण्ड में भी भगवा लहर गया,भगवा पहनकर वैराग्य की ओर,शांति की ओर,ले चलने वाला है,यह देश ही नहीं पूरे विश्व में इसका प्रभाव है।

मुख्य अतिथि कृष्ण कुमार यादव जी ने भगवे की चर्चा त्याग, तपस्या व बलिदान से की।भगवे वस्त्र को संयम और आत्मनियंत्रण का प्रतीक माना जाता है।यह उन संयासियों का रंग है जिन्होंने तप से खुद को तपाया है।शिवाजी, राम,कृष्ण,अर्जुन के रथ का ध्वज भी भगवा था।

राष्ट्रीय मंत्री प्रवीण आर्य ने बताया कि केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के तत्वावधान में विशाल योग साधना शिविर 4 जून से 12 जून 2022 तक गुरुकुल कण्वाश्रम  कोटद्वार पोडीगढ़वाल में आयोजित किया जाएगा।उन्होंने सभीसे "कश्मीर टाइम्स" पिक्चर अधिक से अधिक संख्या में देखने की अपील की।

गायिका प्रवीना ठक्कर,पिंकी आर्या,रचना वर्मा,रजनी चुघ, आशा ढींगरा,वेदिका आर्या,आशा आर्या,ईश्वर देवी,कमला हंस, रविन्द्र गुप्ता,किरण सहगल, राजश्री यादव,रजनी गर्ग,मर्दुल अग्रवाल, कुसुम भंड़ारी आदि के मधुर भजन हुए ।