रेलवे स्टेशन व बस स्टैंड के सामने की सड़क पर गड्ढों की है भरमार

नजीबाबाद : कोटद्वार रोड पर स्थित रेलवे स्टेशन व बस स्टैंड सामने की सड़क पर गड्ढों की है भरमार। आए दिन वाहन पर सवार आने जाने वाले लोगों की परेशानी का सबब बन रहे गहरे गहरे गड्ढे। जबकि सड़क पर इन गड्ढों को कई बार मिट्टी से समतल कराया जा चुका है

रेलवे स्टेशन व बस स्टैंड के सामने की सड़क पर गड्ढों की है भरमार

नजीबाबाद : कोटद्वार रोड पर स्थित रेलवे स्टेशन व बस स्टैंड सामने की सड़क पर गड्ढों की है भरमार। आए दिन वाहन पर सवार आने जाने वाले लोगों की परेशानी का सबब बन रहे गहरे गहरे गड्ढे।

जबकि सड़क पर इन गड्ढों को कई बार मिट्टी से समतल कराया जा चुका है, लेकिन बरसात के पानी से गड्ढों में भरी हुई मिट्टी बह जाती है। जिससे यह गड्ढे अपने पूरे पुराने रूप में आ जाते हैं। सड़क के किनारे दुकानदारों व रेहड़ी,

ठेले वालों का कहना है कि बाहर से आए वाहनों को इन गड्ढों का पता ही नहीं होता और वाहन के गड्ढों में गिरने के कारण चोटिल होते रहते हैं। कई बार तो

बाइकों पर सवार स्कूल जा रहे छोटे छोटे नौनिहाल इन गड्ढों के कारण बाइक से फिसल कर नीचे गिर गंभीर रूप से घायल हो जाते हैं। देखा जाए तो सड़कों के गड्ढे जनता का दर्द बढ़ा रहे हैं। शहर के कई प्रमुख सड़कों पर गड्ढे आमजन की समस्या बने हुए हैं जिसको देखते हुए गड्ढा मुक्त करने का निर्देश दिया था,

लेकिन अधिकारी इस पर कागजी घोड़े दौड़ते रहते हैं। विभाग से जुड़े उच्च अधिकारी तो अपने चेबर से बाहर निकलकर गड्ढों की दशा देखना भी गवारा नहीं समझते हैं और ना ही इनके भरने के कार्य की सही प्रकार से पुष्टि करते हैं। बरसात के मौसम में अगर गड्ढे नहीं भरे जाते हैं तो बरसात होने पर इन सड़कों की

खस्ता हालत और बढ़ जाती है। इनमें पानी भरने से वाहन चालक असंतुलित होकर गिर कर चोटिल होते रहते हैं। सड़कों की मरम्मत गुणवत्ता एवं मानक अनुसार ना होने के कारण चंद दिनों में ही सड़क फिर से उखाड़ने लगती है। करोड़ों रुपए का रोड टैक्स भरने के बाद भी जनता को गड्ढों में सफर करना पड़

रहा है। कुछ जगह सड़कों केे गड्ढे नासूर बने हुए हैंं, लेेेकिन लोक निर्माण विभाग के अधिकारी स्थिति से पूरी तरह अनजान बनेे बैठे है। उन्हें अभी तक जिले की जर्जर सड़कों की संख्या का पता ही नही। अधिकारियों की सुस्ती के चलते सड़कों के निर्माण और पुनः निर्माण पर सवालिया निशान लग रहे हैं। शहर की

लगभग सभी सड़कों की हालत बेहद खस्ता है। सबसे व्यस्ततम सड़क बस स्टैंड व स्टेशन रोड पर तो पता ही नहीं चलता कि सड़क में गड्ढे हैं या गड्ढों में सड़क है। शहर की जर्जर सड़कों के बारे में लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को कोई जानकारी ही नहीं है। सूत्रोंं की माने तो देहात क्षेत्रों की सड़कों की हालत तो

और भी खराब है, दर्जन भर से ज्यादा सड़कों का नामोनिशान ही मिट गया है। सड़क के स्थान पर गहरे गहरे गड्ढे हो गए हैं। जनता आए दिन हादसों का शिकार होती रहती है। जनप्रतिनिधि भी गुहार लगाकर थक चुके हैं। मगर नतीजा शून्य रहता हैै। अधिकारी मौसम बेमौसम बारिश होने का रोना रोते रहते हैं। जबकि

सड़कों की हालत तो काफी पहले से ही खराब रहती है और विभाग के अधिकारी इस बारे में सटीक जानकारी देने से बचते रहते हैं।

अधिकारियों की लापरवाही को देखने से लगता है, कि शायद ही सड़कों की स्थिति सुधर पायेगी क्योंकि सड़कों की जिम्मेदारी तो लोक निर्माण विभाग पर ही है