श्रीराम सुपर 252 और 303 गेहूँ बीज से बिहार के किसानों की गेहूँ उत्पादकता बढ़ी

श्रीराम सुपर 252 और 303 गेहूँ बीज के लॉन्च के बाद इनकी लोकप्रियता बहुत अधिक बढ़ गई है और बिहार के विभिन्न क्षेत्रों के किसान गेहूँ की इन किस्मों को खूब पसंद कर रहे हैं। श्रीराम फ़र्टिलाइज़र्स एण्ड कैमिकल्स के विश्व-विख्यात वैज्ञानिकों ने इन किस्मों को विकसित किया।

श्रीराम सुपर 252 और 303 गेहूँ बीज से बिहार के किसानों की गेहूँ उत्पादकता बढ़ी

श्रीराम सुपर 252 और 303 गेहूँ बीज से बिहार के किसानों की गेहूँ उत्पादकता बढ़ी

     बिहार के किसानों ने श्रीराम सुपर 252 और श्रीराम सुपर 303 गेहूँ बीज की उत्पादकता पर खुशी ज़ाहिर की है। श्रीराम फार्म सोल्यूशन्स ने किसानों की फसल उत्पादकता बढ़ाने में मदद करने के लिए ये आधुनिक अनुसंधान -उन्मुख उत्पाद विकसित किए हैं।

श्रीराम सुपर 252 और 303 गेहूँ बीज के लॉन्च के बाद इनकी लोकप्रियता बहुत अधिक बढ़ गई है और बिहार के विभिन्न क्षेत्रों के किसान गेहूँ की इन किस्मों को खूब पसंद कर रहे हैं। श्रीराम फ़र्टिलाइज़र्स एण्ड कैमिकल्स के विश्व-विख्यात वैज्ञानिकों ने इन किस्मों को विकसित किया।

श्रीराम सुपर 252 और 303 गेहूँ बीज इनकी अनुकूलन क्षमता और उत्पादकता के चलते ये बिहार, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, उत्तराखण्ड एवं तराई क्षेत्रों में गेहूँ किसानों की पहली पसंद बन गए हैं।

श्रीराम सुपर 252 गेहूँ बीज की फसल में ज़्यादा बालियाँ व दाने बड़े और सुनहरे होते हैं और मजबूत कल्लों के कारण गिरने की शिकायत भी नहीं रहती। श्रीराम सुपर 252 जल्दी और देर से बुवाई के लिए भी उपयुक्त है।

बिहार व पूर्वांचल में धान की फसल कटने पर गेहूँ की देर से बुवाई होती हे, इस कारण इस क्षेत्र के किसानों की प्रति एकड़ गेहूँ की उपज देश के अन्य प्रांतों की अपेक्षा बहुत कम है | श्रीराम सुपर 303 गेहूँ की किस्म कम अवधि में भरपूर उत्पादन देने के साथ बीमारियों के प्रति भी सहनशील हे। श्रीराम सुपर 303 गेहूँ किस्म के दाने मोटे, चमकदार और ज़्यादा वज़न के कारण बाज़ार भाव भी अधिक मिलता हे।

सुपौल के किसान  श्री विद्यानंद यादव  ने पिछले साल दिसंबर  में  श्रीराम  सुपर  252 बोया  था | वे  श्रीराम  सुपर  252 की  बेहतर  परफॉरमेंस से काफी प्रभावित हुए  है | उनका  कहना  है  कि श्रीराम  सुपर  252 में  तना  मज़बूत   और बालियों   की  लम्बाई  अधिक  है| अन्य  किस्म   की  तुलना  में   गेहूँ  के  दानों  की  चमक  और  वजन  से  भी  वे  काफी  प्रसन्न  है | वे उपज  के  अंतर  की बात  करते  हुए  कहते  है  कि उन्हें  श्रीराम  सुपर  252 में  22-23 क्विंटल  प्रति  एकड़ उपज  मिली  है जो अन्य  किस्म से 3  क्विंटल  अधिक  है जिसके कारण उन्हें  श्रीराम  सुपर  252 से  रु 6000 प्रति  एकड़ का  अतिरिक्त  मुनाफा  प्राप्त  हुआ | अन्य  किसानों को  भी  श्रीराम  सुपर  252 लगाने  की  सलाह  देते  है |  

बिहार के अन्य किसान श्रीराम सुपर 303 गेहूँ बीज बोने से भी इसी तरह की सफलता पा रहे हैं |

माधेपुरा के मनोज कुमार यादव ने पिछले  साल  अपने  5 एकड़  खेत  में  श्रीराम  सुपर  303 गेहूँ बीज  की  बुवाई की थी  |  उनका  कहना  है  कि इसमें  कल्लों  की  संख्या  अधिक है, और एक बाली  में  70-75 दाने निकलते हैं।  श्रीराम  सुपर 303 गेहूँ से उन्हें 20-22 क्विंटल  प्रति एकड़  उपज  प्राप्त हुई  | उपज की उच्च गुणवत्ता के कारण इसका बाजार  भाव  भी उन्हें ज़्यादा मिला और श्रीराम  सुपर  303 से  उन्हें रु 5000-6000 प्रति एकड़ का अतरिक्त  मुनाफा  प्राप्त  हुआ  | अगले  साल मनोज अपनी  पूरी  ज़मीन  पर  श्रीराम  सुपर  303 बीज  ही  लगाएंगे|

श्रीराम  सुपर  252  और 303 गेहूं  बीज  के  साथ  साथ , श्रीराम  फार्म  सोल्यूशन्स  की अन्य  किस्में जैसे  श्रीराम  सुपर  231 व अन्य  किस्में भी  पिछले  कुछ  सालों  से  अपनी  शानदार  परफॉरमेंस  के  चलते  बिहार के किसानो  में  बेहलोकप्रिय  हो गयी  हैं|  
श्रीराम फार्म सोल्यूशन्स
श्रीराम फार्म सोल्यूशन्स 131 वर्ष पुराने एक अग्रणी बिज़नेस ग्रुप -डीसीएम श्रीराम लिमिटेड का एकभाग है, जिसका टर्नओवर रु 7,767 करोड़ है। श्रीराम फार्म सोल्यूशन्स
एग्री-इनपुट जैसे बीज, स्पेशलटी न्यूट्रिशन एवं फसल संरक्षण श्रेणियों के कारोबार में सक्रिय है।