डीएम से की औषधी निरीक्षक दफ्तर में हो रहे भ्रष्टाचार की शिकायत
बुलन्दशहर : जिले भर में बिना ड्रग लाईसेंस के ही संचालित हो रहे मेडिकल स्टोरों की लिखित शिकायत तक करना भी कोई पहाड़ तोड़ने जैसा काम साबित हो रहा है और तो और इन मेडिकल स्टोरों के संचालकों को विभाग के ही एक कथित कर्मचारी का संरक्षण भी प्राप्त है जिसके चलते जब भी ऐसे फर्जी मेडिकल स्टोरों की शिकायत होती है
आज का मुद्दा
बुलन्दशहर : जिले भर में बिना ड्रग लाईसेंस के ही संचालित हो रहे मेडिकल स्टोरों की लिखित शिकायत तक करना भी कोई पहाड़ तोड़ने जैसा काम साबित हो रहा है
और तो और इन मेडिकल स्टोरों के संचालकों को विभाग के ही एक कथित कर्मचारी का संरक्षण भी प्राप्त है जिसके चलते जब भी ऐसे फर्जी मेडिकल स्टोरों की शिकायत होती है
तो ड्रग इंस्पेक्टर के छापे की सूचना पहले ही उक्त कर्मचारी द्वारा लीक कर दी जाती है।
बता दें कि औषधी निरीक्षक कार्यालय में राजेश कुमार नाम का एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी कार्यरत है
जिसके कारनामों के चर्चे दूर दूर तक मशहूर है वहीं कर्मी राजेश कुमार के सरंक्षण में दर्जनों मेडिकल स्टोर बिना ड्रग लाईसेंस के ही अवैध रूप से चल रहे हैं और इन मेडिकल स्टोरों के संचालक समय-समय पर अपने आका राजेश कुमार, को नजराना भी भेजते रहते है
वहीं जब कोई भी इन फर्जी मेडिकल स्टोरों की शिकायत करता है
तो कार्यवाही की सूचना पहले ही उन मेडिकल स्टोरों के संचालकों तक पहुंच जाती है शुक्रवार को जिले के जहांगीराबाद कस्बे में अवैध रूप से खुले हुए चार
मेडिकल स्टोरों की लिखित शिकायत लेकर जब कथित पत्रकार औषधि निरीक्षक कार्यालय में पहुंचे तो ड्रग इंस्पेक्टर दीपा लाल के सामने ही उक्त शिकायत को कर्मी राजेश और स्टेनो हरविंदर ने लेने से साफ इंकार करते हुए
बदसलूकी भी की जिससे शिकायतकर्ता ने डीएम से औषधी निरीक्षक कार्यालय में हो रहे भ्रष्टाचार और वहां के कर्मियों के काले कारनामों की लिखित शिकायत डीएम को देकर कार्यवाही की मांग की है ।