नगीना के मतलूब नैशनल अवार्ड व स्टेट अवार्ड से हो चुके है अपने कार्य के लिए सम्मानित
नगीना : लगभग दो वर्ष बाद कोरोना संकट गुजरने के बाद सूरज कुंड में लगे अंतरराष्ट्रीय हस्त शिल्प मेले में फिर से रोनक नज़र आई।
नगीना : लगभग दो वर्ष बाद कोरोना संकट गुजरने के बाद सूरज कुंड में लगे अंतरराष्ट्रीय हस्त शिल्प मेले में फिर से रोनक नज़र
आई। छत्तीस वे सूरज कुंड मेले में खरीदारों व दस्तकारो के चेहरों पर आई रौनक देखते ही बनती थी 19 फरवरी तक लगे इस मेले मे कई बड़े कार्य अंजाम दिए गए और करोड़ों रुपए का कारोबार हुआ।
हस्त शिल्प मेले मे शिल्प गुरु मोहम्मद मतलूब जो कि नगीना निवासी है उनके स्टाल पर काफी भीड़ नज़र आई।
और मुग़ल क़ालीन नक्काशी के उत्पादों के लिए मोहम्मद मतलूब को इटली व जर्मनी से चार लाख के ऑडर मिले। मोहम्मद मतलूब व
उनके पुत्र मोहम्मद मरहूब मेले में लोगो के सामने मुगल क़ालीन वूडन आर्ट्स को प्रदाशित कर रहें हैं उनके हाथों की बनाई गई सुंदर चीजों को पर्यटक बहुत पसंद कर रहे हैं
दैनिक आज के मुद्दे के संवाददाता यासिर शमसी से बात करते हुए कहा कि जब उनकी उम्र पांच साल की थी तो उन्होंने अपने ताया अब्दुल रेहमान से मुग़ल क़ालीन आर्ट की बारीकियां सीखनी शुरू करदी थी।
इसके बाद 1980 मे वह दिल्ली आकर रहने लगे और अपने हाथों से यहां भी नक्काशी के काम को बढ़ाना शुरू किया। साल 2002 मे मोहम्मद मतलूब को नैशनल अवार्ड 2005 मे स्टेट अवार्ड मिला था।
उन्होंने बताया कि व अपनी कला का प्रदर्शन ओमान इंग्लैंड इटली श्रीलंका मिसर बेल्जियम आदि मे भी कर चुके है।
अब उनका पुत्र भी उनके साथ इस काष्ठ कला को आगे बढ़ाने में लगा हुआ है।