पहले दिन आधे से भी कम बच्चे आए स्कूल
नोएडा, 16 जून ()। जिले में करीब 26 दिनों के ग्रीष्मावकाश के बाद बृहस्पतिवार को सरकारी स्कूल खुले। कक्षा-1 से आठवीं तक की नियमित कक्षाएं शुरू हो गई है।
नोएडा, 16 जून (। जिले में करीब 26 दिनों के ग्रीष्मावकाश के बाद बृहस्पतिवार को सरकारी स्कूल खुले।
कक्षा-1 से आठवीं तक की नियमित कक्षाएं शुरू हो गई है।
हालांकि पहले दिन आधे से भी कम विद्यार्थी स्कूल
पहुंचे। शहरी क्षेत्रों में तो विद्यार्थियों की उपस्थिति तीस प्रतिशत तक रही
, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों के 10 प्रतिशत भी
बच्चे भी स्कूल नहीं थे। शिक्षकों ने उपस्थिति बच्चों का होली डे होमवर्क चेक किया
, लेकिन बिना किताबों के काफी
बच्चे बिना होमवर्क किए ही स्कूल आए। कुछ ही बच्चों ने होमवर्क किया था।
सेक्टर-62 नवादा प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूल के हेडमास्टर जोधसिंह भाटी ने बताया कि उनके यहां प्राथमिक
स्कूल में 330 विद्यार्थी पंजीकृत है, इनमें सिर्फ 26 विद्यार्थी ही स्कूल आए। जबकि उच्च प्राथमिक विद्यालय में
311 बच्चे पंजीकृत है, जिनमें से 70 बच्चों की उपस्थिति दर्ज हुई। शिक्षक ने बताया कि स्कूल में 40 प्रतिशत से
भी कम विद्यार्थियों के पास किताबें हैं।
बृहस्पतिवार को उपस्थित रहे कक्षा-1 से आठवीं तक के 76 बच्चों में मात्र
छह से सात बच्चे ही घर से कार्य करके लेकर आए थे,
शेष विद्यार्थियों ने होमवर्क न करने का कारण उनके पास
किताब न होना बताया।
वहीं, गिझौड़ स्थित प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालय की हेडमास्टर शशिबाला ने
बताया कि उनके विद्यालय में 800 विद्यार्थी पंजीकृत है, इनमें 250 बच्चे ही उपस्थित रहे।
काफी कम बच्चे
होमवर्क करके लाए थे। बच्चे कम होने के कारण स्कूल में पढ़ाई भी नहीं हो सकी।
शिक्षकों ने थोड़ा बहुत काम
देकर स्कूल का समय बिताया।
तुगलपुर स्थित उच्च प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक मेघराज भाटी ने बताया कि उनके विद्यालय में 280 बच्चे
पंजीकृत है, इनमें सिर्फ 43 बच्चे ही स्कूल आए।
कोई भी बच्चा होमवर्क करके नहीं आया। कारण बच्चों के पास
किताबें नहीं है। शिक्षकों का कहना है कि नया सत्र अप्रैल से जारी है।
लेकिन अभी तक बच्चों को किताबें नहीं
मिली। सितंबर तक किताब आने की कोई उम्मीद भी नहीं है।
ऐसे में उनके सामने बच्चों को पढ़ाना मुश्किल हो
रहा है। बिना किताब बच्चों को काम भी नहीं दिया जा सकता।
वहीं, विद्यार्थियों की उपस्थिति सोमवार से बढ़ने
की बात कहीं जा रही हैं। शिक्षकों का कहना है
कि अक्सर छुट्टियां खत्म होने के दो से चार दिनों तक बच्चों की
संख्या कम ही रहती है, इसके बाद धीरे धीरे बच्चे स्कूल आने शुरू हो जाते हैं।